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सेवककी सूझ-बूझका प्रभाव एक राजाके पास तीन मूर्तियाँ थी। एक दिन  [Hindi Story]
आध्यात्मिक कथा - Short Story (छोटी सी कहानी)

(5) सेवककी सूझ-बूझका प्रभाव एक राजाके पास तीन मूर्तियाँ थी। एक दिन

एक राजाके पास तीन मूर्तियाँ थी। एक दिन एक सेवकसे सफाई करते समय एक मूर्ति अचानक टूट गयी। राजाने क्रोधमें आकर सेवकको मृत्युदण्डकी सजा सुना दी। सजा सुनते ही सेवकने बाकी दो मूर्तियाँ भी तोड़ दीं। राजाने सेवकसे इसका कारण पूछा तो सेवक बोला 'महाराज ! मूर्तियाँ तो मिट्टीकी बनी थीं, उन्हें किसी-न-किसी दिन टूटना ही था। पर जिससे वे मूर्तियाँ टूटतीं, वह भी मृत्युदण्ड पाता। मुझे तो मृत्युदण्ड मिल ही चुका है। मैंने सोचा क्यों न दूसरोंका जीवन बचा लूँ। यह सोचकर मैंने दोनों मूर्तियाँ तोड़ डालीं।' सेवककी बातें सुनकर राजाकी आँखें खुल गयीं। उसने तुरंत सेवककी सजा माफ कर दी एवं उसे उच्च पद भी प्रदान कर दिया।



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sevakakee soojha-boojhaka prabhaav ek raajaake paas teen moortiyaan thee. ek dina

(5) sevakakee soojha-boojhaka prabhaav ek raajaake paas teen moortiyaan thee. ek dina

ek raajaake paas teen moortiyaan thee. ek din ek sevakase saphaaee karate samay ek moorti achaanak toot gayee. raajaane krodhamen aakar sevakako mrityudandakee saja suna dee. saja sunate hee sevakane baakee do moortiyaan bhee toda़ deen. raajaane sevakase isaka kaaran poochha to sevak bola 'mahaaraaj ! moortiyaan to mitteekee banee theen, unhen kisee-na-kisee din tootana hee thaa. par jisase ve moortiyaan tootateen, vah bhee mrityudand paataa. mujhe to mrityudand mil hee chuka hai. mainne socha kyon n doosaronka jeevan bacha loon. yah sochakar mainne donon moortiyaan toda़ daaleen.' sevakakee baaten sunakar raajaakee aankhen khul gayeen. usane turant sevakakee saja maaph kar dee evan use uchch pad bhee pradaan kar diyaa.

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