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सत्तूका चमत्कार  [Moral Story]
Story To Read - Hindi Story (Hindi Story)

सत्तूका चमत्कार

कहा जाता है, पलामूके शासक भगवन्तराय काफी कुशाग्रबुद्धि तथा विनोदी स्वभावके थे।
बात है, सन् 1618ई0 के आस-पासकी। मानसिंहने अपनी सेनाकी एक टुकड़ीके साथ सरगुजासे औरंगानदीके तटवर्ती पलामूके इलाकोंपर धावा बोल दिया। देखते ही-देखते तहलका मच गया। भगवन्तराय तनिक भी विचलित नहीं हुए।
भगवन्तराय औरंगानदीके तटपर पहुँचे। उन्हें ज्ञात हुआ कि दुश्मनकी सेना वहाँसे पश्चिमकी ओर तटपर ही है । पानीके बहावकी दिशा पूरबसे पश्चिमकी ओर देखकर वे बहुत खुश हुए। उन्होंने आदेश दिया कि पलाश और सखएकी पत्तियोंके दोने भारी संख्यामें बनवाये जायँ और पाँच-सात मन सत्तूकी व्यवस्था की जाय।
राजाके आदेशानुसार व्यवस्था होते देर न लगी। दूसरे दिन भोर होते-होते दोने थोड़ी मात्रामें सत्तूके साथ नदीमें बहाये जाने लगे। कुछ ही देरमें नदी बहते हुए दोनोंसे भर गयी।
उधर मानसिंहने जब इतने सारे दोने बहते हुए देखे तो वह काँप उठा। जब छाने गये दोनोंकी गिनती की गयी, तो संख्या लगभग पचीस हजार थी। यह सोचते ही मानसिंहके प्राण सूख गये कि भगवंतरायकी सेनाके पचीस हजार सिपाही तैनात हैं, जिन्होंने नाश्ता करनेके बाद जूठे दोने नदीमें फेंक दिये हैं। उसे लगा, इतनी बड़ी सेनाके सामने भला उसकी फौजकी छोटी टुकड़ीकी क्या बिसात !
कहते हैं, उसके बाद अविलम्ब मानसिंह भीगी बिल्लीकी तरह सेनासमेत वहाँसे भाग खड़ा हुआ।
[ श्रीश्यामबिहारीसिंहजी ]



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sattooka chamatkaara

sattooka chamatkaara

kaha jaata hai, palaamooke shaasak bhagavantaraay kaaphee kushaagrabuddhi tatha vinodee svabhaavake the.
baat hai, san 1618ee0 ke aasa-paasakee. maanasinhane apanee senaakee ek tukada़eeke saath saragujaase aurangaanadeeke tatavartee palaamooke ilaakonpar dhaava bol diyaa. dekhate hee-dekhate tahalaka mach gayaa. bhagavantaraay tanik bhee vichalit naheen hue.
bhagavantaraay aurangaanadeeke tatapar pahunche. unhen jnaat hua ki dushmanakee sena vahaanse pashchimakee or tatapar hee hai . paaneeke bahaavakee disha poorabase pashchimakee or dekhakar ve bahut khush hue. unhonne aadesh diya ki palaash aur sakhaekee pattiyonke done bhaaree sankhyaamen banavaaye jaayan aur paancha-saat man sattookee vyavastha kee jaaya.
raajaake aadeshaanusaar vyavastha hote der n lagee. doosare din bhor hote-hote done thoda़ee maatraamen sattooke saath nadeemen bahaaye jaane lage. kuchh hee deramen nadee bahate hue dononse bhar gayee.
udhar maanasinhane jab itane saare done bahate hue dekhe to vah kaanp uthaa. jab chhaane gaye dononkee ginatee kee gayee, to sankhya lagabhag pachees hajaar thee. yah sochate hee maanasinhake praan sookh gaye ki bhagavantaraayakee senaake pachees hajaar sipaahee tainaat hain, jinhonne naashta karaneke baad joothe done nadeemen phenk diye hain. use laga, itanee bada़ee senaake saamane bhala usakee phaujakee chhotee tukada़eekee kya bisaat !
kahate hain, usake baad avilamb maanasinh bheegee billeekee tarah senaasamet vahaanse bhaag khada़a huaa.
[ shreeshyaamabihaareesinhajee ]

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