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महान् कौन है  [Story To Read]
आध्यात्मिक कहानी - Short Story (Shikshaprad Kahani)

एक बार देवर्षिके मनमें यह जाननेकी इच्छा हुई कि जगत्में सबसे महान् कौन है। उन्होंने सोचा कि चलूँ भगवान् के पास ही। वहीं इसका ठीक-ठीक पता लग सकेगा। वे सीधे वैकुण्ठमें गये और वहाँ जाकर प्रभुसे अपना मनोभाव व्यक्त किया।

प्रभुने कहा- नारद! सबसे बड़ी तो यह पृथ्वी ही दीखती है; पर वह समुद्रसे घिरी हुई है, अतएव वह भी बड़ी नहीं है। रही बात समुद्रकी, सो उसे अगस्त्य मुनि पी गये थे, अतः वह भी बड़ा कैसे हो सकता है। इससे तो अगस्त्यजी सबसे बड़े हो गये। पर देखा जाता है कि अनन्ताकाशके एक सीमित सूचिका-सदृश भागमें वे केवल एक खद्योतवत्-जुगनूकी तरह चमक रहे हैं; इससे वे भी बड़े कैसे हो सकते हैं? अब रहाआकाशविषयक प्रश्न । प्रसिद्ध है कि भगवान् विष्णुने वामनावतारमें इस आकाशको एक ही पगमें नाप लिया था, अतएव वह भी उनके सामने अत्यन्त नगण्य है। इस दृष्टिसे भगवान् विष्णु ही सर्वोपरि महान् सिद्ध होते हैं। तथापि नारद! वे भी सर्वाधिक महान् हैं नहीं, क्योंकि तुम्हारे हृदयमें वे भी अङ्गुष्ठमात्र स्थलमें ही सर्वदा अवरुद्ध देखे जाते हैं। इसलिये भैया! तुमसे बड़ा कौन है ? वास्तवमें तुम ही सबसे महान् सिद्ध हुए

पृथ्वी तावदतीव विस्तृतिमती तद्वेष्टनं वारिधिः

पीतोऽसौ कलशोद्भवेन मुनिना स व्योम्नि खद्योतवत् ।

तद्व्याप्तं दनुजाधिपस्य जयिना पादेन चैकेन खं

तं त्वं चेतसि धारयस्यविरतं त्वत्तोऽस्ति नान्यो महान् ॥

-जा0 श0



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mahaan kaun hai

ek baar devarshike manamen yah jaananekee ichchha huee ki jagatmen sabase mahaan kaun hai. unhonne socha ki chaloon bhagavaan ke paas hee. vaheen isaka theeka-theek pata lag sakegaa. ve seedhe vaikunthamen gaye aur vahaan jaakar prabhuse apana manobhaav vyakt kiyaa.

prabhune kahaa- naarada! sabase bada़ee to yah prithvee hee deekhatee hai; par vah samudrase ghiree huee hai, ataev vah bhee bada़ee naheen hai. rahee baat samudrakee, so use agasty muni pee gaye the, atah vah bhee bada़a kaise ho sakata hai. isase to agastyajee sabase bada़e ho gaye. par dekha jaata hai ki anantaakaashake ek seemit soochikaa-sadrish bhaagamen ve keval ek khadyotavat-juganookee tarah chamak rahe hain; isase ve bhee bada़e kaise ho sakate hain? ab rahaaaakaashavishayak prashn . prasiddh hai ki bhagavaan vishnune vaamanaavataaramen is aakaashako ek hee pagamen naap liya tha, ataev vah bhee unake saamane atyant nagany hai. is drishtise bhagavaan vishnu hee sarvopari mahaan siddh hote hain. tathaapi naarada! ve bhee sarvaadhik mahaan hain naheen, kyonki tumhaare hridayamen ve bhee angushthamaatr sthalamen hee sarvada avaruddh dekhe jaate hain. isaliye bhaiyaa! tumase bada़a kaun hai ? vaastavamen tum hee sabase mahaan siddh hue

prithvee taavadateev vistritimatee tadveshtanan vaaridhih

peeto'sau kalashodbhaven munina s vyomni khadyotavat .

tadvyaaptan danujaadhipasy jayina paaden chaiken khan

tan tvan chetasi dhaarayasyaviratan tvatto'sti naanyo mahaan ..

-jaa0 sha0

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