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तुकारामका गो-प्रेम  [शिक्षदायक कहानी]
हिन्दी कथा - प्रेरक कहानी (Short Story)

संत बहिणाबाई और उनके पति गंगाधरराव अपनी प्यारी कपिलाके साथ देहूमें तुकाराम महाराजके दर्शनार्थ आये थे। रास्तेमें एक दिन गंगाधररावको तुकारामसे जलनेवाले वहींके एक ब्राह्मण मंबाजी मिले। रावके आनेके कारणका पता चलते ही वे आपसे बाहर हो उठे और लगे तुकोबाको अनाप-शनाप कहने। गंगाधररावसे सहा नहीं गया, उन्होंने कहा-'महाराज! आप मेरी निन्दा प्रसन्नतासे कीजिये पर भगवद्भक्त तुकोबाकी निन्दा कर व्यर्थ ही पापकी गठरी क्यों बाँध रहे हैं?'

यह सुनकर मंबाजी रावपर आगबबूला हो उठे और बदला लेनेपर उतारू हो गये।

एक दिन बहिणा और राव तुकोबाके भजनमें मग्र थे। मौका पाकर मंबाजी धीरेसे उनकी कपिलाको खोल ले गये और उसे बेदम मारकर तहखानेमें छिपा दिया।

भजनके बाद कपिलाको न देखकर बहिणा शोक करने लगी। गाँवभर खोजवाया गया, आस-पासके गाँवॉर्म भी लोग भेजे गये, पर कपिलाका कहीं पता न चला। बहिणा उसके विछोहसे विह्वल हो उठी। बहिणाकी गाय गुम होनेका तुकोबाको भी भारी क्लेश हुआ। उनका चित्त उद्विग्र हो उठा। दो दिन बाद अकस्मात् स्वप्रमें आकर कपिला फूट-फूटकररोने लगी और तुकोबासे उबारनेकी बार-बार प्रार्थना करने लगी। गायकी गुहार सुन तुकोबाकी आँखें खुलीं - गायपर पड़ी मारसे तुकोबाकी पीठपर बड़े बड़े फफोले हो गये थे और सारा शरीर बेरहमीकी मारसे दर्द कर रहा था।

तुकोबाने अपने दर्दकी कुछ परवा नहीं की और गायके लिये अपने सर्वस्व आराध्य प्रभुसे प्रार्थना की। भगवान्ने तुकाराम महाराजकी प्रार्थना सुनी। एकाएक मंबाजीके घरमें आग लगी और अग्निदेव धू-धूकर उनका सर्वस्व स्वाहा करने लगे। लोग आग बुझाने दौड़ पड़े। इसी बीच उन्हें गायका डकारना सुनायी दिया। सभी ठक्-से रह गये। गाय कहाँ ? खोज होने लगी। आखिर तहखाना खोला गया। गाय निकाली गयी। उसकी पीठ मारसे सूज गयी थी। तबतक मंबाजीको संत-निन्दा और गोघातका पूरा प्रायश्चित्त प्राप्त हो गया। उनका गगनचुम्बी प्रासाद और उसका सारा सामान राखका ढेर बन गया!

संत तुकारामको पता चलते ही वे दौड़ते आये और कपिलाको साष्टाङ्ग दण्डवत्कर उसके मुँहपर हाथ फेर आँसू बहाने लगे। संतका यह गो-प्रेम देख बहिणाबाईके शरीरपर सात्त्विक अष्टभाव उमड़ पड़े, वह रोमाञ्चित हो उठी। गो0 न0 बै0 (धेनुकथा-संग्रह)



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tukaaraamaka go-prema

sant bahinaabaaee aur unake pati gangaadhararaav apanee pyaaree kapilaake saath dehoomen tukaaraam mahaaraajake darshanaarth aaye the. raastemen ek din gangaadhararaavako tukaaraamase jalanevaale vaheenke ek braahman manbaajee mile. raavake aaneke kaaranaka pata chalate hee ve aapase baahar ho uthe aur lage tukobaako anaapa-shanaap kahane. gangaadhararaavase saha naheen gaya, unhonne kahaa-'mahaaraaja! aap meree ninda prasannataase keejiye par bhagavadbhakt tukobaakee ninda kar vyarth hee paapakee gatharee kyon baandh rahe hain?'

yah sunakar manbaajee raavapar aagababoola ho uthe aur badala lenepar utaaroo ho gaye.

ek din bahina aur raav tukobaake bhajanamen magr the. mauka paakar manbaajee dheerese unakee kapilaako khol le gaye aur use bedam maarakar tahakhaanemen chhipa diyaa.

bhajanake baad kapilaako n dekhakar bahina shok karane lagee. gaanvabhar khojavaaya gaya, aasa-paasake gaanvaॉrm bhee log bheje gaye, par kapilaaka kaheen pata n chalaa. bahina usake vichhohase vihval ho uthee. bahinaakee gaay gum honeka tukobaako bhee bhaaree klesh huaa. unaka chitt udvigr ho uthaa. do din baad akasmaat svapramen aakar kapila phoota-phootakararone lagee aur tukobaase ubaaranekee baara-baar praarthana karane lagee. gaayakee guhaar sun tukobaakee aankhen khuleen - gaayapar pada़ee maarase tukobaakee peethapar bada़e bada़e phaphole ho gaye the aur saara shareer berahameekee maarase dard kar raha thaa.

tukobaane apane dardakee kuchh parava naheen kee aur gaayake liye apane sarvasv aaraadhy prabhuse praarthana kee. bhagavaanne tukaaraam mahaaraajakee praarthana sunee. ekaaek manbaajeeke gharamen aag lagee aur agnidev dhoo-dhookar unaka sarvasv svaaha karane lage. log aag bujhaane dauda़ pada़e. isee beech unhen gaayaka dakaarana sunaayee diyaa. sabhee thak-se rah gaye. gaay kahaan ? khoj hone lagee. aakhir tahakhaana khola gayaa. gaay nikaalee gayee. usakee peeth maarase sooj gayee thee. tabatak manbaajeeko santa-ninda aur goghaataka poora praayashchitt praapt ho gayaa. unaka gaganachumbee praasaad aur usaka saara saamaan raakhaka dher ban gayaa!

sant tukaaraamako pata chalate hee ve dauda़te aaye aur kapilaako saashtaang dandavatkar usake munhapar haath pher aansoo bahaane lage. santaka yah go-prem dekh bahinaabaaeeke shareerapar saattvik ashtabhaav umada़ pada़e, vah romaanchit ho uthee. go0 na0 bai0 (dhenukathaa-sangraha)

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