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मेरा भी अनुकरण करनेवाले हैं  [शिक्षदायक कहानी]
Spiritual Story - Shikshaprad Kahani (हिन्दी कहानी)

एक बहिरा मनुष्य नियमपूर्वक कथा सुनने जाया करता था। जब कथावाचकजीको पता लगा कि वह बहिरा है और कथाका एक शब्द नहीं सुन पाता तब उन्होंने उसके कानके पास मुख ले जाकर पुकारकर पूछा- 'आपको तो कथा सुनायी पड़ती नहीं, फिर आप प्रतिदिन यहाँ क्यों आते हैं ?'

बहिरा मनुष्य बोला- 'यहाँ भगवान्‌की कथा होती है। मैं उसे सुन पाऊँ या नहीं, अन्यत्र बैठनेसे यहाँकेपवित्र वातावरणमें बैठनेका लाभ तो मुझे होता ही है। परंतु मुख्य बात तो यह है कि मेरा भी अनुकरण करनेवाले कुछ लोग हैं। मेरे बच्चे और सेवक, मेरे घरके दूसरे सदस्य मेरे आचरणसे ही प्रेरणा प्राप्त करते हैं। मैं कथामें इसीलिये नियमपूर्वक आता हूँ कि इससे उनके चित्तमें भगवत्कथाके प्रति रुचि, श्रद्धा, महत्त्वबुद्धि तथा उत्कण्ठा हो । तथा मैं आकर बैठता हूँ, इससे कथाके शब्दोंसे मेरे अङ्गोंका स्पर्श तो होता ही है।'-सु0 सिं0



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mera bhee anukaran karanevaale hain

ek bahira manushy niyamapoorvak katha sunane jaaya karata thaa. jab kathaavaachakajeeko pata laga ki vah bahira hai aur kathaaka ek shabd naheen sun paata tab unhonne usake kaanake paas mukh le jaakar pukaarakar poochhaa- 'aapako to katha sunaayee pada़tee naheen, phir aap pratidin yahaan kyon aate hain ?'

bahira manushy bolaa- 'yahaan bhagavaan‌kee katha hotee hai. main use sun paaoon ya naheen, anyatr baithanese yahaankepavitr vaataavaranamen baithaneka laabh to mujhe hota hee hai. parantu mukhy baat to yah hai ki mera bhee anukaran karanevaale kuchh log hain. mere bachche aur sevak, mere gharake doosare sadasy mere aacharanase hee prerana praapt karate hain. main kathaamen iseeliye niyamapoorvak aata hoon ki isase unake chittamen bhagavatkathaake prati ruchi, shraddha, mahattvabuddhi tatha utkantha ho . tatha main aakar baithata hoon, isase kathaake shabdonse mere angonka sparsh to hota hee hai.'-su0 sin0

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