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इच्छाओंकी डोरसे ही बन्धन  [Story To Read]
Wisdom Story - Story To Read (छोटी सी कहानी)

(2)

इच्छाओंकी डोरसे ही बन्धन

एक सूफी सन्त बाजारसे निकल रहे थे। साथमें शिष्योंका जमघट भी था। उन्होंने देखा कि एक आदमी गायकी रस्सी पकड़े उसे साथ लिये जा रहा है। उन्होंने उसे रोका और शिष्योंसे पूछा कि बताओ कौन किसके साथ बँधा है, आदमी इस गायके साथ या गाय इस आदमीके साथ ?
शिष्य तत्काल बोल उठे-बँधी तो गाय ही है आदमीके साथ। वह जहाँ चाहे, इसे खींचकर ले जा सकता है। सन्त मुसकराये और बोले-अब देखो जरा और ऐसा कहकर उन्होंने अपने सामानसे कैंची निकाली और गायकी रस्सी काट डाली। रस्सीके कटते ही गाय तेजी से भाग चली। उसके मालिकने दौड़कर बड़ी मुश्किलसे गायको वापस पकड़ा।
सन्तने बात समझायी - इस गायकी इस आदमीमें कोई रुचि नहीं है, तभी तो रस्सी कटते ही वह भाग चली। वास्तवमें तो वह आदमी ही इस गायसे बँधा है हम सब भी अपनी-अपनी इच्छाओंकी डोरसे तमाम चीजोंसे बँधे रहते हैं और फिर भी अपनेको आजाद और खुदाका बन्दा समझते हैं।



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ichchhaaonkee dorase hee bandhana

(2)

ichchhaaonkee dorase hee bandhana

ek soophee sant baajaarase nikal rahe the. saathamen shishyonka jamaghat bhee thaa. unhonne dekha ki ek aadamee gaayakee rassee pakada़e use saath liye ja raha hai. unhonne use roka aur shishyonse poochha ki bataao kaun kisake saath bandha hai, aadamee is gaayake saath ya gaay is aadameeke saath ?
shishy tatkaal bol uthe-bandhee to gaay hee hai aadameeke saatha. vah jahaan chaahe, ise kheenchakar le ja sakata hai. sant musakaraaye aur bole-ab dekho jara aur aisa kahakar unhonne apane saamaanase kainchee nikaalee aur gaayakee rassee kaat daalee. rasseeke katate hee gaay tejee se bhaag chalee. usake maalikane dauda़kar bada़ee mushkilase gaayako vaapas pakada़aa.
santane baat samajhaayee - is gaayakee is aadameemen koee ruchi naheen hai, tabhee to rassee katate hee vah bhaag chalee. vaastavamen to vah aadamee hee is gaayase bandha hai ham sab bhee apanee-apanee ichchhaaonkee dorase tamaam cheejonse bandhe rahate hain aur phir bhee apaneko aajaad aur khudaaka banda samajhate hain.

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मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
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मुख से जप ले नमः शवाए
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मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
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कीरत मैया दे दे बधाई
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
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दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
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