⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

हमारे हितकी भाषाका प्रयोग  [Wisdom Story]
Spiritual Story - Wisdom Story (प्रेरक कहानी)

हमारे हितकी भाषाका प्रयोग

एक धनी व्यक्तिके घरमें आग लग गयी। बाहर निकलनेका केवल एक दरवाजा था। वहाँ एक कमरे में बहुत-से बच्चे खेल रहे थे। धनी व्यक्तिने कहा- 'जल्दी बाहर निकलो, आग लग गयी है।' लेकिन खेलमें मस्त बच्चोंने ध्यान नहीं दिया। तब धनीने जोर-जोरसे चिल्लाकर कहा-'अगर तुम बाहर नहीं गये तो आगकी चपेटमें आ जाओगे।' अबकी बार बच्चोंने सुना तो, लेकिन स्थितिकी गम्भीरता फिर भी नहीं समझ सके ।
तब उस धनीने कहा- 'घरके बाहर मैं गाड़ी-भर खिलौने लाया हूँ। जल्दी जाओ, वरना दूसरे बच्चे चुरा ले जायेंगे।' तब सारे बच्चे फौरन बाहर दौड़ पड़े।
यहाँ धनी बोधि प्राप्त गुरु हैं और बच्चे साधारण
मानव ।
उच्चस्थिति प्राप्त व्यक्तिद्वारा बताया गया सत्य जब हमारी समझ के परे होता है, तब वह हमारे हितके लिये हमें समझमें आनेवाली भाषाका प्रयोग करता है।



You may also like these:

शिक्षदायक कहानी बुद्धि ही श्रेष्ठ बल है
प्रेरक कहानी देनेका संस्कार
हिन्दी कथा कुसंगका फल
आध्यात्मिक कहानी सबसे भयंकर शत्रु - आलस्य
आध्यात्मिक कथा सच्चे सुखका बोध
प्रेरक कथा संसर्गसे गुण-दोष
Spiritual Story मनका पाप
शिक्षदायक कहानी भगवत्सेवक अजेय है


hamaare hitakee bhaashaaka prayoga

hamaare hitakee bhaashaaka prayoga

ek dhanee vyaktike gharamen aag lag gayee. baahar nikalaneka keval ek daravaaja thaa. vahaan ek kamare men bahuta-se bachche khel rahe the. dhanee vyaktine kahaa- 'jaldee baahar nikalo, aag lag gayee hai.' lekin khelamen mast bachchonne dhyaan naheen diyaa. tab dhaneene jora-jorase chillaakar kahaa-'agar tum baahar naheen gaye to aagakee chapetamen a jaaoge.' abakee baar bachchonne suna to, lekin sthitikee gambheerata phir bhee naheen samajh sake .
tab us dhaneene kahaa- 'gharake baahar main gaada़ee-bhar khilaune laaya hoon. jaldee jaao, varana doosare bachche chura le jaayenge.' tab saare bachche phauran baahar dauda़ pada़e.
yahaan dhanee bodhi praapt guru hain aur bachche saadhaarana
maanav .
uchchasthiti praapt vyaktidvaara bataaya gaya saty jab hamaaree samajh ke pare hota hai, tab vah hamaare hitake liye hamen samajhamen aanevaalee bhaashaaka prayog karata hai.

83 Views





Bhajan Lyrics View All

शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी

New Bhajan Lyrics View All

गौरा के संग में गजानंद खड़े मोसे बोलत
मेरी बांह पकड़ लो एक बार,
हरि एक बार बस बार,
बालाजी को लाड लडावे माता अंजनी...
मैं क्या जानू मेरे रघुराई,
तू जाने मेरी किस में भलाई
मईया के दरबार में आकर जय जैकार लगाते
मईया को हम दिल से मनाकर गाथा इनकी गाते