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विवेकहीनता  [आध्यात्मिक कहानी]
Hindi Story - बोध कथा (शिक्षदायक कहानी)

प्राचीन समयकी बात है। एक धनी व्यक्तिने एक हब्शीको नौकर रखा। उसने अपने जीवनमें हब्शी कभी पहले नहीं देखा था। नौकरके शरीरका रंग नितान्त काला था। धनी व्यक्तिने सोचा कि यह कभी स्नान नहीं करता है; शरीरपर मैल जम जानेसे इसका रंग काला हो गया है।

उसने बिना सोचे-समझे अपने दूसरे नौकरोंको आदेश दिया कि इसे अच्छी तरह रगड़-रगड़कर साबुनसे नहलाना चाहिये और तबतक रगड़ते रहना चाहियेजबतक इसका शरीर स्वच्छ और श्वेत न हो जाय। नौकरोंने मालिककी आज्ञाका पालन किया। विलम्बतक साबुन रगड़ते रहनेपर भी उसके शरीरका रंग नहीं बदल सका। इस नहलानेका दुष्परिणाम यह हुआ कि हब्शीको सर्दी हो गयी और थोड़े ही समयके बाद अपने मालिककी विवेकहीनताका शिकार हो गया। मनुष्यके जीवनमें सत्-असत्के निर्णयका बड़ा महत्त्व है। यदि मालिकने सद्विवेकसे काम लिया होता तो हब्शीकी जान नहीं जाती।

- रा0 श्री0



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vivekaheenataa

praacheen samayakee baat hai. ek dhanee vyaktine ek habsheeko naukar rakhaa. usane apane jeevanamen habshee kabhee pahale naheen dekha thaa. naukarake shareeraka rang nitaant kaala thaa. dhanee vyaktine socha ki yah kabhee snaan naheen karata hai; shareerapar mail jam jaanese isaka rang kaala ho gaya hai.

usane bina soche-samajhe apane doosare naukaronko aadesh diya ki ise achchhee tarah ragada़-ragada़kar saabunase nahalaana chaahiye aur tabatak ragada़te rahana chaahiyejabatak isaka shareer svachchh aur shvet n ho jaaya. naukaronne maalikakee aajnaaka paalan kiyaa. vilambatak saabun ragada़te rahanepar bhee usake shareeraka rang naheen badal sakaa. is nahalaaneka dushparinaam yah hua ki habsheeko sardee ho gayee aur thoड़e hee samayake baad apane maalikakee vivekaheenataaka shikaar ho gayaa. manushyake jeevanamen sat-asatke nirnayaka bada़a mahattv hai. yadi maalikane sadvivekase kaam liya hota to habsheekee jaan naheen jaatee.

- raa0 shree0

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