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बड़े लोगोंकी बड़ी बातें  [छोटी सी कहानी]
शिक्षदायक कहानी - Spiritual Story (Short Story)

बड़े लोगोंकी बड़ी बातें

एक बार बातें करते-करते शम्भुरावने कहा, 'बहू। तुमने शिक्षा ग्रहण नहीं की. फिर भी तुम बड़ी तेज हो तुम्हारे तीनों पुत्रों विनायक (आचार्य विनोबा भावेका बचपनका नाम) ही तुम्हारा बहुत लाडला बेटा है। जब कभी मैं तुम दोनोंकी बातचीत सुनता हूँ, तब जान पड़ता है कि तुम उसे अच्छे संस्कारोंका पाठ पढ़ा रही हो।"
तब बहूने उत्तर दिया, 'विनायक तेजस्वी, बुद्धिमान् लड़का है, शायद यह हमारे कुलका नाम रोशन करे, इसी कारण मैं उसे बार-बार अच्छी सीख देती हूँ।"
'हाँ, हाँ, क्यों नहीं, वीनू (विनायक) हमारे खानदानका नाम जरूर रोशन करेगा। अपने गुरुसे भी बढ़कर सवाई निकलेगा तुम्हारा यह पुत्र बच्चोंके गुण बचपनमें ही नजर आ जाते हैं। उतनेमें वीनूके नानाजी (रुक्मिणीबाईके पिताजी, बालकृष्ण वैद्य) पधारे। उन्हें देखते ही दादाजीने कहा, 'भगवान्‌की कृपासे आपकी बेटी हमारे भावे खानदानको नसीब हुई, मानो एक प्रकारसे हमें भगवान्‌का प्रसाद ही मिला हो।'
विनायक यह सुनकर बोला, 'देखो-देखो माँ, दादाजी तुम्हारी तारीफ कर रहे हैं। तुम्हारा गुणगान कर रहे हैं। तुम सचमुच महान् हो माँ।
'अच्छा, अच्छा, अरे विनायक ! उनके कहनेके अनुसार मैं थोड़ी-सी अच्छी हूँ भी। पर जो लोग खुद महान् होते हैं, वे दूसरोंके छोटे-से-छोटे गुणोंको भी बढ़ाकर बताते हैं। सामान्यको असामान्य बनानेवाले यही लोग वास्तवमें महान् होते हैं। यह हमें ध्यानमें रखना चाहिये। उन्हींके आदर्शोंपर हमें चलना चाहिये, ताकि हम भी महान् बन सकें।'
विनायककी माँ सिर्फ घरकी सीमातक ही महान् नहीं थीं। वे समाजसेवा करना भी अपना कर्तव्य समझती थीं। समाजकी किसी भी स्वीकी सहायता करनेमें पीछे नहीं हटतीं। उनका व्यक्तित्व भी सुन्दर था। लम्बा कद, गोरा रंग, सिरपर जूड़ा, जूड़ेमें डाला गया चाँदीका फूल। नौ गजकी साड़ी तो वे इस तरह पहनतीं कि मानो दूसरी लक्ष्मी हों प्यारसे शम्भुराव अपनी बहूसे कहते, 'बेटी। कुछ सोने-चाँदीके गहने भी पहन लो।' तब वह अत्यन्त नम्रतासे कहती, 'पिताजी। जब दूसरोंकी सेवाके लिये जाना हो तब पूरी सादगीके साथ जाना चाहिये।' उनके हर कृत्यमें विवेक नजर आता। ऐसी थीं वीनूकी माँ 'महान्, परममंगलमयी, परोपकारी, विनम्र, ज्ञानी और सेवाभावी।'



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bada़e logonkee bada़ee baaten

bada़e logonkee bada़ee baaten

ek baar baaten karate-karate shambhuraavane kaha, 'bahoo. tumane shiksha grahan naheen kee. phir bhee tum bada़ee tej ho tumhaare teenon putron vinaayak (aachaary vinoba bhaaveka bachapanaka naama) hee tumhaara bahut laadala beta hai. jab kabhee main tum dononkee baatacheet sunata hoon, tab jaan pada़ta hai ki tum use achchhe sanskaaronka paath padha़a rahee ho."
tab bahoone uttar diya, 'vinaayak tejasvee, buddhimaan lada़ka hai, shaayad yah hamaare kulaka naam roshan kare, isee kaaran main use baara-baar achchhee seekh detee hoon."
'haan, haan, kyon naheen, veenoo (vinaayaka) hamaare khaanadaanaka naam jaroor roshan karegaa. apane guruse bhee badha़kar savaaee nikalega tumhaara yah putr bachchonke gun bachapanamen hee najar a jaate hain. utanemen veenooke naanaajee (rukmineebaaeeke pitaajee, baalakrishn vaidya) padhaare. unhen dekhate hee daadaajeene kaha, 'bhagavaan‌kee kripaase aapakee betee hamaare bhaave khaanadaanako naseeb huee, maano ek prakaarase hamen bhagavaan‌ka prasaad hee mila ho.'
vinaayak yah sunakar bola, 'dekho-dekho maan, daadaajee tumhaaree taareeph kar rahe hain. tumhaara gunagaan kar rahe hain. tum sachamuch mahaan ho maan.
'achchha, achchha, are vinaayak ! unake kahaneke anusaar main thoda़ee-see achchhee hoon bhee. par jo log khud mahaan hote hain, ve doosaronke chhote-se-chhote gunonko bhee badha़aakar bataate hain. saamaanyako asaamaany banaanevaale yahee log vaastavamen mahaan hote hain. yah hamen dhyaanamen rakhana chaahiye. unheenke aadarshonpar hamen chalana chaahiye, taaki ham bhee mahaan ban saken.'
vinaayakakee maan sirph gharakee seemaatak hee mahaan naheen theen. ve samaajaseva karana bhee apana kartavy samajhatee theen. samaajakee kisee bhee sveekee sahaayata karanemen peechhe naheen hatateen. unaka vyaktitv bhee sundar thaa. lamba kad, gora rang, sirapar jooda़a, jooda़emen daala gaya chaandeeka phoola. nau gajakee saada़ee to ve is tarah pahanateen ki maano doosaree lakshmee hon pyaarase shambhuraav apanee bahoose kahate, 'betee. kuchh sone-chaandeeke gahane bhee pahan lo.' tab vah atyant namrataase kahatee, 'pitaajee. jab doosaronkee sevaake liye jaana ho tab pooree saadageeke saath jaana chaahiye.' unake har krityamen vivek najar aataa. aisee theen veenookee maan 'mahaan, paramamangalamayee, paropakaaree, vinamr, jnaanee aur sevaabhaavee.'

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