⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

वेषसे साधु साधु नहीं, गुणोंसे साधु साधु है  [Short Story]
Spiritual Story - प्रेरक कथा (आध्यात्मिक कहानी)

एक साधु प्रातः काल शौचादिसे निवृत्त होकर नदी किनारे एक धोबीके कपड़े धोनेके पत्थरपर खड़े-खड़े ध्यान करने लगे। इतनेमें धोबी गधेपर कपड़े लादे वहाँ आया। उसने कपड़े उतारे और प्रतीक्षा करने लगा कि उसके पत्थरसे साधु हटें तो वह अपना काम प्रारम्भ करे। कुछ देर प्रतीक्षा करनेपर भी जब साधु हटे नहीं तब उसने प्रार्थना की-'महात्माजी! आप पत्थरसे उतरकर किनारे खड़े हों तो मैं अपने काममें लगूँ। मुझे देर हो रही है।'

साधुने धोवीकी बातपर कोई ध्यान नहीं दिया। धोबी कुछ देर और रुका रहा, उसने फिर प्रार्थना की और अन्तमें उकताहटके कारण उसने धीरेसे साधुका हाथ पकड़कर उन्हें पत्थरसे उतारने की चेष्टा की एक धोबीके हाथ पकड़नेसे साधुको अपना अपमान जान पड़ा। उन्होंने उसे धक्का दे दिया।

धोबीकी श्रद्धा साधुका क्रोध देखकर समाप्त होगयी। उसने भी साधुको धक्का देकर पत्थरसे हटा दिया। अब तो साधु महाराज भिड़ गये धोबीसे। दोनोंमें गुत्थमगुत्थ होने लगी। धोबी था बलवान्। उसने साधुको उठाकर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ बैठा ।

नीचे दबे साधु प्रार्थना करने लगे-'मेरे आराध्यदेव ! मैं इतनी श्रद्धा-भक्तिसे आपकी पूजा-आराधना तथा ध्यान करता हूँ, फिर भी आप मुझे इस धोबीसे छुड़ाते क्यों नहीं ?'

साधुने उसी समय आकाशवाणी सुनी- 'तुम्हारी बात ठीक है, हम छुड़ाना भी चाहते हैं; किंतु यही समझमें नहीं आता कि तुम दोनोंमें साधु कौन है और धोबी कौन है।'

इस आकाशवाणीको सुनकर साधुका गर्व नष्ट हो गया। धोबीसे उन्होंने क्षमा माँगी और उसी दिनसे सत्य, क्षमा, दया आदि साधुताके गुणोंको अपनाकर वे सच्चे साधु बन गये। – सु0 सिं0



You may also like these:

हिन्दी कहानी आज्ञापालन
Spiritual Story आपद्धर्म
आध्यात्मिक कथा कुन्तीका त्याग
हिन्दी कहानी दुर्जन-सङ्गका फल
छोटी सी कहानी नित्य अभिन्न
आध्यात्मिक कथा पाँच स्कन्धोंका संघात
आध्यात्मिक कथा व्रज-रजपर निछावर


veshase saadhu saadhu naheen, gunonse saadhu saadhu hai

ek saadhu praatah kaal shauchaadise nivritt hokar nadee kinaare ek dhobeeke kapada़e dhoneke pattharapar khada़e-khada़e dhyaan karane lage. itanemen dhobee gadhepar kapada़e laade vahaan aayaa. usane kapada़e utaare aur prateeksha karane laga ki usake pattharase saadhu haten to vah apana kaam praarambh kare. kuchh der prateeksha karanepar bhee jab saadhu hate naheen tab usane praarthana kee-'mahaatmaajee! aap pattharase utarakar kinaare khada़e hon to main apane kaamamen lagoon. mujhe der ho rahee hai.'

saadhune dhoveekee baatapar koee dhyaan naheen diyaa. dhobee kuchh der aur ruka raha, usane phir praarthana kee aur antamen ukataahatake kaaran usane dheerese saadhuka haath pakada़kar unhen pattharase utaarane kee cheshta kee ek dhobeeke haath pakada़nese saadhuko apana apamaan jaan paड़aa. unhonne use dhakka de diyaa.

dhobeekee shraddha saadhuka krodh dekhakar samaapt hogayee. usane bhee saadhuko dhakka dekar pattharase hata diyaa. ab to saadhu mahaaraaj bhida़ gaye dhobeese. dononmen gutthamagutth hone lagee. dhobee tha balavaan. usane saadhuko uthaakar patak diya aur unake oopar chadha़ baitha .

neeche dabe saadhu praarthana karane lage-'mere aaraadhyadev ! main itanee shraddhaa-bhaktise aapakee poojaa-aaraadhana tatha dhyaan karata hoon, phir bhee aap mujhe is dhobeese chhuda़aate kyon naheen ?'

saadhune usee samay aakaashavaanee sunee- 'tumhaaree baat theek hai, ham chhuda़aana bhee chaahate hain; kintu yahee samajhamen naheen aata ki tum dononmen saadhu kaun hai aur dhobee kaun hai.'

is aakaashavaaneeko sunakar saadhuka garv nasht ho gayaa. dhobeese unhonne kshama maangee aur usee dinase saty, kshama, daya aadi saadhutaake gunonko apanaakar ve sachche saadhu ban gaye. – su0 sin0

76 Views





Bhajan Lyrics View All

फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥

New Bhajan Lyrics View All

पता नहीं कैसे लग जाती है खबर,
श्याम चले आते हैं भक्तों के घर...
गौरा रानी हसकर बोली अपनी मां के कान
मेरो ब्याह करा दे मैया भोले जी के साथ
ना मालूम किसने बहकाया,
पवन सुत अब तक नहीं आया...
चरणों में रखना मैया जी मुझे,
चरणों में रखना माँ,
ऐसी गुराँ ने पिलाई मैनु होश ना रही जी,
कोई होश ना रही जी कोई होश ना रही जी,