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चित्तकी वासनाओंसे मुक्तिका उपाय  [आध्यात्मिक कहानी]
Hindi Story - प्रेरक कथा (Moral Story)

चित्तकी वासनाओंसे मुक्तिका उपाय

हम अकसर यह सोचते हैं कि भजन करनेसे पूर्व हमारा चित्त पूर्णरूपसे निर्द्वन्द्व हो जाय और चित्तमें पूर्णरूपसे शुचिता व्याप्त हो जाय, तब हम भजन करेंगे। पर क्या कभी आपने सोचा है कि चित्तको पूर्णरूपसे संस्कारों, कुसंस्कारोंसे मुक्ति दिलाना सरल नहीं है। यह अचारके उस बर्तन के समान हैं, जो अचारके पूर्णरूपसे खाली होनेके पश्चात् भी अपनी गन्ध नहीं छोड़ता, चाहे जितना उसे धो लिया जाय। अतः चित्तशुद्धिका उपाय क्या है? अन्तःकरणकी खटपटके चलते इसे गन्धमुक्त करना हो, तो हमें उसमें नामजपरूपी अधिक सुवासित द्रव्य रखकर उसे सुगमतासे शोधित करना चाहिये। यह विषयाभिलाषरूपी गन्धको दरकिनार कर | देगा। अतः नामजपकी उपादेयता हर समय ही स्वतः सिद्ध
हैI [ राजकुमार शामलालजी बगड़िया ]



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chittakee vaasanaaonse muktika upaaya

chittakee vaasanaaonse muktika upaaya

ham akasar yah sochate hain ki bhajan karanese poorv hamaara chitt poornaroopase nirdvandv ho jaay aur chittamen poornaroopase shuchita vyaapt ho jaay, tab ham bhajan karenge. par kya kabhee aapane socha hai ki chittako poornaroopase sanskaaron, kusanskaaronse mukti dilaana saral naheen hai. yah achaarake us bartan ke samaan hain, jo achaarake poornaroopase khaalee honeke pashchaat bhee apanee gandh naheen chhoda़ta, chaahe jitana use dho liya jaaya. atah chittashuddhika upaay kya hai? antahkaranakee khatapatake chalate ise gandhamukt karana ho, to hamen usamen naamajaparoopee adhik suvaasit dravy rakhakar use sugamataase shodhit karana chaahiye. yah vishayaabhilaasharoopee gandhako darakinaar kar | degaa. atah naamajapakee upaadeyata har samay hee svatah siddh
haiI [ raajakumaar shaamalaalajee bagada़iya ]

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