⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

बाजीराव प्रथमकी उदारता  [छोटी सी कहानी]
Short Story - Short Story (Shikshaprad Kahani)

बाजीराव प्रथम उर्फ बाजीराव बल्लाल पेशवा और निजाम उल मुल्कके बीच सन् 1728 में गोदावरीके किनारे लड़ाई हुई। मराठे जीत गये और मुस्लिम सेनामें अन्नका भारी तोड़ा आ गया। इसी बीच एक मुस्लिम त्योहार आया। निजामने बाजीरावके पास दूत भेजकर अपील की कि सेनामें भोजनको बड़ी कमी आ गयी है, इसलिये अन्न और किरानेकी मदद भेजिये।'

बाजीरावने अपने प्रमुख सहायकों की गुप्त बैठक बुलायी और निजामकी यह अपील उनके समक्ष रखकर निर्णय माँगा। प्रायः सभीने यही सलाह दी कि 'निजामको कुछ भी न भेजा जाय। इस तरहअनायास शत्रुको भलीभाँति तंग करनेका मतलब सध जायगा।' पेशवाको यह निर्णय पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा- 'हम सैनिकोंके लिये यह कदापि उचित नहीं कि शत्रु बीमार, भूखा या सोया हुआ हो तो धोखेमें उसे नष्ट कर डाला जाय। नवाबने जितनी माँग की है, उससे अधिक भेजकर उसका सम्मान किया जाय।'

पेशवाने पाँच हजार बैलोंपर सारी सामग्री रखकर
निजामके पास भिजवा दी। निजाम अत्यन्त प्रभावित हुआ और शीघ्र ही सलाह-मशविरा होकर दोनोंकी भेंट हुई।

-गो0 न0 बै0 (नीतिबोध)



You may also like these:

हिन्दी कथा अपनी खोज
हिन्दी कथा आतिथ्यधर्म (1)
हिन्दी कथा आनन्दघनकी खीझ
हिन्दी कथा ईश्वर रक्षक है
हिन्दी कथा कृतज्ञताका मूल्य
हिन्दी कथा क्षमाशीलता
हिन्दी कथा गुरुप्राप्ति


baajeeraav prathamakee udaarataa

baajeeraav pratham urph baajeeraav ballaal peshava aur nijaam ul mulkake beech san 1728 men godaavareeke kinaare lada़aaee huee. maraathe jeet gaye aur muslim senaamen annaka bhaaree toda़a a gayaa. isee beech ek muslim tyohaar aayaa. nijaamane baajeeraavake paas doot bhejakar apeel kee ki senaamen bhojanako bada़ee kamee a gayee hai, isaliye ann aur kiraanekee madad bhejiye.'

baajeeraavane apane pramukh sahaayakon kee gupt baithak bulaayee aur nijaamakee yah apeel unake samaksh rakhakar nirnay maangaa. praayah sabheene yahee salaah dee ki 'nijaamako kuchh bhee n bheja jaaya. is tarahaanaayaas shatruko bhaleebhaanti tang karaneka matalab sadh jaayagaa.' peshavaako yah nirnay pasand naheen aayaa. unhonne kahaa- 'ham sainikonke liye yah kadaapi uchit naheen ki shatru beemaar, bhookha ya soya hua ho to dhokhemen use nasht kar daala jaaya. navaabane jitanee maang kee hai, usase adhik bhejakar usaka sammaan kiya jaaya.'

peshavaane paanch hajaar bailonpar saaree saamagree rakhakara
nijaamake paas bhijava dee. nijaam atyant prabhaavit hua aur sheeghr hee salaaha-mashavira hokar dononkee bhent huee.

-go0 na0 bai0 (neetibodha)

77 Views





Bhajan Lyrics View All

कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल

New Bhajan Lyrics View All

राम नाम ना जाणे म्हारी बुढ़ियाँ,
सबने नाँच नचावे म्हारीं बुढ़ियाँ...
ओमकारा ओमकारा भोले का नाम लगे बड़ा
कर लेना तुम भजन राम का, भव से पार उतर
मोह माया के इस चक्कर से, पल में बाहर
अ र र, तेरे खेल निराले,
बाबोसा चुरू वाले,
गोविंद हरे गोपाल हरे,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे,