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दैन्यकी चरम सीमा  [प्रेरक कथा]
हिन्दी कथा - Wisdom Story (Spiritual Story)

फ्रान्सके प्रसिद्ध संत इवोहिलारीका समस्त जीवन दैन्यका प्रतीक था। तेरहवीं शताब्दीके यूरोपके इतिहासमें उनका नाम अमर है। अपने निवासस्थान ब्रिटनी नगर में वे परम दीन होकर रहनेका यत्न करते थे और अपने आपको साधारण से साधारण मानवके रूपमें प्रकट करते थे। उनके पास कहनेके लिये इस संसारमें अपना कुछ भी नहीं था; फसल कटते ही सारा अन्न गरीबों और दीन-दुखियोंको देकर वे महती प्रसन्नताका अनुभव करते थे।

एक समय वे अपनी कुटीमें ही बैठकर किसीपादरीसे बात कर रहे थे । घरमें केवल एक रोटी बची थी। उस रोटीको उन्होंने गरीबोंमें बाँट देनेका आदेश दिया। पादरीकी इच्छा देखकर आधी रोटी उसे दे दी। वह आश्चर्यचकित हो गया।

'आप क्या भोजन करेंगे ?' पादरीका प्रश्न था । 'भूख लगनेपर भगवान् जो कुछ भी भेज देंगे, उसीसे ही काम चल जायगा ।' संतने शान्तिपूर्ण उत्तर दिया और उनके आदेशसे शेष आधी रोटी गरीबोंको दे दी गयी।

कितना उच्च था उनका दैन्य-वरण । - रा0 श्री0



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dainyakee charam seemaa

phraansake prasiddh sant ivohilaareeka samast jeevan dainyaka prateek thaa. terahaveen shataabdeeke yooropake itihaasamen unaka naam amar hai. apane nivaasasthaan britanee nagar men ve param deen hokar rahaneka yatn karate the aur apane aapako saadhaaran se saadhaaran maanavake roopamen prakat karate the. unake paas kahaneke liye is sansaaramen apana kuchh bhee naheen thaa; phasal katate hee saara ann gareebon aur deena-dukhiyonko dekar ve mahatee prasannataaka anubhav karate the.

ek samay ve apanee kuteemen hee baithakar kiseepaadareese baat kar rahe the . gharamen keval ek rotee bachee thee. us roteeko unhonne gareebonmen baant deneka aadesh diyaa. paadareekee ichchha dekhakar aadhee rotee use de dee. vah aashcharyachakit ho gayaa.

'aap kya bhojan karenge ?' paadareeka prashn tha . 'bhookh laganepar bhagavaan jo kuchh bhee bhej denge, useese hee kaam chal jaayaga .' santane shaantipoorn uttar diya aur unake aadeshase shesh aadhee rotee gareebonko de dee gayee.

kitana uchch tha unaka dainya-varan . - raa0 shree0

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