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कर भला तो हो भला  [प्रेरक कहानी]
Hindi Story - हिन्दी कथा (बोध कथा)

कर भला तो हो भला

सभी मनुष्योंको अपने कर्मोंका फल अवश्य भोगना पड़ता है। अच्छे कर्म करनेका परिणाम सदा शुभ तथा बुरे कर्मका परिणाम अशुभ होता है। परोपकारको सभी श्रेष्ठ कर्मोंमें सर्वोत्तम माना गया है। अतः परोपकारी व्यक्तिको उसके कर्मके फलस्वरूप सद्गति प्राप्त होती है। इसीलिये कहा गया है कि 'कर भला तो हो भला'।
बहुत पहलेकी बात है, उस समय अमेरिका, यूरोप तथा मध्य एशियाके देशोंमें गुलाम-प्रथा प्रचलित थी। एथेन्स नगरमें एक धनी जमींदार रहता था। उसके पास कई गुलाम थे। जमींदार बड़ा ही निर्दयी था। बात बातपर गुलामोंपर कोड़े बरसाता और उन्हें भूखा रखता। उन्हें जंजीरोंसे बाँधकर रखा जाता और तरह-तरहसे उन्हें कष्ट दिया जाता।
अपने नारकीय जीवनसे तंग आकर उन गुलामोंमेंसे एक मौका पाकर रातके समय वहाँसे भाग निकला। रातभर चलते-चलते वह एक घने जंगलमें जा पहुँचा। अब उसने जंगलमें ही रहनेका निश्चय किया; क्योंकि वह जानता था कि पकड़े जानेपर उसे मृत्युदण्ड दिया जायगा। एक दिन जब वह जंगलमें घूम रहा था, तब उसने एक शेरको देखा। वह पेड़के नीचे बैठा था। गुलामने सोचा कि अब वह शेर उसपर आक्रमण करेगा। मगर उस शेरने धीरेसे गुर्राकर अपना दाहिना अगला पंजा उसकी ओर उठाया। गुलामने देखा कि उसके पंजेमें एक बड़ा-सा काँटा चुभा हुआ है। गुलामकी हिम्मत उस शेरतक जानेकी न हुई, शेर फिर गुर्राया और अपना पंजा उसकी ओर उठाया। उसके चेहरेपर क्रूरता नहीं, बल्कि पीड़ाके भाव दिखायी दे रहे थे। गुलामके मनमें दया आ गयी, उसने सोचा कि उस निर्दयी मालिकके हाथोंसे मरनेकी अपेक्षा यह ज्यादा अच्छा है कि शेर उसे खा जाय। वह शेरके पास गया और उसके पंजेको पकड़कर उसमें चुभा काँटा निकाल दिया। शेर कुछ देर उसे कृतज्ञ दृष्टिसे देखता रहा, फिर धीरे-धीरे एक ओर चला गया।
गुलामको उस जंगलमें रहते हुए एक महीना बीत गया। एक दिन जब वह एक पेड़के नीचे बैठा था, उस समय शिकारके लिये आये हुए सिपाहियोंने उसे देख लिया। जमींदार उसके भागनेकी शिकायत राजासे कर चुका था, अतः सिपाही उसे पकड़कर राजाके पास ले गये। उसे कैदखानेमें बन्द कर दिया गया। राजाने उसे
भूखे शेरके आगे छोड़ने का हुक्म दिया। निर्धारित तिथिको उसे एक बड़ेसे मैदानमें लाया गया। मैदानके चारों और लोहेकी बाड़ लगी थी। बाड़के उस पार लोगोंके बैठनेकी जगह बनी थी। एक ऊँचे मंचपर राजा तथा उसके मन्त्रीगण बैठे थे। फिर कठघरे में बन्द एक शेरको लाया गया, जिसे भूखा रखा गया था। कठघरेके दरवाजेको खोलकर शेरको उस मैदानमें छोड़ दिया गया, जहाँ वह गुलाम था। शेर दहाड़ता हुआ उस गुलामकी ओर दौड़ा, मगर गुलामके पास पहुँचकर अचानक रुक गया। शेर कुछ देर उसकी ओर देखता रहा, फिर सिर झुकाकर ठीक किसी पालतू कुत्तेकी तरह उसके पास आया और उसके शरीरसे अपना शरीर रगड़ने लगा। गुलामने देखा कि यह वही शेर है, जिसके पैरसे उसने काँटा निकाला था। वह शेरके पास बैठ गया और उसके शरीरपर हाथ फेरने लगा।
यह सब देखकर राजासहित सभी लोग आश्चर्यचकित रह गये। राजाने उस गुलामको अपने पास आनेको कहा। शेरको वहीं छोड़कर वह राजाके पास पहुँचा। राजाने उससे इस प्रकारकी घटनाका कारण पूछा। गुलामने सारा किस्सा कह सुनाया। सब कुछ सुनकर राजाने कहा कि अपने साथ किये गये उपकारका बदला शेरने जानवर होते हुए भी चुका दिया। सभीको इससे शिक्षा लेनी चाहिये। इसके बाद राजाने गुलामको बहुत सा धन देकर उसे उसके देश जानेकी आज्ञा दे दी, साथ ही उस शेरको भी मुक्तकर जंगलमें छोड़ दिया गया।



