⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

नशा उतर गया  [प्रेरक कहानी]
छोटी सी कहानी - शिक्षदायक कहानी (हिन्दी कथा)

नशा ही तो— कामका नशा चढ़ गया था सेठ धनदत्तके पुत्रके सिरपर एक नट आया उनके यहाँ और उसने अपनी कलाका प्रदर्शन किया; किंतु उसकी कन्याको देखकर सेठका पुत्र इलायचीकुमार हठ कर बैठा-'मैं इसीसे विवाह करूँगा। यह मुझे न मिली तो आत्मघात कर लूँगा।'

सेठ धनदत्त क्या करते, इलायची उनका एकमात्र पुत्र था, उसकी हठके आगे उन्हें झुकना पड़ा। उन्होंने नटसे प्रस्ताव किया कि वह अपनी पुत्री दे दे; किंतु नट लाल हो उठा -' धनके मदमें मतवाले मत बनो! हम कंगाल सही; किंतु हमारा भी कुलगौरव है; किसीका सम्मान पैसोंसे नहीं खरीदा जा सकता।'

नगर-नगर घूमनेवाले नटके द्वारा यह अपमान सहकर भी सेठ धनदत्त शान्त रह गये। उन्हें अपने पुत्रके प्राणोंकी चिन्ता थी । अन्तमें सेठकी अनुनय विनयपर नट प्रसन्न हुआ। उसने कहा- 'आपका पुत्र मेरे साथ बारह वर्ष रहकर मेरी कलाका अभ्यास करे। जिस दिन किसी नरेशद्वारा वह पुरस्कृत होगा, उसी दिन मेरी पुत्रीका उससे विवाह हो जायगा ।'

इलायचीकुमारने नटकी बात स्वीकार कर ली। माता-पिता, स्वजन तथा अपने वैभवको त्यागकर वह नटके साथ निकल पड़ा। बारह वर्षतक उसने नटकी | कलाका अभ्यास किया। कठोर श्रम करके वह उसविद्यामें प्रवीण हो गया।

नटके साथ इलायचीकुमार वाराणसी गया और वहाँके नरेश उसकी कला देखकर प्रसन्न हो गये। नरेशने कहा - 'नटकुमार ! हम तुम्हारी कलापर प्रसन्न हैं, माँगो क्या माँगते हो ?'

उस समय इलायची एक बहुत ऊँचे स्तम्भके सिरेपर बैठा था। उसकी दृष्टि दूर एक भवनके द्वारपर थी। वह देख रहा था कि वहाँ उस द्वारपर एक मुनि खड़े हैं और भवनसे एक अत्यन्त सुन्दरी नवविवाहिता | युवती उन्हें भिक्षा देने आयी है। युवती पर्याप्त अधिक भिक्षा ले आयी है; किंतु मुनि थोड़ी सामग्री लेकर कह रहे हैं-' बस करो, बहिन !' इसी समय वाराणसीनरेशका सम्बोधन उसके कानमें पड़ा - 'नटकुमार !' इलायची चौंक पड़ा-'कौन नटकुमार ? एक नगर सेठका और मेरा इतना पतन !' पुत्र
इलायचीकुमारका नशा उतर गया। उसने स्तम्भसे उतरकर सीधे उन मुनिके चरणोंमें उपस्थित होकर मस्तक झुकाया। मुनिसे उसने दीक्षा ग्रहण की। नटकुमारीके मोहजालसे ही नहीं, मायारूपी नटिनीके मोहजालसे भी वह छूट गया। नाना योनियोंमें जन्म लेकर अनेक रूपसे नटकी भाँति नाचते रहनेकी परम्परासे छुटकारा पा लिया उसने l

- सु0 सिं0



You may also like these:

