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भगवान् सब अच्छा ही करते हैं  [हिन्दी कथा]
Spiritual Story - प्रेरक कहानी (बोध कथा)

घटना मिश्र देशकी है। वहाँके एक भगवद्भक्त गृहस्थकी झोपड़ी वनके समीप थी। उसके घरमें उसकी पत्नीके अतिरिक्त तीन प्राणी और थे। एक बैल था, जो बोझा ढोनेके काम आता था। वहीं उस परिवारकी आजीविकाका साधन था क्योंकि उसीकी पीठपर लादकर सामग्री बेचने वह व्यक्ति जाता था। एक कुत्ता था जो उसजंगली प्रदेशमें रात्रिको चौकीदारी करके उस परिवारकी रक्षा करता था। एक तोता था और वह उस संतानहीन पति-पत्नीको बहुत प्यारा था। वह तोता रात्रिके अन्तिम प्रहरमें उस गृहस्थको सदा जगा दिया करता था । 'उठो! भगवान्‌का भजन करो।' --

एक रात्रि वनसे निकलकर सिंह आया और उसनेगृहस्थके बैलको मार दिया। बेचारा कुत्ता सिंहके भयसे ही भागकर घरमें छिप गया था। गृहस्थ सबेरे उठा। मरे हुए बैलको उसने देखा और बोला—'अच्छा हुआ, भगवान् जो करते हैं, अच्छा ही करते हैं। यह उनका विधान है, इसलिये अच्छा ही है।'

पतिकी बात सुनकर पत्नी झल्लायी, परंतु कुछ बोली नहीं। विपत्ति अकेली नहीं आया करती। उसी दिन किसी प्रकार तोता पिंजड़ेसे निकल गया और घरके कुत्तेने ही उसे मार दिया। पुरुषको समाचार मिला तो बोला- 'अच्छा हुआ। प्रभु जो करते हैं, अच्छा ही करते हैं।'

स्त्रीने इस बार सिर पीट लिया, वह इतनी दुःखी थी कि कुछ बोलनेका उसमें साहस ही नहीं था। थोड़ी ही देरमें किसीने बताया कि पता नहीं क्या हुआ, उनका कुत्ता मार्गमें लोट-पोट होने लगा और अब मरा पड़ा है। पुरुष फिर बोला-'अच्छा हुआ, भगवान् जो करते हैं, वह हमारे हितके लिये ही करते हैं।'

इस बार स्त्री उबल पड़ी- 'अब आजीविकाहीन रहकर घरमें पड़े रहो और खर्राटे लेकर सबेरेतक सोओ; क्योंकि भोजन देनेवाला बैल तथा जगानेवालातोता तो चला गया। कुत्ता भी गया, इससे रातमें कोई चीता-भेड़िया हमें तुम्हें भी पेटमें पहुँचा देगा।' जो हो गया था, उसे बदलनेका उपाय नहीं था।

पुरुष इसे भगवान्की कृपा मानकर संतुष्ट था और स्त्री दुःखी थी; किंतु दोनोंको जीवनक्रम तो चलाना ही था। दिन गया और रात्रि आयी। दोनों सो गये। सबेरे उठे तो देखते हैं कि पूरे गाँवमें लाशें ही लाशें बिछी हैं। रात्रिमें डाकुओंने आक्रमण किया था। एक व्यक्ति भी जीवित उन्होंने नहीं छोड़ा। झोपड़ियोंके फूटे बर्तनतक वे उठा ले गये थे। इस झोपड़ीको सुनसान समझकर वे छोड़ गये थे; क्योंकि जंगलके पासके गाँवमें जिस झोपड़ी में कुत्ता न हो, उसमें किसीके रहनेकी सम्भावना नहीं की जा सकती।

