⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

परोपकारमें आनन्द  [शिक्षदायक कहानी]
Story To Read - बोध कथा (छोटी सी कहानी)

स्वर्गकी देवसभामें देवराजने किसी नरेशकी दयालुताका वर्णन किया। एक देवताके मनमें राजाकी परीक्षा लेनेकी इच्छा हुई। वे पृथ्वीपर आये और राजासे बोले- 'नरेश! तू मुझे प्रतिदिन एक मनुष्यकी बलि दे, नहीं तो मैं तेरे नगरके सभी मनुष्योंको मार डालूँगा।'

राजाने शान्त चित्तसे कह दिया 'जो कुछ होनेवाला हो, हो जाय। मैं जान-बूझकर किसी प्राणीकी बलि नहीं दूँगा।'

देवताने ऐसा दृश्य उपस्थित कर दिया जिससे प्रत्येक नगरवासीको आकाशमें एक विशाल चट्टान दीखने लगी। लगता था कि चट्टान गिरनेवाली ही है और पूरा नगर उसके गिरनेसे ध्वस्त हो जायगा। नगरके लोग राजाके पास गये और उन्होंने प्रार्थना की- 'सम्पूर्ण नगरकी रक्षाके लिये एक बलिदान दे देना चाहिये।' राजाने स्थिरभावसे स्पष्ट कह दिया 'जो होनेवाला हो, हो जाय। मैं जान-बूझकर किसी प्राणीको नहीं मारूँगा।"नगरके लोगोंने अब परस्पर सलाह की। उन्होंने चंदा करके धन एकत्र किया और उससे मनुष्यकी एक स्वर्णमूर्ति बनवायी। अब उन लोगोंने यह घोषणा की 'जो कोई प्रसन्नतासे अपने घरके किसी व्यक्तिको बलिदानके लिये देगा, उसे यह मूर्ति तथा और भी धन मिलेगा।'

एक लोभी व्यक्तिने धनके लोभसे अपना पुत्र बलिदानके लिये दे दिया। जब उस लड़केको बलि देनेके स्थानपर पहुँचाया गया तब वह हँस रहा था। राजाने उससे हँसनेका कारण पूछा। लड़का बोला- मेरे लिये आज परम मङ्गलका दिन है; क्योंकि एक मेरे प्राण जानेसे पूरे नगरके लोगोंकी रक्षा हो जायगी।'

राजाको अपना कर्तव्य सूझ गया। उन्होंने लड़केको हटा दिया और स्वयं अपनी बलि देनेको उद्यत हो गये। राजाकी दयावृत्तिसे देवता प्रसन्न हो गये। नगरपर गिरती शिला जो दीख रही थी, अदृश्य हो गयी। देवताने राजाको आशीर्वाद दिया। -सु0 सिं0



You may also like these:

हिन्दी कहानी विद्यालय और गुरु
आध्यात्मिक कथा अपनेको बड़ा न समझें
छोटी सी कहानी सोनेका दान
हिन्दी कहानी सभ्यता
आध्यात्मिक कथा पाँच स्कन्धोंका संघात
छोटी सी कहानी नित्य अभिन्न
हिन्दी कहानी दुर्जन-सङ्गका फल
Spiritual Story आपद्धर्म


paropakaaramen aananda

svargakee devasabhaamen devaraajane kisee nareshakee dayaalutaaka varnan kiyaa. ek devataake manamen raajaakee pareeksha lenekee ichchha huee. ve prithveepar aaye aur raajaase bole- 'naresha! too mujhe pratidin ek manushyakee bali de, naheen to main tere nagarake sabhee manushyonko maar daaloongaa.'

raajaane shaant chittase kah diya 'jo kuchh honevaala ho, ho jaaya. main jaana-boojhakar kisee praaneekee bali naheen doongaa.'

devataane aisa drishy upasthit kar diya jisase pratyek nagaravaaseeko aakaashamen ek vishaal chattaan deekhane lagee. lagata tha ki chattaan giranevaalee hee hai aur poora nagar usake giranese dhvast ho jaayagaa. nagarake log raajaake paas gaye aur unhonne praarthana kee- 'sampoorn nagarakee rakshaake liye ek balidaan de dena chaahiye.' raajaane sthirabhaavase spasht kah diya 'jo honevaala ho, ho jaaya. main jaana-boojhakar kisee praaneeko naheen maaroongaa."nagarake logonne ab paraspar salaah kee. unhonne chanda karake dhan ekatr kiya aur usase manushyakee ek svarnamoorti banavaayee. ab un logonne yah ghoshana kee 'jo koee prasannataase apane gharake kisee vyaktiko balidaanake liye dega, use yah moorti tatha aur bhee dhan milegaa.'

ek lobhee vyaktine dhanake lobhase apana putr balidaanake liye de diyaa. jab us lada़keko bali deneke sthaanapar pahunchaaya gaya tab vah hans raha thaa. raajaane usase hansaneka kaaran poochhaa. lada़ka bolaa- mere liye aaj param mangalaka din hai; kyonki ek mere praan jaanese poore nagarake logonkee raksha ho jaayagee.'

raajaako apana kartavy soojh gayaa. unhonne lada़keko hata diya aur svayan apanee bali deneko udyat ho gaye. raajaakee dayaavrittise devata prasann ho gaye. nagarapar giratee shila jo deekh rahee thee, adrishy ho gayee. devataane raajaako aasheervaad diyaa. -su0 sin0

134 Views





Bhajan Lyrics View All

मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना

New Bhajan Lyrics View All

करते हैं कीर्तन बाबा,
रोज तेरे नाम का,
श्याम, तेरी मुरली ने, पागल कर दिया ,
चला नहीं जाए मोहन, घायल कर दिया
श्याम कृपा से हम प्रेमी बड़े दिलवाले
हम खाटूवाले हैं सुनो जी हम खाटूवाले
चौक पुराओ माटी रँगाओ,
आज मेरे प्रभु घर आएंगे
इक बार जे तू श्यामा मैनु अपना बणा
ना दर दर मै रूलदी जे तू कोल बिठा