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जरूरतमन्दकी मदद  [हिन्दी कथा]
Moral Story - छोटी सी कहानी (Shikshaprad Kahani)

जरूरतमन्दकी मदद

अफ्रीकामें एक छोटा-सा देश है बासुतोलैण्ड ! यहाँका अधिकांश क्षेत्र घने जंगलोंसे घिरा हुआ है। इन्हीं जंगलोंके बीच कावु गाँवमें बिसाऊ नामक युवक रहता था। वह जंगलमें शिकार करके ही अपना गुजारा करता था। एक दिन बिसाऊ जंगलमें शिकार करने गया। शिकारकी तलाशमें वह काफी दूर निकल गया। इस बीच दोपहर हो गयी। बिसाऊ बुरी तरह थक गया था। भूख-प्याससे बेहाल होकर वह जंगलके भीतर बढ़ता गया। चलते-चलते वह सासे नामक शहरमें पहुँच गया। वहाँ उसे एक हवेली दिखायी दी। बिसाऊने दरवाजा खटखटाया तो एक गोरा साहब निकलकर बाहर आया। गँवई वेशभूषावाले एक काले युवकको देख उसने गुस्सेसे पूछा- 'क्या बात है ?' बिसाऊ सहम गया। बोला-'साहब! प्याससे दम निकला जा रहा है। पानी पिलाकर रहम कीजिये।'
पर गोरे साहबको दया नहीं आयी। उन्होंने उसे अपमानितकर बाहर निकाल दिया। बिसाऊ किसी तरह गिरते-पड़ते अपने घर पहुँचा।
कई महीने बादकी बात है। एक दिन वही गोरे साहब जंगलमें शिकार खेलने गये, पर उस दिन उन्हें कोई शिकार नहीं मिला। जंगलमें भटकते-भटकते वे बिसाऊके गाँवमें पहुँच गये। तबतक रात हो चली थी। वे एक झोपड़ीके सामने पहुँचे। वह झोपड़ी बिसाऊकी थी। गोरे साहबने आवाज लगायी। बिसाऊ बाहर निकला। जैसे ही उसकी नजर उनपर पड़ी, वह उन्हें पहचान गया, पर गोरे साहब उसे पहचान नहीं पाये। उन्होंने बिसाऊसे रातभरके लिये आश्रय माँगा। बिसाऊ तुरंत तैयार हो गया।
उसके पास जो भी रूखा-सूखा खाना था, उसीसे गोरे साहबकी सेवा की। गोरे साहबको सोनेके लिये अपना बिस्तर दिया और खुद जमीनपर सोया। सुबह हुई तो साहबने बिसाऊको धन्यवाद दिया और शहरका रास्ता पूछा। बिसाऊने कहा- चलिये, मैं आपको छोड़ आता हूँ।
साहबकी हवेलीके पास पहुँचकर बिसाऊने वापस जानेकी इजाजत माँगी। गोरे साहबने कहा-' -'तुमने मेरा इतना आदर-सत्कार किया। अब मुझे भी तुम्हारे लिये कुछ करने दो। चलो, चलकर मेरे साथ नाश्ता करो।'
बिसाऊ बोला- 'साहब! आप मेरी सेवाके बदले में मेरा सत्कार करना चाहते हैं? यह ठीक नहीं है।' फिर उसने पुरानी बात साहबको याद दिलायी और कहा 'जरूरतमन्द व्यक्तिकी मदद हमेशा करनी चाहिये। आखिर सभीको एक-दूसरेकी जरूरत पड़ती है। यही इन्सानी धर्म भी है।' इतना कहकर बिसाऊ अपने गाँवकी ओर चल पड़ा। गोरे साहबका सिर शर्मके मारे झुक गया।
जरूरतमन्दकी सेवा ईश्वरकी सेवा है।



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jarooratamandakee madada

jarooratamandakee madada

aphreekaamen ek chhotaa-sa desh hai baasutolaind ! yahaanka adhikaansh kshetr ghane jangalonse ghira hua hai. inheen jangalonke beech kaavu gaanvamen bisaaoo naamak yuvak rahata thaa. vah jangalamen shikaar karake hee apana gujaara karata thaa. ek din bisaaoo jangalamen shikaar karane gayaa. shikaarakee talaashamen vah kaaphee door nikal gayaa. is beech dopahar ho gayee. bisaaoo buree tarah thak gaya thaa. bhookha-pyaasase behaal hokar vah jangalake bheetar badha़ta gayaa. chalate-chalate vah saase naamak shaharamen pahunch gayaa. vahaan use ek havelee dikhaayee dee. bisaaoone daravaaja khatakhataaya to ek gora saahab nikalakar baahar aayaa. ganvaee veshabhooshaavaale ek kaale yuvakako dekh usane gussese poochhaa- 'kya baat hai ?' bisaaoo saham gayaa. bolaa-'saahaba! pyaasase dam nikala ja raha hai. paanee pilaakar raham keejiye.'
par gore saahabako daya naheen aayee. unhonne use apamaanitakar baahar nikaal diyaa. bisaaoo kisee tarah girate-pada़te apane ghar pahunchaa.
kaee maheene baadakee baat hai. ek din vahee gore saahab jangalamen shikaar khelane gaye, par us din unhen koee shikaar naheen milaa. jangalamen bhatakate-bhatakate ve bisaaooke gaanvamen pahunch gaye. tabatak raat ho chalee thee. ve ek jhopada़eeke saamane pahunche. vah jhopada़ee bisaaookee thee. gore saahabane aavaaj lagaayee. bisaaoo baahar nikalaa. jaise hee usakee najar unapar pada़ee, vah unhen pahachaan gaya, par gore saahab use pahachaan naheen paaye. unhonne bisaaoose raatabharake liye aashray maangaa. bisaaoo turant taiyaar ho gayaa.
usake paas jo bhee rookhaa-sookha khaana tha, useese gore saahabakee seva kee. gore saahabako soneke liye apana bistar diya aur khud jameenapar soyaa. subah huee to saahabane bisaaooko dhanyavaad diya aur shaharaka raasta poochhaa. bisaaoone kahaa- chaliye, main aapako chhoda़ aata hoon.
saahabakee haveleeke paas pahunchakar bisaaoone vaapas jaanekee ijaajat maangee. gore saahabane kahaa-' -'tumane mera itana aadara-satkaar kiyaa. ab mujhe bhee tumhaare liye kuchh karane do. chalo, chalakar mere saath naashta karo.'
bisaaoo bolaa- 'saahaba! aap meree sevaake badale men mera satkaar karana chaahate hain? yah theek naheen hai.' phir usane puraanee baat saahabako yaad dilaayee aur kaha 'jarooratamand vyaktikee madad hamesha karanee chaahiye. aakhir sabheeko eka-doosarekee jaroorat pada़tee hai. yahee insaanee dharm bhee hai.' itana kahakar bisaaoo apane gaanvakee or chal pada़aa. gore saahabaka sir sharmake maare jhuk gayaa.
jarooratamandakee seva eeshvarakee seva hai.

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अपनी वाणी में अमृत घोल
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