पुरुष अपनी पत्नीसे बोला- 'साध्वी! यदि कुत्ता होता तो हम मारे जाते और बाहर बैल बँधा दीखता तो भी मारे जाते। तोता सबेरे हमें जगा देता तो भी डाकू आहट पाकर आ धमकते। तीनों जानवरोंकी मृत्युका विधान दयामय प्रभुने किया था और हमारे मङ्गलके लिये किया था। आज हम इसीलिये जीवित बचे हैं कि वे जानवर हमारे यहाँ नहीं थे।' -सु0 सिं0



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bhagavaan sab achchha hee karate hain

ghatana mishr deshakee hai. vahaanke ek bhagavadbhakt grihasthakee jhopada़ee vanake sameep thee. usake gharamen usakee patneeke atirikt teen praanee aur the. ek bail tha, jo bojha dhoneke kaam aata thaa. vaheen us parivaarakee aajeevikaaka saadhan tha kyonki useekee peethapar laadakar saamagree bechane vah vyakti jaata thaa. ek kutta tha jo usajangalee pradeshamen raatriko chaukeedaaree karake us parivaarakee raksha karata thaa. ek tota tha aur vah us santaanaheen pati-patneeko bahut pyaara thaa. vah tota raatrike antim praharamen us grihasthako sada jaga diya karata tha . 'utho! bhagavaan‌ka bhajan karo.' --

ek raatri vanase nikalakar sinh aaya aur usanegrihasthake bailako maar diyaa. bechaara kutta sinhake bhayase hee bhaagakar gharamen chhip gaya thaa. grihasth sabere uthaa. mare hue bailako usane dekha aur bolaa—'achchha hua, bhagavaan jo karate hain, achchha hee karate hain. yah unaka vidhaan hai, isaliye achchha hee hai.'

patikee baat sunakar patnee jhallaayee, parantu kuchh bolee naheen. vipatti akelee naheen aaya karatee. usee din kisee prakaar tota pinjada़ese nikal gaya aur gharake kuttene hee use maar diyaa. purushako samaachaar mila to bolaa- 'achchha huaa. prabhu jo karate hain, achchha hee karate hain.'

streene is baar sir peet liya, vah itanee duhkhee thee ki kuchh bolaneka usamen saahas hee naheen thaa. thoda़ee hee deramen kiseene bataaya ki pata naheen kya hua, unaka kutta maargamen lota-pot hone laga aur ab mara paड़a hai. purush phir bolaa-'achchha hua, bhagavaan jo karate hain, vah hamaare hitake liye hee karate hain.'

is baar stree ubal pada़ee- 'ab aajeevikaaheen rahakar gharamen pada़e raho aur kharraate lekar saberetak soo; kyonki bhojan denevaala bail tatha jagaanevaalaatota to chala gayaa. kutta bhee gaya, isase raatamen koee cheetaa-bheda़iya hamen tumhen bhee petamen pahuncha degaa.' jo ho gaya tha, use badalaneka upaay naheen thaa.

purush ise bhagavaankee kripa maanakar santusht tha aur stree duhkhee thee; kintu dononko jeevanakram to chalaana hee thaa. din gaya aur raatri aayee. donon so gaye. sabere uthe to dekhate hain ki poore gaanvamen laashen hee laashen bichhee hain. raatrimen daakuonne aakraman kiya thaa. ek vyakti bhee jeevit unhonne naheen chhoda़aa. jhopada़iyonke phoote bartanatak ve utha le gaye the. is jhopada़eeko sunasaan samajhakar ve chhoda़ gaye the; kyonki jangalake paasake gaanvamen jis jhopada़ee men kutta n ho, usamen kiseeke rahanekee sambhaavana naheen kee ja sakatee.

purush apanee patneese bolaa- 'saadhvee! yadi kutta hota to ham maare jaate aur baahar bail bandha deekhata to bhee maare jaate. tota sabere hamen jaga deta to bhee daakoo aahat paakar a dhamakate. teenon jaanavaronkee mrityuka vidhaan dayaamay prabhune kiya tha aur hamaare mangalake liye kiya thaa. aaj ham iseeliye jeevit bache hain ki ve jaanavar hamaare yahaan naheen the.' -su0 sin0

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