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प्रेम ही ईश्वर है  [शिक्षदायक कहानी]
छोटी सी कहानी - प्रेरक कथा (हिन्दी कहानी)

प्रेम ही ईश्वर है

सरल विश्वास और निष्कपटता रहनेसे भगवत्प्राप्तिका लाभ होता है। एक व्यक्तिकी किसी साधुसे भेंट हुई। उसने साधुसे उपदेश देनेके लिये विनयपूर्वक प्रार्थना की। साधुने कहा- 'भगवान्से ही प्रेम करो।' तब उस व्यक्तिने कहा 'भगवान्‌को न तो मैंने कभी देखा है और न उनके विषयमें कुछ जानता ही हूँ, फिर उनसे कैसे प्रेम करूँ ?' साधुने पूछा 'अच्छा, तुम्हारा किससे प्रेम है ?' उसने कहा- 'इस संसार में मेरा कोई नहीं है, केवल एक मेढ़ा है, उसीको मैं प्यार करता हूँ।' साधु बोले- 'उस मेढ़ेके भीतर ही नारायण विद्यमान हैं, यह जानकर उसीकी जी लगाकर सेवा करना और उसीको हृदयसे प्रेम करना।' इतना कहकर साधु चले गये।
उस आदमीने भी, उस मेढ़ेमें नारायण हैं, यह विश्वासकर तन- मनसे उसकी सेवा करना शुरू कर दिया। बहुत दिनों बाद उस रास्तेसे लौटते समय साधुने उस आदमीको खोजकर उससे पूछा- 'क्यों जी, अब कैसे हो ?' उस आदमीने प्रणाम करके कहा- 'गुरुदेव! आपकी कृपासे मैं अब अच्छा हूँ, आपने जो कहा था, उसके अनुसार भावना रखनेसे मेरा बहुत कल्याण हुआ है। मैं मेढ़ेके भीतर कभी-कभी एक अपूर्व मूर्ति देखता हूँ- उसके चार हाथ हैं, उस विष्णुरूपा चतुर्भुजीमूर्तिका दर्शनकर मैं परमानन्दमें डूब जाता हूँ।' कहा भी गया है
हरि व्यापक सर्वत्र समाना । प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना ।



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prem hee eeshvar hai

prem hee eeshvar hai

saral vishvaas aur nishkapatata rahanese bhagavatpraaptika laabh hota hai. ek vyaktikee kisee saadhuse bhent huee. usane saadhuse upadesh deneke liye vinayapoorvak praarthana kee. saadhune kahaa- 'bhagavaanse hee prem karo.' tab us vyaktine kaha 'bhagavaan‌ko n to mainne kabhee dekha hai aur n unake vishayamen kuchh jaanata hee hoon, phir unase kaise prem karoon ?' saadhune poochha 'achchha, tumhaara kisase prem hai ?' usane kahaa- 'is sansaar men mera koee naheen hai, keval ek medha़a hai, useeko main pyaar karata hoon.' saadhu bole- 'us medha़eke bheetar hee naaraayan vidyamaan hain, yah jaanakar useekee jee lagaakar seva karana aur useeko hridayase prem karanaa.' itana kahakar saadhu chale gaye.
us aadameene bhee, us medha़emen naaraayan hain, yah vishvaasakar tana- manase usakee seva karana shuroo kar diyaa. bahut dinon baad us raastese lautate samay saadhune us aadameeko khojakar usase poochhaa- 'kyon jee, ab kaise ho ?' us aadameene pranaam karake kahaa- 'gurudeva! aapakee kripaase main ab achchha hoon, aapane jo kaha tha, usake anusaar bhaavana rakhanese mera bahut kalyaan hua hai. main medha़eke bheetar kabhee-kabhee ek apoorv moorti dekhata hoon- usake chaar haath hain, us vishnuroopa chaturbhujeemoortika darshanakar main paramaanandamen doob jaata hoon.' kaha bhee gaya hai
hari vyaapak sarvatr samaana . prem ten pragat hohin main jaana .

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हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
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चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
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दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
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राधे तु कितनी प्यारी है ॥
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मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
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मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
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