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कुत्तेका भय भी अनित्य है  [प्रेरक कथा]
प्रेरक कहानी - प्रेरक कथा (Hindi Story)

काशीके कुछ पण्डित आचार्य शंकरसे द्रोह मानते थे। एक दिन काशीके कुछ पण्डितोंने आचार्य शंकरके ऊपर एक कटहे कुत्तेको काटनेके लिये ललकारा।अपने ऊपर कुत्तेको झपटते देख आचार्य शंकर एक ओर हट गये। आचार्यको हटते देखकर पण्डितोंने कहा 'आप जब अद्वैतवादके समर्थक हैं, तब इस नाशवान्शरीरसे क्या डर और वही एक नियन्ता तो कुत्तेमें भी वर्तमान है।' आचार्यने कहा, 'तथास्तु, जिस प्रकार यहशरीर अनित्य है, उसी प्रकार कुत्तेसे भय करना भी तो अनित्य है।' पण्डित लोग इस तर्कसे अवाक् हो गये।



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kutteka bhay bhee anity hai

kaasheeke kuchh pandit aachaary shankarase droh maanate the. ek din kaasheeke kuchh panditonne aachaary shankarake oopar ek katahe kutteko kaataneke liye lalakaaraa.apane oopar kutteko jhapatate dekh aachaary shankar ek or hat gaye. aachaaryako hatate dekhakar panditonne kaha 'aap jab advaitavaadake samarthak hain, tab is naashavaanshareerase kya dar aur vahee ek niyanta to kuttemen bhee vartamaan hai.' aachaaryane kaha, 'tathaastu, jis prakaar yahashareer anity hai, usee prakaar kuttese bhay karana bhee to anity hai.' pandit log is tarkase avaak ho gaye.

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