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एक मुट्ठी अनाजपर भी अधिकार नहीं  [Wisdom Story]
बोध कथा - छोटी सी कहानी (प्रेरक कहानी)

एक बड़ा सुन्दर मकान है। उसके नीचे अनाजकी दूकान है। दूकानके सामने अनाजकी ढेरी लगी है। एक बकरा आया। उसने ढेरीपर मुँह मारा। दुकानका मालिक एक तरुण धनी दूकानपर बैठा था। उसके हाथमें नुकीली छड़ी थी। उसने बकरेके सिरपर जोरसे छड़ी मार दी। बकरा में में करता हुआ भागा।श्रीनारदजी तथा श्रीअङ्गिराजी अपनी राह जा रहे थे। बकरेकी उपर्युक्त घटना देखकर नारदजीको हँसी आ गयी। अङ्गिराजीने इस हँसीका रहस्य पूछा। तब नारदजीने बताया कि 'यह अनाजकी दूकान पहले बहुत • छोटी थी। इसके मालिकने इसी दूकानसे अपने व्यापारकी प्रतिष्ठा की। वह अन्तमें करोड़पति हो गया। उसीने यह इतनी बड़ी इमारत बनवायी। वह बहुतबड़े-बड़े व्यापार करने लगा। परंतु अनाजकी बुनियादी दूकानको अपने रहनेके मकानके नीचे ही रखा; क्योंकि इसी दूकानसे उसकी क्रमशः उन्नति हुई थी। मालिक मर गया। उसका बेटा उत्तराधिकारी हुआ। वही तरुण दूकानपर बैठा है, जिसने बकरेको छड़ीसे मारकर भगाया है। यह इस दूकानपर रोज घंटेभर आकर बैठता है। काम-काज तो नौकर करते हैं। मुझे हँसी इसबातपर आ गयी कि दूकानका वह मालिक – इस तरुणका पिता ही बकरेकी योनिमें पैदा हुआ है। यही एक दिन इस दूकानका, मकानका और सारे कारोबारका मालिक था; पर आज एक मुट्ठी अनाजपर भी उसका अधिकार नहीं है। अनाजकी ओर मुँह करते ही मार पड़ती है और जिस पुत्रको बड़े प्यारसे पाला-पोसा, वही मारता है। यही है जगत्का स्वरूप।'



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ek mutthee anaajapar bhee adhikaar naheen

ek bada़a sundar makaan hai. usake neeche anaajakee dookaan hai. dookaanake saamane anaajakee dheree lagee hai. ek bakara aayaa. usane dhereepar munh maaraa. dukaanaka maalik ek tarun dhanee dookaanapar baitha thaa. usake haathamen nukeelee chhada़ee thee. usane bakareke sirapar jorase chhada़ee maar dee. bakara men men karata hua bhaagaa.shreenaaradajee tatha shreeangiraajee apanee raah ja rahe the. bakarekee uparyukt ghatana dekhakar naaradajeeko hansee a gayee. angiraajeene is hanseeka rahasy poochhaa. tab naaradajeene bataaya ki 'yah anaajakee dookaan pahale bahut • chhotee thee. isake maalikane isee dookaanase apane vyaapaarakee pratishtha kee. vah antamen karoda़pati ho gayaa. useene yah itanee bada़ee imaarat banavaayee. vah bahutabada़e-bada़e vyaapaar karane lagaa. parantu anaajakee buniyaadee dookaanako apane rahaneke makaanake neeche hee rakhaa; kyonki isee dookaanase usakee kramashah unnati huee thee. maalik mar gayaa. usaka beta uttaraadhikaaree huaa. vahee tarun dookaanapar baitha hai, jisane bakareko chhada़eese maarakar bhagaaya hai. yah is dookaanapar roj ghantebhar aakar baithata hai. kaama-kaaj to naukar karate hain. mujhe hansee isabaatapar a gayee ki dookaanaka vah maalik – is tarunaka pita hee bakarekee yonimen paida hua hai. yahee ek din is dookaanaka, makaanaka aur saare kaarobaaraka maalik thaa; par aaj ek mutthee anaajapar bhee usaka adhikaar naheen hai. anaajakee or munh karate hee maar pada़tee hai aur jis putrako bada़e pyaarase paalaa-posa, vahee maarata hai. yahee hai jagatka svaroopa.'

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