⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

जरा-मृत्यु नहीं टल सकतीं  [छोटी सी कहानी]
Spiritual Story - Short Story (हिन्दी कथा)

राजा जनकने पञ्चशिख मुनिसे वृद्धावस्था और मृत्युसे बचनेका उपाय पूछा। तब पञ्चशिखने कहा- 'कोई भी मनुष्य जरा और मृत्युसे नहीं बच सकता। अज्ञानी मनुष्य जरा-मृत्युरूपी जलचरोंसे भरे हुए कालरूपी सागरमें नित्य ही बिना नावके डूबते-उतराते रहते हैं। इन्हें कोई नहीं बचा सकता। संसारमें कोई किसीका नहीं है। जैसे राहमें चलते हुए यात्रियोंकी एक-दूसरेसे भेंट हो जाती है, संसारमेंस्त्री-पुत्र और भाई-बन्धुके सम्बन्धको भी ऐसा ही समझना चाहिये। जैसे गरजते हुए बादलोंको हवा अनायास ही एक जगहसे उड़ाकर दूसरी जगह ले जाती है, वैसे ही भूत-प्राणी कालसे प्रेरित होकर हाय-हाय करते हुए मरते और जन्मते रहते हैं। जरा और मृत्यु भेड़ियेकी भाँति दुर्बल और बलवान् तथा नीच और ऊँच, सभीको खा जाती हैं; इसलिये शरीरके लिये शोक नहीं करना चाहिये।'



You may also like these:

हिन्दी कथा अपनी खोज
हिन्दी कथा आतिथ्यधर्म (1)
हिन्दी कथा आनन्दघनकी खीझ
हिन्दी कथा ईश्वर रक्षक है
हिन्दी कथा कृतज्ञताका मूल्य
हिन्दी कथा क्षमाशीलता
हिन्दी कथा गुरुप्राप्ति


jaraa-mrityu naheen tal sakateen

raaja janakane panchashikh munise vriddhaavastha aur mrityuse bachaneka upaay poochhaa. tab panchashikhane kahaa- 'koee bhee manushy jara aur mrityuse naheen bach sakataa. ajnaanee manushy jaraa-mrityuroopee jalacharonse bhare hue kaalaroopee saagaramen nity hee bina naavake doobate-utaraate rahate hain. inhen koee naheen bacha sakataa. sansaaramen koee kiseeka naheen hai. jaise raahamen chalate hue yaatriyonkee eka-doosarese bhent ho jaatee hai, sansaaramenstree-putr aur bhaaee-bandhuke sambandhako bhee aisa hee samajhana chaahiye. jaise garajate hue baadalonko hava anaayaas hee ek jagahase uda़aakar doosaree jagah le jaatee hai, vaise hee bhoota-praanee kaalase prerit hokar haaya-haay karate hue marate aur janmate rahate hain. jara aur mrityu bheda़iyekee bhaanti durbal aur balavaan tatha neech aur oonch, sabheeko kha jaatee hain; isaliye shareerake liye shok naheen karana chaahiye.'

3706 Views





Bhajan Lyrics View All

मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने

New Bhajan Lyrics View All

ओ...अंबे मां मेरी क्यूं मुझको भूल जाती
पड़ा हूं दर पे तेरे मां,
साडी झोंपड़ी च सतगुरू फेरा पा,
भावे थोड़ी देर लई आ ,
मधुराष्टकम
तेरा जादू भोले बाबा ऐसा सर पे छा गया,
मैं फिर से हरिद्वार मैं आ गया...
भोले जी तेरा ना जाने मिलकर बिछड़ना याद