⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

सिर झुकता है, पगड़ी नहीं  [Story To Read]
शिक्षदायक कहानी - Hindi Story (आध्यात्मिक कहानी)

सिर झुकता है, पगड़ी नहीं

'तुम चारण-जातिके होकर भी सभाकी रीति नीति नहीं जानते। मुझे तो यह जानकारी थी कि राजपूतानेके चारण बड़े ही विद्वान् तथा कवि भी होते हैं। तुमने यहाँ आकर दरबारके नियमके अनुसार अभिवादन न करके शिष्टाचारका पालन नहीं किया। ऐसा प्रतीत होता है कि तुम एक अपढ़ अशिष्ट व्यक्ति हो, जो दरबारमें मेरे सामने उपस्थित हुए हो।' अकबरने ये शब्द शीतल नामक चारणसे कहे। शीतलने बड़ी सहजतासे उत्तर दिया- 'जहाँपनाह, धृष्टता क्षमा करें। भला मेरी क्या मजाल कि मैं आपको सलाम न करूँ। बात यह है हुजूर कि 'मेरे सिरपर बँधी पगड़ी महाराणा प्रतापसे मुझे भेंटमें प्राप्त हुई है और महाराणा प्रताप आजतक शत्रुके सम्मुख कभी भी नत नहीं हुए।' आप ही बताइये सरकार, क्या मुझे महाराणाकी पगड़ीको इस प्रकार झुकानेका अधिकार है? मैंने इसीलिये आपका अभिवादन नहीं किया।'
इतना कहकर उसने पगड़ी अपने हाथमें ले ली और सिर झुका दिया। राजस्थानकी पगड़ी नहीं झुकती। शीतलका सिर तो नत हुआ, परंतु मन नहीं।
शेरकी गुफार्मे जाकर ललकारना कोई सरल कार्य नहीं। शीतलने वही किया, जो एक देशभक्तको करना चाहिये। [ श्रीप्रह्लादवनजी गोस्वामी ]



You may also like these:

हिन्दी कथा सद्गुरुकी सीख
प्रेरक कहानी देनेका संस्कार
आध्यात्मिक कहानी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा
बोध कथा अपराधी कौन
शिक्षदायक कहानी स्वामिभक्ति धन्य है


sir jhukata hai, pagada़ee naheen

sir jhukata hai, pagada़ee naheen

'tum chaarana-jaatike hokar bhee sabhaakee reeti neeti naheen jaanate. mujhe to yah jaanakaaree thee ki raajapootaaneke chaaran bada़e hee vidvaan tatha kavi bhee hote hain. tumane yahaan aakar darabaarake niyamake anusaar abhivaadan n karake shishtaachaaraka paalan naheen kiyaa. aisa prateet hota hai ki tum ek apadha़ ashisht vyakti ho, jo darabaaramen mere saamane upasthit hue ho.' akabarane ye shabd sheetal naamak chaaranase kahe. sheetalane bada़ee sahajataase uttar diyaa- 'jahaanpanaah, dhrishtata kshama karen. bhala meree kya majaal ki main aapako salaam n karoon. baat yah hai hujoor ki 'mere sirapar bandhee pagada़ee mahaaraana prataapase mujhe bhentamen praapt huee hai aur mahaaraana prataap aajatak shatruke sammukh kabhee bhee nat naheen hue.' aap hee bataaiye sarakaar, kya mujhe mahaaraanaakee pagada़eeko is prakaar jhukaaneka adhikaar hai? mainne iseeliye aapaka abhivaadan naheen kiyaa.'
itana kahakar usane pagada़ee apane haathamen le lee aur sir jhuka diyaa. raajasthaanakee pagada़ee naheen jhukatee. sheetalaka sir to nat hua, parantu man naheen.
sherakee guphaarme jaakar lalakaarana koee saral kaary naheen. sheetalane vahee kiya, jo ek deshabhaktako karana chaahiye. [ shreeprahlaadavanajee gosvaamee ]

176 Views





Bhajan Lyrics View All

हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥

New Bhajan Lyrics View All

कुछ कर्म जगत में कर ऐसे,
तेरे तीनों लोक संवर जायें,
अपनी मर्ज़ी नहीं चलदी, तुसी सदया ते
असी कई सुनेहे घल्ले, साडी पेश कोई ना
बाला जी मेरा मतवाला,
बिगड़े बनाये सब काम,
मेरा खाटू वाला ऐसा लखदातार है,
जिनके चरणों में झुकता है ये संसार है,
मेरो घूँघट खोल गयो कन्हैया छोटो सो
मेरो घूँघट खोल गयो कन्हैया छोटो सो