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पशुओंपर क्रूरतासे अनिष्टकी प्राप्ति  [Spiritual Story]
Wisdom Story - Story To Read (Spiritual Story)

पशुओंपर क्रूरतासे अनिष्टकी प्राप्ति

सवाई माधोपुर जिलेमें खण्डार तहसीलके बालेर ग्रामकी घटना है। वहाँके रहनेवाले शर्माजी, जो अंग्रेजीके व्याख्याता थे, मुझे भी उन्होंने पढ़ाया था। उनका एक पुत्र 'नटवर' बचपनसे बड़ा शरारती था। कुत्तोंका तो मानो वह दुश्मन ही था। जो भी कुत्ता दिखायी देता, डण्डा मारकर उसकी टाँगें तोड़ देता। गाँवमें ही एक बड़ा तालाब है। तालाबके किनारेपर एक प्राचीन दोमंजिली इमारत है। बालक दो मंजिल ऊपरसे पानीमें कूदते और तैरते। एक दिन नटवरने कहा- देखो, मैं तालाबमें मच्छीकूद कूदूँगा और तैरूँगा । वह दो मंजिल ऊपरसे कूदा और मछलीकी तरह कला दिखायी। तालाबमें कोई बड़ा-सा पत्थर था, उसीसे नटवरकी पीठ टकरायी। उसकी रीढ़की हड्डी वहीं टूट गयी। साथी बालकोंने नटवरको जैसे-तैसे पानीमेंसे निकाला और कन्धोंपर उठाकर उसे घर पहुँचाया। जयपुरतक काफी उपचार कराया गया, परंतु वह ठीक नहीं हो पाया। पन्द्रह वर्षसे खाटपर पड़ा है, दोनों पैर सुन्न हो गये हैं। शरीरका कमरके नीचेका भाग निष्क्रिय है। दूसरा व्यक्ति ही उठाता, बैठाता और लेटाता है। एक दिन उसके पिताजी दुखी होकर उसके पास बैठे थे, तब नटवरने अपने पिताजीसे कहा- -पिताजी! मनुष्यको अपने कर्मोंका
फल तो भोगना ही पड़ता है। मैंने 20 वर्षकी उम्रतक कई कुत्तोंकी टाँगें तोड़ी हैं। निरपराध कुत्तोंको अपंग कर दिया था मैंने, सो उन कुत्तोंका शाप ही मुझे लगा है। मैं पन्द्रह वर्षसे खाटपर पड़ा हूँ। यह मेरे ही कर्मोंका फल है, पिताजी! इसमें किसीका दोष नहीं है।



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pashuonpar kroorataase anishtakee praapti

pashuonpar kroorataase anishtakee praapti

savaaee maadhopur jilemen khandaar tahaseelake baaler graamakee ghatana hai. vahaanke rahanevaale sharmaajee, jo angrejeeke vyaakhyaata the, mujhe bhee unhonne padha़aaya thaa. unaka ek putr 'natavara' bachapanase bada़a sharaaratee thaa. kuttonka to maano vah dushman hee thaa. jo bhee kutta dikhaayee deta, danda maarakar usakee taangen toda़ detaa. gaanvamen hee ek bada़a taalaab hai. taalaabake kinaarepar ek praacheen domanjilee imaarat hai. baalak do manjil ooparase paaneemen koodate aur tairate. ek din natavarane kahaa- dekho, main taalaabamen machchheekood koodoonga aur tairoonga . vah do manjil ooparase kooda aur machhaleekee tarah kala dikhaayee. taalaabamen koee bada़aa-sa patthar tha, useese natavarakee peeth takaraayee. usakee reedha़kee haddee vaheen toot gayee. saathee baalakonne natavarako jaise-taise paaneemense nikaala aur kandhonpar uthaakar use ghar pahunchaayaa. jayapuratak kaaphee upachaar karaaya gaya, parantu vah theek naheen ho paayaa. pandrah varshase khaatapar pada़a hai, donon pair sunn ho gaye hain. shareeraka kamarake neecheka bhaag nishkriy hai. doosara vyakti hee uthaata, baithaata aur letaata hai. ek din usake pitaajee dukhee hokar usake paas baithe the, tab natavarane apane pitaajeese kahaa- -pitaajee! manushyako apane karmonkaa
phal to bhogana hee pada़ta hai. mainne 20 varshakee umratak kaee kuttonkee taangen toda़ee hain. niraparaadh kuttonko apang kar diya tha mainne, so un kuttonka shaap hee mujhe laga hai. main pandrah varshase khaatapar pada़a hoon. yah mere hee karmonka phal hai, pitaajee! isamen kiseeka dosh naheen hai.

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