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प्रार्थनाका फल  [बोध कथा]
Spiritual Story - Wisdom Story (बोध कथा)

जार्ज मूलरका प्रार्थनामें अटल विश्वास था अपने जीवनमें उन्हें किसी भी दिन निराश नहीं होना पड़ा। एक समयकी बात । वे जहाजसे कनाडा जा रहे थे। अचानक चारों ओर घना कोहरा छा गया। जहाज किसी तरह आगे ही नहीं बढ़ पाता था। कप्तान निराश हो गया। उसे जहाज रोक देना पड़ा। चौबीस घंटे बीत गये, पर आकाश साफ नहीं हो सका।'कप्तान ! मुझे शनिवारको तीसरे पहर क्यूबेक पहुँचना ही है।' मूलरने अपना कार्यक्रम सूचित किया। 'यह असम्भव है।' कप्तानने विवशता प्रकट की।

'ठीक है, यदि आपका जहाज मुझे नहीं पहुँचा सकता तो परमात्मा कोई दूसरा रास्ता निकालेंगे ही। मैंने पिछले सत्तावन सालोंमें किसी भी दिन अपना कार्यक्रम नहीं तोड़ा है। चलिये, हमलोग भगवान्सेप्रार्थना करें।' मूलरने निवेदन किया। कप्तान सोचने लगा कि न जाने किस पागलसे पाला पड़ गया है। पता नहीं है कि किस पागलखानेसे आ गया है!

'मूलर महोदय ! क्या आप देखते हैं कि कितना घना कोहरा है ?' कप्तानने उनका प्रस्ताव टाल दिया।

'मेरा ध्यान कोहरे के घनत्वपर नहीं है; मैं तो चिन्मय परमात्माकी शक्तिमत्ताका चिन्तन कर रहा हूँ; उनकी शक्ति और कृपासे मेरे जीवनकी प्रत्येक परिस्थिति नियन्त्रित है।' ऐसा कहकर मूलरने विनत होकर भगवान् से प्रार्थना की; प्रार्थना समाप्त करनेपरउन्होंने कप्तानको प्रार्थना करनेसे रोक दिया।

'भाई! आपको प्रार्थना करनेकी आवश्यकता नहीं है और न तो आपका इसमें विश्वास ही है। कप्तान! मैं अपने ईश्वरको अच्छी तरह जानता हूँ। मेरे जीवनमें एक दिन भी ऐसा नहीं है जिस दिन उनकी कृपाका मुझे साक्षात्कार न हुआ हो। उठो, दरवाजा खोलो। कोहरा उड़ गया है।' मूलरने विश्वास दिलाया।

कोहरा निःसंदेह उड़ गया था। जार्ज मूलर ठीक समयपर क्यूबेक पहुँच गये। उन्हें प्रार्थनाका पूरा-पूरा फल मिल गया।

- रा0 श्री0



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praarthanaaka phala

jaarj moolaraka praarthanaamen atal vishvaas tha apane jeevanamen unhen kisee bhee din niraash naheen hona pada़aa. ek samayakee baat . ve jahaajase kanaada ja rahe the. achaanak chaaron or ghana kohara chha gayaa. jahaaj kisee tarah aage hee naheen badha़ paata thaa. kaptaan niraash ho gayaa. use jahaaj rok dena pada़aa. chaubees ghante beet gaye, par aakaash saaph naheen ho sakaa.'kaptaan ! mujhe shanivaarako teesare pahar kyoobek pahunchana hee hai.' moolarane apana kaaryakram soochit kiyaa. 'yah asambhav hai.' kaptaanane vivashata prakat kee.

'theek hai, yadi aapaka jahaaj mujhe naheen pahuncha sakata to paramaatma koee doosara raasta nikaalenge hee. mainne pichhale sattaavan saalonmen kisee bhee din apana kaaryakram naheen toda़a hai. chaliye, hamalog bhagavaansepraarthana karen.' moolarane nivedan kiyaa. kaptaan sochane laga ki n jaane kis paagalase paala pada़ gaya hai. pata naheen hai ki kis paagalakhaanese a gaya hai!

'moolar mahoday ! kya aap dekhate hain ki kitana ghana kohara hai ?' kaptaanane unaka prastaav taal diyaa.

'mera dhyaan kohare ke ghanatvapar naheen hai; main to chinmay paramaatmaakee shaktimattaaka chintan kar raha hoon; unakee shakti aur kripaase mere jeevanakee pratyek paristhiti niyantrit hai.' aisa kahakar moolarane vinat hokar bhagavaan se praarthana kee; praarthana samaapt karaneparaunhonne kaptaanako praarthana karanese rok diyaa.

'bhaaee! aapako praarthana karanekee aavashyakata naheen hai aur n to aapaka isamen vishvaas hee hai. kaptaana! main apane eeshvarako achchhee tarah jaanata hoon. mere jeevanamen ek din bhee aisa naheen hai jis din unakee kripaaka mujhe saakshaatkaar n hua ho. utho, daravaaja kholo. kohara uda़ gaya hai.' moolarane vishvaas dilaayaa.

kohara nihsandeh uda़ gaya thaa. jaarj moolar theek samayapar kyoobek pahunch gaye. unhen praarthanaaka pooraa-poora phal mil gayaa.

- raa0 shree0

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