⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

मातृसेवा - मुक्तिकी सीढ़ी  [हिन्दी कहानी]
Wisdom Story - Hindi Story (बोध कथा)

मातृसेवा - मुक्तिकी सीढ़ी

एक उत्साही नवयुवक रामकृष्ण परमहंसकी सेवामें पहुँचा। वह परमहंसके चरणोंमें झुक गया, उसने पूर्ण भक्तिभावसे उनसे प्रार्थना की- 'महात्मन्! मुझे अपना शिष्य बना लीजिये और गुरुमन्त्रकी दीक्षा दीजिये।'
युवककी बातपर परमहंस मुसकराये और फिर उन्होंने उससे पूछा- 'हे नवयुवक! तुम्हारे परिवारमें तुम्हारे अलावा और कौन-कौन है ? क्या तुम अकेले ही हो ?'
इसपर युवकने उत्तर दिया- 'महाराज ! घरमें मेरे अलावा सिर्फ मेरी बूढ़ी माँ है।'
युवकके उत्तरपर परमहंसको पहले तो थोड़ा-सा क्रोध आया, लेकिन फिर उन्होंने युवकसे पूछा—'तुम गुरुमन्त्र लेकर साधु क्यों बनना चाहते हो?"
इसपर युवक बोला-'मैं इस मोहमाया और ऊँच नीचसे भरे संसारको छोड़कर मुक्ति पाना चाहता हूँ।'
इसपर रामकृष्ण परमहंसने उस युवकको सीख दी, 'अपनी बूढ़ी माँको असहाय छोड़कर तुम्हें मुक्ति नहीं मिलेगी, तुम्हारी सच्ची मुक्ति तो इसीमें है कि तुम पूरी शक्तिसे अपनी बूढ़ी और असहाय माँकी सेवा करो। यही तुम्हारी मुक्तिकी सीढ़ी है।'



You may also like these:

आध्यात्मिक कथा अतिथिके लिये उत्सर्ग
छोटी सी कहानी अन्यायका पैसा
हिन्दी कहानी अम्बादासका कल्याण
Spiritual Story एक अनुभव
हिन्दी कहानी कथा-प्रेम
Moral Story कर्मफल
छोटी सी कहानी गायका मूल्य


maatriseva - muktikee seedha़ee

maatriseva - muktikee seedha़ee

ek utsaahee navayuvak raamakrishn paramahansakee sevaamen pahunchaa. vah paramahansake charanonmen jhuk gaya, usane poorn bhaktibhaavase unase praarthana kee- 'mahaatman! mujhe apana shishy bana leejiye aur gurumantrakee deeksha deejiye.'
yuvakakee baatapar paramahans musakaraaye aur phir unhonne usase poochhaa- 'he navayuvaka! tumhaare parivaaramen tumhaare alaava aur kauna-kaun hai ? kya tum akele hee ho ?'
isapar yuvakane uttar diyaa- 'mahaaraaj ! gharamen mere alaava sirph meree boodha़ee maan hai.'
yuvakake uttarapar paramahansako pahale to thoda़aa-sa krodh aaya, lekin phir unhonne yuvakase poochhaa—'tum gurumantr lekar saadhu kyon banana chaahate ho?"
isapar yuvak bolaa-'main is mohamaaya aur oonch neechase bhare sansaarako chhoda़kar mukti paana chaahata hoon.'
isapar raamakrishn paramahansane us yuvakako seekh dee, 'apanee boodha़ee maanko asahaay chhoda़kar tumhen mukti naheen milegee, tumhaaree sachchee mukti to iseemen hai ki tum pooree shaktise apanee boodha़ee aur asahaay maankee seva karo. yahee tumhaaree muktikee seedha़ee hai.'

77 Views





Bhajan Lyrics View All

तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है

New Bhajan Lyrics View All

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु
श्रीकृष्णा जी से आज मिलने सुदामा आए...
मेरे शिव के शीश पै चंदा है, और जटा में
मैं जोगण शिव के नाम की, भोले को नहावन
मोहन को चंदा दिखा रही मां,
नहीं माने कन्हैया मनाये रही मां...
भोले तेरी सूरत बसी है मेरे मन में,
भोले तेरी कावड़ बसी है मेरे मन में,