हिन्दी कथा सेवा ही भक्ति है
हिन्दी कहानी सीख एक गुरुकी
Hindi Story सादगी
हिन्दी कहानी समताका भाव
आध्यात्मिक कहानी सबहि नचावत रामु गोसाईं
हिन्दी कथा सद्गुरुकी सीख
हिन्दी कहानी सत्संगका प्रभाव
आध्यात्मिक कहानी सत्यकी जय होती है
आध्यात्मिक कहानी संयमका सुफल


nasha utar gayaa

nasha hee to— kaamaka nasha chadha़ gaya tha seth dhanadattake putrake sirapar ek nat aaya unake yahaan aur usane apanee kalaaka pradarshan kiyaa; kintu usakee kanyaako dekhakar sethaka putr ilaayacheekumaar hath kar baithaa-'main iseese vivaah karoongaa. yah mujhe n milee to aatmaghaat kar loongaa.'

seth dhanadatt kya karate, ilaayachee unaka ekamaatr putr tha, usakee hathake aage unhen jhukana pada़aa. unhonne natase prastaav kiya ki vah apanee putree de de; kintu nat laal ho utha -' dhanake madamen matavaale mat bano! ham kangaal sahee; kintu hamaara bhee kulagaurav hai; kiseeka sammaan paisonse naheen khareeda ja sakataa.'

nagara-nagar ghoomanevaale natake dvaara yah apamaan sahakar bhee seth dhanadatt shaant rah gaye. unhen apane putrake praanonkee chinta thee . antamen sethakee anunay vinayapar nat prasann huaa. usane kahaa- 'aapaka putr mere saath baarah varsh rahakar meree kalaaka abhyaas kare. jis din kisee nareshadvaara vah puraskrit hoga, usee din meree putreeka usase vivaah ho jaayaga .'

ilaayacheekumaarane natakee baat sveekaar kar lee. maataa-pita, svajan tatha apane vaibhavako tyaagakar vah natake saath nikal pada़aa. baarah varshatak usane natakee | kalaaka abhyaas kiyaa. kathor shram karake vah usavidyaamen praveen ho gayaa.

natake saath ilaayacheekumaar vaaraanasee gaya aur vahaanke naresh usakee kala dekhakar prasann ho gaye. nareshane kaha - 'natakumaar ! ham tumhaaree kalaapar prasann hain, maango kya maangate ho ?'

us samay ilaayachee ek bahut oonche stambhake sirepar baitha thaa. usakee drishti door ek bhavanake dvaarapar thee. vah dekh raha tha ki vahaan us dvaarapar ek muni khada़e hain aur bhavanase ek atyant sundaree navavivaahita | yuvatee unhen bhiksha dene aayee hai. yuvatee paryaapt adhik bhiksha le aayee hai; kintu muni thoda़ee saamagree lekar kah rahe hain-' bas karo, bahin !' isee samay vaaraanaseenareshaka sambodhan usake kaanamen pada़a - 'natakumaar !' ilaayachee chaunk pada़aa-'kaun natakumaar ? ek nagar sethaka aur mera itana patan !' putra
ilaayacheekumaaraka nasha utar gayaa. usane stambhase utarakar seedhe un munike charanonmen upasthit hokar mastak jhukaayaa. munise usane deeksha grahan kee. natakumaareeke mohajaalase hee naheen, maayaaroopee natineeke mohajaalase bhee vah chhoot gayaa. naana yoniyonmen janm lekar anek roopase natakee bhaanti naachate rahanekee paramparaase chhutakaara pa liya usane l

- su0 sin0

183 Views





Bhajan Lyrics View All

श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये

New Bhajan Lyrics View All

मैं बनके मोर रंगीला बरसाने फिरू
भवानी माँ दया कर दो,
तुम्हारे द्वार आये है,
मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे,
भोले बाबा जी की आँखों के तारे,
पीले फूलों की बगिया सुहानी,
मेरी बगिया में आओ राधारानी...
लड्डू गोपाल मेरा लड्डू गोपाल,
छोटा सा है लल्ला मेरा करतब करे कमाल,