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क्षमा  [Shikshaprad Kahani]
छोटी सी कहानी - Shikshaprad Kahani (Hindi Story)

एक दिन एक घमंडी युवकने इंगलैंडकी महारानी एलिजाबेथके आदरभाजन तथा प्रख्यात शूर सर वॉल्टर रैलेको द्वन्द्वयुद्धकी चुनौती दी। उस समय यूरोपमें द्वन्द्व-युद्धकी चुनौतीको अस्वीकार करना अत्यन्त कायरताका चिह्न माना जाता था। सर रैले तलवार चलानेमें अत्यन्त निपुण थे; किंतु उन्होंने उस युवककी चुनौती अस्वीकार कर दी। इससे उसअसभ्य युवकने घृणापूर्वक सर रैलेके मुखपर थूक दिया ।

बिना किसी उत्तेजनाके रैले बोले-'जितनी सरलतासे अपने मुखपर पड़े इस थूकको मेँ रूमाल निकालकर पोंछ सकता हूँ, यदि उतनी ही सरलतासे मानवहत्याका पाप भी पोंछा जा सकता तो अवश्य मेँ तलवार निकालकर तुम्हारे साथ भिड़ पड़ता ।'



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kshamaa

ek din ek ghamandee yuvakane ingalaindakee mahaaraanee elijaabethake aadarabhaajan tatha prakhyaat shoor sar vaॉltar raileko dvandvayuddhakee chunautee dee. us samay yooropamen dvandva-yuddhakee chunauteeko asveekaar karana atyant kaayarataaka chihn maana jaata thaa. sar raile talavaar chalaanemen atyant nipun the; kintu unhonne us yuvakakee chunautee asveekaar kar dee. isase usaasabhy yuvakane ghrinaapoorvak sar raileke mukhapar thook diya .

bina kisee uttejanaake raile bole-'jitanee saralataase apane mukhapar pada़e is thookako men roomaal nikaalakar ponchh sakata hoon, yadi utanee hee saralataase maanavahatyaaka paap bhee ponchha ja sakata to avashy men talavaar nikaalakar tumhaare saath bhida़ pada़ta .'

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