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गरीबोंकी उपेक्षा पूरे समाजके लिये घातक है।  [Spiritual Story]
आध्यात्मिक कथा - हिन्दी कथा (Wisdom Story)

स्काटलैंडके एक नगर में विपत्तिको मारी एक दरिद्र स्त्री आयी। उसके पास न रहनेको स्थान था और न भोजनको अन्न। वह बुढ़िया हो चुकी थी, इससे मजदूरी करनेमें भी असमर्थ थी। उसने घर घर भटककर शरण चाही कि अस्तबलके ही एक कोनेमें उसे कोई आश्रय दे दे; किंतु किसीने उसकी दुर्दशा देखकर भी दया नहीं की। उसे नगरके बाहर एक खुले स्थानमें पड़े रहना पड़ा। भूख और सर्दीके मारे वह बीमार हो गयी। भला दरिद्रको चिकित्सा कौन करता, बीमारी बढ़ती गयी और अन्तमें वह छूत फैलनेवाली बीमारीमें बदल गयी।वह दरिद्र वृद्धा तो मर गयी, किंतु उसके शरीरमें रोगके जो कीटाणु उत्पन्न हुए थे, उन्होंने पूरे नगर में वह रोग फैला दिया। ऐसा घर कोई कदाचित् ही बचा हो जिसमें उस रोगसे उस समय कोई मरा न हो। नगरमें हाहाकार मच गया।

अंग्रेज विद्वान् कार्लाइलने इस घटनाके सम्बन्धमें लिखा है- 'इन धनवानोंने तो जीवनमें उस दरिद्र नारीको अपनी बहिन स्वीकार नहीं किया था; किंतु उसकी मृत्युके पश्चात् उन्हें स्वीकार करना पड़ा कि सचमुच वह उनकी भगिनी थी; क्योंकि उसके सुख एवं स्वास्थ्यमें ही पूरे नगरका सुख और स्वास्थ्य संनिहित था।'-सु0 सिं0



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gareebonkee upeksha poore samaajake liye ghaatak hai.

skaatalaindake ek nagar men vipattiko maaree ek daridr stree aayee. usake paas n rahaneko sthaan tha aur n bhojanako anna. vah buढ़iya ho chukee thee, isase majadooree karanemen bhee asamarth thee. usane ghar ghar bhatakakar sharan chaahee ki astabalake hee ek konemen use koee aashray de de; kintu kiseene usakee durdasha dekhakar bhee daya naheen kee. use nagarake baahar ek khule sthaanamen pada़e rahana pada़aa. bhookh aur sardeeke maare vah beemaar ho gayee. bhala daridrako chikitsa kaun karata, beemaaree badha़tee gayee aur antamen vah chhoot phailanevaalee beemaareemen badal gayee.vah daridr vriddha to mar gayee, kintu usake shareeramen rogake jo keetaanu utpann hue the, unhonne poore nagar men vah rog phaila diyaa. aisa ghar koee kadaachit hee bacha ho jisamen us rogase us samay koee mara n ho. nagaramen haahaakaar mach gayaa.

angrej vidvaan kaarlaailane is ghatanaake sambandhamen likha hai- 'in dhanavaanonne to jeevanamen us daridr naareeko apanee bahin sveekaar naheen kiya thaa; kintu usakee mrityuke pashchaat unhen sveekaar karana pada़a ki sachamuch vah unakee bhaginee thee; kyonki usake sukh evan svaasthyamen hee poore nagaraka sukh aur svaasthy sannihit thaa.'-su0 sin0

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