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विनोबासे सन्त विनोबा  [हिन्दी कथा]
प्रेरक कहानी - Shikshaprad Kahani (प्रेरक कथा)

विनोबासे 'सन्त विनोबा'

सन् 1912 ई0 की यह बात है। बडोदरा शहरके दो मित्र आपसमें बातें कर रहे थे। एक था महादेव मोघे और दूसरा विनायक भावे ।
महादेवने कहा, 'विनायक, महाराष्ट्रमें सन्त बहुत हुए हैं और हैं, पर कोंकणस्थ ब्राह्मणवर्गमें आजतक कोई सन्त नहीं बना।' विनायकने पूछा, 'महादेव! क्या यह बात सच है ?'
'बिलकुल सच, कोंकणस्थ ब्राह्मण जातिमें आद्य क्रान्तिकारी वासुदेव बलवन्त फड़केजीसे लेकर वीर सावरकरतक अनेक देशभक्त हुए, लेकिन सन्त एक भी नहीं।' महादेवने कहा ।
फिर दोनोंने मिलकर सन्त-महन्तोंकी सूची बनायी।महाराष्ट्रके सभी सन्तोंकी सूचीमें कोई भी कोंकणस्थब्राह्मण नहीं था। इसपर बड़े ही आत्मविश्वासपूर्वकविनायकने कहा, 'अगर यह सच है तो महादेव! मैं हीकोंकणस्थ ब्राह्मणोंमें पहला सन्त-महात्मा बनूँगा।' इस वाक्यको सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ
इस निर्णयको विनोबाजीने बराबर याद रखा। उनकी माँकी इच्छा थी कि भावे खानदानका नाम रोशन हो और आगे चलकर उनका पुत्र कोई बड़ा नेता बने। अपने बेटेपर उनका आत्मविश्वास दृढ़ था ।
चालीस साल बाद 1951 ई0 में एक दिन सुबहके अखबार में महादेव मोघेकी नजर मोटे टाइपमें छपे शीर्षकपर पड़ी। शीर्षक था, 'सन्त विनोबाजीद्वारा आन्ध्र प्रदेशमें भूदान यज्ञका प्रारम्भ।' उसमें लिखा था, 'जो मेहनत करनेके लिये तैयार हैं, जो कष्ट उठानेसे नहीं डरते, जो भूमिहीन हैं, जिनके पास जमीन नहीं है, ऐसे गरीब किसानोंके, दीनदलितोंके जीवन-निर्वाहहेतु विनोबाजीने 'भूदान यज्ञ' प्रारम्भ किया है। लाखों एकड़ जमीन हासिल की गयी है और हजारों भूमिहीन किसानोंमें बाँटी गयी। मेहनतकर स्वाभिमानपूर्वक जिन्दगी जीनेका हक उन्होंने भूमिहीन किसानोंको दिलाया है। भूमिहीन, दलित, हरिजन, किसानबन्धुओंको उन्होंने हजारों एकड़ जमीन दानमें प्राप्तकर बाँट दी है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। भूदानके उनके इस अलौकिक कार्यसे ही उन्हें 'भौमर्षि' का सम्मान दिया गया।'
यह सब पढ़कर मोघेजीकी आँखें डबडबा गयीं। अपने ही बचपनके साथीको सन्त बना देखकर उन्हें बचपनकी याद आयी। 'मैं ही बनूँगा पहला कोंकणस्थ सन्त।' विनोबाजीके इन शब्दोंकी याद आयी। आगे चलकर मोघे भी विनोबाके साथ भूदान यज्ञके कार्यमें गाँव-गाँव घूमे। सन्त विनोबाजीके भावपूर्ण दर्शनसे उनकी आँखें भर आतीं और मन-ही-मन वे उनकी वन्दना करते।
आगे चलकर विनोबा 'सन्त' के नामसे प्रसिद्ध हुए, पर यह सब देखनेके लिये उनकी माँ नहीं रहीं। इसकी वेदना उन्हें आखिरतक सताती रही। [ वीनूकी माँ ]



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vinobaase sant vinobaa

vinobaase 'sant vinobaa'

san 1912 ee0 kee yah baat hai. badodara shaharake do mitr aapasamen baaten kar rahe the. ek tha mahaadev moghe aur doosara vinaayak bhaave .
mahaadevane kaha, 'vinaayak, mahaaraashtramen sant bahut hue hain aur hain, par konkanasth braahmanavargamen aajatak koee sant naheen banaa.' vinaayakane poochha, 'mahaadeva! kya yah baat sach hai ?'
'bilakul sach, konkanasth braahman jaatimen aady kraantikaaree vaasudev balavant phada़kejeese lekar veer saavarakaratak anek deshabhakt hue, lekin sant ek bhee naheen.' mahaadevane kaha .
phir dononne milakar santa-mahantonkee soochee banaayee.mahaaraashtrake sabhee santonkee soocheemen koee bhee konkanasthabraahman naheen thaa. isapar bada़e hee aatmavishvaasapoorvakavinaayakane kaha, 'agar yah sach hai to mahaadeva! main heekonkanasth braahmanonmen pahala santa-mahaatma banoongaa.' is vaakyako sunakar bada़a aashchary huaa
is nirnayako vinobaajeene baraabar yaad rakhaa. unakee maankee ichchha thee ki bhaave khaanadaanaka naam roshan ho aur aage chalakar unaka putr koee bada़a neta bane. apane betepar unaka aatmavishvaas dridha़ tha .
chaalees saal baad 1951 ee0 men ek din subahake akhabaar men mahaadev moghekee najar mote taaipamen chhape sheershakapar pada़ee. sheershak tha, 'sant vinobaajeedvaara aandhr pradeshamen bhoodaan yajnaka praarambha.' usamen likha tha, 'jo mehanat karaneke liye taiyaar hain, jo kasht uthaanese naheen darate, jo bhoomiheen hain, jinake paas jameen naheen hai, aise gareeb kisaanonke, deenadalitonke jeevana-nirvaahahetu vinobaajeene 'bhoodaan yajna' praarambh kiya hai. laakhon ekada़ jameen haasil kee gayee hai aur hajaaron bhoomiheen kisaanonmen baantee gayee. mehanatakar svaabhimaanapoorvak jindagee jeeneka hak unhonne bhoomiheen kisaanonko dilaaya hai. bhoomiheen, dalit, harijan, kisaanabandhuonko unhonne hajaaron ekada़ jameen daanamen praaptakar baant dee hai aur unhen aatmanirbhar banaaya hai. bhoodaanake unake is alaukik kaaryase hee unhen 'bhaumarshi' ka sammaan diya gayaa.'
yah sab padha़kar moghejeekee aankhen dabadaba gayeen. apane hee bachapanake saatheeko sant bana dekhakar unhen bachapanakee yaad aayee. 'main hee banoonga pahala konkanasth santa.' vinobaajeeke in shabdonkee yaad aayee. aage chalakar moghe bhee vinobaake saath bhoodaan yajnake kaaryamen gaanva-gaanv ghoome. sant vinobaajeeke bhaavapoorn darshanase unakee aankhen bhar aateen aur mana-hee-man ve unakee vandana karate.
aage chalakar vinoba 'santa' ke naamase prasiddh hue, par yah sab dekhaneke liye unakee maan naheen raheen. isakee vedana unhen aakhiratak sataatee rahee. [ veenookee maan ]

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