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आत्मदान  [शिक्षदायक कहानी]
Moral Story - आध्यात्मिक कहानी (हिन्दी कहानी)

'महाराजा मेघवाहनके धार्मिक शासनमें भी असहाय और निरपराधका वध हो यह तो घोर लज्जाकी बात है मुझे बचाओ, मेरे प्राण जा रहे हैं।' वनके मध्यभागमें इन शब्दोंको सुनकर काश्मीर-नरेश मेघवाहनने रथ रोक दिया; सेना आगे निकल गयी। महाराज समुद्र बेलावनमें दिग्विजय करते-करते पहुँच गये थे। वे रथसे उतर पड़े और नंगी तलवार लेकर वनके सघन अन्तरालमें जा पहुँचे। वे चौंक पड़े।

'मुझे बचाइये, भद्रपुरुष यह शबर सेनापति मेरा वध करनेको उद्यत है। इस संसारमें मेरा कोई भी सहायक नहीं रह गया है।' वध्य पुरुष चण्डिकाकी प्रतिमाके सामने नतमस्तक था; शबर-सेनापतिके हाथमें नंगी तलवार थी, वह वध करने ही जा रहा था। 'तुम्हारे प्राण सुरक्षित हैं, चिन्ता मत करो।' महाराजने आश्वासन दिया।

"पर मैं इसे नहीं छोड़ सकता। मेरा पुत्र सांघातिक रोगसे पीड़ित है। वह मरणासन्न है। इसके बचनेका उपाय देवताओंने मनुष्यका बलिदान बताया है। आप मेरे पुण्यकर्ममें विघ्न मत डालिये। शबर सेनापतिने विवशता प्रकट की।

"असहाय प्राणीका वध करना महापाप है: धिक्कार है तुम्हें स्वार्थमें अंधे होकर लोग इस प्रकारके पापकार्य में लग सकते हैं, इसका पता मुझे आज चला।' महाराज चिन्तित थे।'देव! यदि असहाय पुरुषकी प्राण-रक्षामें आप इस तरह तत्पर हैं तो मेरे बालकने क्या बिगाड़ा है? यह वध्य पुरुष तो अपने परिवारमें अकेला है, मेरे परिवारके अनेक प्राणियोंका जीवन इस बालककी प्राण-रक्षापर निर्भर है।' शबर सेनापति अपने बालकके प्राणोंकी भिक्षा माँगने लगा।

महाराज मेघवाहन दोनोंकी परिस्थितिपर विचार करने लगे। वे वध्यकी करुणा और वधिककी विवशतासे अभिभूत होकर अपनी तलवारकी ओर देखने लगे।

'तुम निःशङ्क होकर मुझपर खड्गसे प्रहार करो। मेरे प्राण-दानसे असहाय वध्य और तुम्हारे बालक - दो प्राणियोंकी रक्षा हो जायगी। दोनोंकी प्राण-रक्षा मेरा धर्म है, कर्तव्य है।' महाराज मेघवाहन चण्डिकाकी प्रतिमाके सामने नत हो गये। शबर सेनापति काँपने लगा।

'महाराज! आपके द्वारा असंख्य प्राणियोंके प्राण सुरक्षित हैं। आप विशेष दयाके आवेशमें ही ऐसा कार्य करनेकी प्रेरणा दे रहे हैं। आप सोच लीजिये। आपका शरीर तो अनेक प्राणियोंका प्राण-दान करके भी सर्वथा रक्षणीय है, यह अमूल्य है; आप सर्वदेवमय भगवान्के अंश हैं, पृथ्वीपर उनके प्रतिनिधि हैं। राजालोग अपने प्राणोंकी रक्षाके लिये धन, धर्म, परिवार - किसीकी भी चिन्ता नहीं करते।' शबर सेनापतिने असहाय पुरुषके वधपर जोर दिया।'शबर! तुम अपनी दृष्टिसे ठीक ही कहते हो । जिस प्रकार मरुदेशवासी गङ्गाजलके निर्मल स्वाद और स्नानके सुखको नहीं जानते, उसी प्रकार तुम वनचरोंको सदाचाररूपी अमृतके स्वादका पता नहीं लग सकता मैं अपने नश्वर शरीरसे अमर यश खरीद रहा हूँ, तुम दुराग्रह मत करो। तुम यदि मेरा वध नहीं कर सकते तो मैं अपनी तलवारसे ही उसका सम्पादन करता हूँ । मेरे आत्मदानसे भगवती प्रसन्न होंगी। दोनों प्राणियोंकोजीवन मिलेगा।' महाराज आत्मबलिदान करने ही जा रहे थे कि उन्होंने अपने सामने एक दिव्य पुरुषको देखा। शबर-सेनापति, चण्डिकाकी मूर्ति, अवध्य पुरुष और रुग्ण बालक – सब-के-सब अदृश्य हो गये। 'मैं आपके अहिंसा व्रत और प्रजा पालनकी परीक्षा ले रहा था। आप धन्य हैं।' वरुणदेव अपना परिचय देकर अन्तर्धान हो गये।