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kar bhala to ho bhalaa

kar bhala to ho bhalaa

sabhee manushyonko apane karmonka phal avashy bhogana pada़ta hai. achchhe karm karaneka parinaam sada shubh tatha bure karmaka parinaam ashubh hota hai. paropakaarako sabhee shreshth karmonmen sarvottam maana gaya hai. atah paropakaaree vyaktiko usake karmake phalasvaroop sadgati praapt hotee hai. iseeliye kaha gaya hai ki 'kar bhala to ho bhalaa'.
bahut pahalekee baat hai, us samay amerika, yoorop tatha madhy eshiyaake deshonmen gulaama-pratha prachalit thee. ethens nagaramen ek dhanee jameendaar rahata thaa. usake paas kaee gulaam the. jameendaar bada़a hee nirdayee thaa. baat baatapar gulaamonpar koda़e barasaata aur unhen bhookha rakhataa. unhen janjeeronse baandhakar rakha jaata aur taraha-tarahase unhen kasht diya jaataa.
apane naarakeey jeevanase tang aakar un gulaamonmense ek mauka paakar raatake samay vahaanse bhaag nikalaa. raatabhar chalate-chalate vah ek ghane jangalamen ja pahunchaa. ab usane jangalamen hee rahaneka nishchay kiyaa; kyonki vah jaanata tha ki pakada़e jaanepar use mrityudand diya jaayagaa. ek din jab vah jangalamen ghoom raha tha, tab usane ek sherako dekhaa. vah peda़ke neeche baitha thaa. gulaamane socha ki ab vah sher usapar aakraman karegaa. magar us sherane dheerese gurraakar apana daahina agala panja usakee or uthaayaa. gulaamane dekha ki usake panjemen ek bada़aa-sa kaanta chubha hua hai. gulaamakee himmat us sheratak jaanekee n huee, sher phir gurraaya aur apana panja usakee or uthaayaa. usake cheharepar kroorata naheen, balki peeda़aake bhaav dikhaayee de rahe the. gulaamake manamen daya a gayee, usane socha ki us nirdayee maalikake haathonse maranekee apeksha yah jyaada achchha hai ki sher use kha jaaya. vah sherake paas gaya aur usake panjeko pakada़kar usamen chubha kaanta nikaal diyaa. sher kuchh der use kritajn drishtise dekhata raha, phir dheere-dheere ek or chala gayaa.
gulaamako us jangalamen rahate hue ek maheena beet gayaa. ek din jab vah ek peda़ke neeche baitha tha, us samay shikaarake liye aaye hue sipaahiyonne use dekh liyaa. jameendaar usake bhaaganekee shikaayat raajaase kar chuka tha, atah sipaahee use pakada़kar raajaake paas le gaye. use kaidakhaanemen band kar diya gayaa. raajaane use
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yah sab dekhakar raajaasahit sabhee log aashcharyachakit rah gaye. raajaane us gulaamako apane paas aaneko kahaa. sherako vaheen chhoda़kar vah raajaake paas pahunchaa. raajaane usase is prakaarakee ghatanaaka kaaran poochhaa. gulaamane saara kissa kah sunaayaa. sab kuchh sunakar raajaane kaha ki apane saath kiye gaye upakaaraka badala sherane jaanavar hote hue bhee chuka diyaa. sabheeko isase shiksha lenee chaahiye. isake baad raajaane gulaamako bahut sa dhan dekar use usake desh jaanekee aajna de dee, saath hee us sherako bhee muktakar jangalamen chhoda़ diya gayaa.

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