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मृत्युकी खोज  [बोध कथा]
Spiritual Story - बोध कथा (Shikshaprad Kahani)

'टन्-टन्-टन्' गिर्जाघरकी घंटी बजते ही तीनों मित्रोंने अचानक आमोद-प्रमोदसे मन फेर लिया। फलैंडरस जनपदमें किसी व्यक्तिकी मृत्युकी सूचना दी घण्टी-नादने और वे राग-रंग भूलकर शरीरकी नश्वरतापर विचार करने लगे।

* भाई हमलोगोंने आजतक रंगरेलियों में अपने अमूल्य जीवनका दुरुपयोग किया। समय बड़ी निर्ममता से बीतता जा रहा है। हमलोगोंको भी किसी-न-किसी दिन इसी तरह मरना पड़ेगा। हमें मृत्युकी खोजमें लग जाना चाहिये। मनुष्यशरीर अत्यन्त दुर्लभ है।' एक मित्रका प्रस्ताव था और तीनों मृत्युकी खोजमें निकल पड़े वे उस गाँवकी ओर चले जिसमें असंख्य प्राणी महामारी आदिसे कालके गालमें समा रहे थे।

"हम मृत्युकी खोज कर रहे हैं। उसने हमारे अनेक बन्धुबान्धवका नाश किया है। अनेक शिशुओंको पितृहीन कर दिया है। असंख्य युवतियोंको वैधव्यप्रदान किया है।' उन्होंने एक बूढ़े व्यक्तिसे पूछा जो उन्हें गाँवमें प्रवेश करते ही दीख पड़ा। उसके शरीरपर झुर्रियाँ पड़ गयी थीं, कमर झुकी हुई थी और सिर हिल रहा था।

'मृत्युकी खोज बहुत ही कठिन है। तुम उसके पीछे पड़कर अपनी जान क्यों दे रहे हो। वह बड़ी स्वार्थी, कठोर और भयंकर है। यदि तुम उसे देखना ही चाहते हो तो मैंने उसको पेड़के नीचे छोड़ दिया है। सावधान! है वह बड़ी विकराल ।' बूढ़ेने थोड़ी दूरपर स्थित एक जंगली पेड़की ओर संकेत किया। वे दौड़ पड़े।

'हमलोग कितने भाग्यवान् हैं। देखो न, बूढ़ेने हमें कितना धोखा दिया। इस पेड़के नीचे तो अपार स्वर्ण राशि है जिससे हमलोग कई वर्षोंतक आमोद-प्रमोदसे जीवन बिता सकते हैं।' सबसे छोटे मित्रने प्रस्ताव किया कि रात होते ही इसे घर ले चलना चाहिये;दिनमें कोई देख लेगा तो प्राण चले जायँगे। तीनोंकी सम्मति से सबसे छोटेको ही भोजनकी सामग्री लानेके लिये बाजार जाना पड़ा।

'हम दोनों अकेले ही इस धनको आपसमें बाँट लें तो हमारा जीवन विशेषरूपसे सुखमय हो जायगा ।' दोनोंने राय की और छोटेके आते ही उसे कटारसे मार डालनेका निश्चय किया।

इधर छोटे मित्रके मनमें भी धनका लोभ पैदा हुआ। उसने भोज्य और पेय पदार्थमें विष मिला दियाथा उन दोनोंकी जीवन लीला समाप्त कर देनेके लिये। छोटे मित्रका बाजारसे लौटना था कि धनके लोभसे अंधे होकर दोनोंने उसका प्राणान्त कर डाला। पीठमें कटार भोंककर और भोज्य और पेय पदार्थोंको ग्रहण कर आनन्दसे आमोद मनाने लगे। धीरे-धीरे विषका प्रभाव बढ़ता गया और थोड़ी देरमें उन दोनोंने भी सदाके लिये आँखें मूँद लीं। चले थे तीनों मृत्युका नाश करने और नष्ट हो गये स्वयं ।

'मृत्युका दर्शन जंगली वृक्षके नीचे होगा।' - बूढ़ेकी यह बात वातावरणमें परिव्याप्त थी । - रा0 श्री0



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mrityukee khoja

'tan-tan-tan' girjaagharakee ghantee bajate hee teenon mitronne achaanak aamoda-pramodase man pher liyaa. phalaindaras janapadamen kisee vyaktikee mrityukee soochana dee ghantee-naadane aur ve raaga-rang bhoolakar shareerakee nashvarataapar vichaar karane lage.

* bhaaee hamalogonne aajatak rangareliyon men apane amooly jeevanaka durupayog kiyaa. samay bada़ee nirmamata se beetata ja raha hai. hamalogonko bhee kisee-na-kisee din isee tarah marana pada़egaa. hamen mrityukee khojamen lag jaana chaahiye. manushyashareer atyant durlabh hai.' ek mitraka prastaav tha aur teenon mrityukee khojamen nikal pada़e ve us gaanvakee or chale jisamen asankhy praanee mahaamaaree aadise kaalake gaalamen sama rahe the.

"ham mrityukee khoj kar rahe hain. usane hamaare anek bandhubaandhavaka naash kiya hai. anek shishuonko pitriheen kar diya hai. asankhy yuvatiyonko vaidhavyapradaan kiya hai.' unhonne ek boodha़e vyaktise poochha jo unhen gaanvamen pravesh karate hee deekh pada़aa. usake shareerapar jhurriyaan pada़ gayee theen, kamar jhukee huee thee aur sir hil raha thaa.

'mrityukee khoj bahut hee kathin hai. tum usake peechhe pada़kar apanee jaan kyon de rahe ho. vah bada़ee svaarthee, kathor aur bhayankar hai. yadi tum use dekhana hee chaahate ho to mainne usako peड़ke neeche chhoda़ diya hai. saavadhaana! hai vah bada़ee vikaraal .' boodha़ene thoda़ee doorapar sthit ek jangalee peda़kee or sanket kiyaa. ve dauda़ pada़e.

'hamalog kitane bhaagyavaan hain. dekho n, boodha़ene hamen kitana dhokha diyaa. is peda़ke neeche to apaar svarn raashi hai jisase hamalog kaee varshontak aamoda-pramodase jeevan bita sakate hain.' sabase chhote mitrane prastaav kiya ki raat hote hee ise ghar le chalana chaahiye;dinamen koee dekh lega to praan chale jaayange. teenonkee sammati se sabase chhoteko hee bhojanakee saamagree laaneke liye baajaar jaana pada़aa.

'ham donon akele hee is dhanako aapasamen baant len to hamaara jeevan vishesharoopase sukhamay ho jaayaga .' dononne raay kee aur chhoteke aate hee use kataarase maar daalaneka nishchay kiyaa.

idhar chhote mitrake manamen bhee dhanaka lobh paida huaa. usane bhojy aur pey padaarthamen vish mila diyaatha un dononkee jeevan leela samaapt kar deneke liye. chhote mitraka baajaarase lautana tha ki dhanake lobhase andhe hokar dononne usaka praanaant kar daalaa. peethamen kataar bhonkakar aur bhojy aur pey padaarthonko grahan kar aanandase aamod manaane lage. dheere-dheere vishaka prabhaav badha़ta gaya aur thoda़ee deramen un dononne bhee sadaake liye aankhen moond leen. chale the teenon mrityuka naash karane aur nasht ho gaye svayan .

'mrityuka darshan jangalee vrikshake neeche hogaa.' - boodha़ekee yah baat vaataavaranamen parivyaapt thee . - raa0 shree0

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