-रा0 श्री0 (राजतरङ्गिणी)



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aatmadaana

'mahaaraaja meghavaahanake dhaarmik shaasanamen bhee asahaay aur niraparaadhaka vadh ho yah to ghor lajjaakee baat hai mujhe bachaao, mere praan ja rahe hain.' vanake madhyabhaagamen in shabdonko sunakar kaashmeera-naresh meghavaahanane rath rok diyaa; sena aage nikal gayee. mahaaraaj samudr belaavanamen digvijay karate-karate pahunch gaye the. ve rathase utar pada़e aur nangee talavaar lekar vanake saghan antaraalamen ja pahunche. ve chaunk pada़e.

'mujhe bachaaiye, bhadrapurush yah shabar senaapati mera vadh karaneko udyat hai. is sansaaramen mera koee bhee sahaayak naheen rah gaya hai.' vadhy purush chandikaakee pratimaake saamane natamastak thaa; shabara-senaapatike haathamen nangee talavaar thee, vah vadh karane hee ja raha thaa. 'tumhaare praan surakshit hain, chinta mat karo.' mahaaraajane aashvaasan diyaa.

"par main ise naheen chhoda़ sakataa. mera putr saanghaatik rogase peeda़it hai. vah maranaasann hai. isake bachaneka upaay devataaonne manushyaka balidaan bataaya hai. aap mere punyakarmamen vighn mat daaliye. shabar senaapatine vivashata prakat kee.

"asahaay praaneeka vadh karana mahaapaap hai: dhikkaar hai tumhen svaarthamen andhe hokar log is prakaarake paapakaary men lag sakate hain, isaka pata mujhe aaj chalaa.' mahaaraaj chintit the.'deva! yadi asahaay purushakee praana-rakshaamen aap is tarah tatpar hain to mere baalakane kya bigaada़a hai? yah vadhy purush to apane parivaaramen akela hai, mere parivaarake anek praaniyonka jeevan is baalakakee praana-rakshaapar nirbhar hai.' shabar senaapati apane baalakake praanonkee bhiksha maangane lagaa.

mahaaraaj meghavaahan dononkee paristhitipar vichaar karane lage. ve vadhyakee karuna aur vadhikakee vivashataase abhibhoot hokar apanee talavaarakee or dekhane lage.

'tum nihshank hokar mujhapar khadgase prahaar karo. mere praana-daanase asahaay vadhy aur tumhaare baalak - do praaniyonkee raksha ho jaayagee. dononkee praana-raksha mera dharm hai, kartavy hai.' mahaaraaj meghavaahan chandikaakee pratimaake saamane nat ho gaye. shabar senaapati kaanpane lagaa.

'mahaaraaja! aapake dvaara asankhy praaniyonke praan surakshit hain. aap vishesh dayaake aaveshamen hee aisa kaary karanekee prerana de rahe hain. aap soch leejiye. aapaka shareer to anek praaniyonka praana-daan karake bhee sarvatha rakshaneey hai, yah amooly hai; aap sarvadevamay bhagavaanke ansh hain, prithveepar unake pratinidhi hain. raajaalog apane praanonkee rakshaake liye dhan, dharm, parivaar - kiseekee bhee chinta naheen karate.' shabar senaapatine asahaay purushake vadhapar jor diyaa.'shabara! tum apanee drishtise theek hee kahate ho . jis prakaar marudeshavaasee gangaajalake nirmal svaad aur snaanake sukhako naheen jaanate, usee prakaar tum vanacharonko sadaachaararoopee amritake svaadaka pata naheen lag sakata main apane nashvar shareerase amar yash khareed raha hoon, tum duraagrah mat karo. tum yadi mera vadh naheen kar sakate to main apanee talavaarase hee usaka sampaadan karata hoon . mere aatmadaanase bhagavatee prasann hongee. donon praaniyonkojeevan milegaa.' mahaaraaj aatmabalidaan karane hee ja rahe the ki unhonne apane saamane ek divy purushako dekhaa. shabara-senaapati, chandikaakee moorti, avadhy purush aur rugn baalak – saba-ke-sab adrishy ho gaye. 'main aapake ahinsa vrat aur praja paalanakee pareeksha le raha thaa. aap dhany hain.' varunadev apana parichay dekar antardhaan ho gaye.

-raa0 shree0 (raajataranginee)

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