⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

धर्मप्रचारके लिये जीवनदान  [Wisdom Story]
Moral Story - Hindi Story (छोटी सी कहानी)

चीनसे भारत आनेवाले यात्री ह्यु-एन-साँग केवल घुमक्कड़ यात्री नहीं थे। वे थे धर्मके जिज्ञासु विद्याकी लालसा ही उन्हें दुर्गम हिमालयके इस पार ले आयी थी। भारतके सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय नालन्दाने उनका स्वागत किया। ह्यु-एन-साँग नालन्दाके छात्र रहे और अध्ययन करके उसके अध्यापक भी रहे। भारतने विद्याका सम्मान करनेमें कोई भेदभाव सीखा ही नहीं।

ह्युएन-साँग कई वर्ष भारतमें रहकर अपनी जन्मभूमि लौट रहे थे। उन्होंने चीनमें बौद्धधर्मकी व्यवस्थित शिक्षाके प्रचारका निश्चय किया था। बहुत से धर्मग्रन्थ वे अपने साथ ले जा रहे थे। नालन्दाके कुछ | उत्साही भारतीय विद्यार्थी उनके साथ थे। सिंधु नदीके मुहानेतक इस यात्रीदलकी यात्रा निर्विघ्र पूरी हुई; किंतुजब वे नौकासे सिंधु नदी पार करने लगे, तब आँधी आ गयी। मुहानेके पास समुद्रमें आया तूफान अपना प्रभाव दिखलाता ही है। स्थिति ऐसी हो गयी कि 'नौका अब डूबी, अब डूबी' लगने लगा।

'मेरा पूरा परिश्रम व्यर्थ गया ! ह्यु-एन-साँग मस्तकपर हाथ रखकर बैठ गये। परंतु भारतीय विद्यार्थियोंने एक दूसरेकी ओर देखा। एकने अपने साथियोंसे कहा 'भार कम हो जाय तो वाहन बच सकता है। क्या धर्मग्रन्थोंकी रक्षासे होनेवाले धर्मप्रचारकी अपेक्षा हमारा जीवन अधिक मूल्यवान् है ?"

उस विद्यार्थीको शब्दोंमें उत्तर नहीं मिला। उसके साथी पलक झपकते नदीके अथाह जलमें कूदकर अदृश्य हो गये। सबसे अन्तमें कूदनेवाला वह स्वयं था ।

- सु0 सिं0



You may also like these:

हिन्दी कहानी समताका भाव
हिन्दी कहानी बलिप्रथा अधर्म है
आध्यात्मिक कथा परमात्माकी मृत्यु
हिन्दी कहानी ईश्वरका सच्चा भक्त
छोटी सी कहानी आखिरमें मिला क्या


dharmaprachaarake liye jeevanadaana

cheenase bhaarat aanevaale yaatree hyu-ena-saang keval ghumakkada़ yaatree naheen the. ve the dharmake jijnaasu vidyaakee laalasa hee unhen durgam himaalayake is paar le aayee thee. bhaaratake sarvashreshth vishvavidyaalay naalandaane unaka svaagat kiyaa. hyu-ena-saang naalandaake chhaatr rahe aur adhyayan karake usake adhyaapak bhee rahe. bhaaratane vidyaaka sammaan karanemen koee bhedabhaav seekha hee naheen.

hyuena-saang kaee varsh bhaaratamen rahakar apanee janmabhoomi laut rahe the. unhonne cheenamen bauddhadharmakee vyavasthit shikshaake prachaaraka nishchay kiya thaa. bahut se dharmagranth ve apane saath le ja rahe the. naalandaake kuchh | utsaahee bhaarateey vidyaarthee unake saath the. sindhu nadeeke muhaanetak is yaatreedalakee yaatra nirvighr pooree huee; kintujab ve naukaase sindhu nadee paar karane lage, tab aandhee a gayee. muhaaneke paas samudramen aaya toophaan apana prabhaav dikhalaata hee hai. sthiti aisee ho gayee ki 'nauka ab doobee, ab doobee' lagane lagaa.

'mera poora parishram vyarth gaya ! hyu-ena-saang mastakapar haath rakhakar baith gaye. parantu bhaarateey vidyaarthiyonne ek doosarekee or dekhaa. ekane apane saathiyonse kaha 'bhaar kam ho jaay to vaahan bach sakata hai. kya dharmagranthonkee rakshaase honevaale dharmaprachaarakee apeksha hamaara jeevan adhik moolyavaan hai ?"

us vidyaartheeko shabdonmen uttar naheen milaa. usake saathee palak jhapakate nadeeke athaah jalamen koodakar adrishy ho gaye. sabase antamen koodanevaala vah svayan tha .

- su0 sin0

111 Views





Bhajan Lyrics View All

एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥

New Bhajan Lyrics View All

जहा बिराजे भोले दानी करके अनोखा
कावड़िया ले चल गंग की धार...
चढ़ने लगा है श्याम का सरूर,
दर्शन को दिल हुआ मजबूर,
मां तेरे दर पर आना मेरा काम है,
मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है...
माता रानी कीजिये,
किरपा की बरसात,
पावन चुलकाना नगरी,
देवभूमि कहलाए,