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कुछ सूफी बोध-कथाएँ  [Story To Read]
Wisdom Story - Moral Story (आध्यात्मिक कथा)

कुछ सूफी बोध-कथाएँ

सूफी फकीरोंकी जीवन-शैली और आराधनाका ढंग निराला रहा है और वैसा ही कुछ निरालापन उनके द्वारा अपने शिष्योंको समझानेके तौर-तरीकोंमें दिखायी देता है। यहाँ नमूनेके तौरपर सूफी साहित्यसे कुछ साधकोपयोगी लघु-कथाएँ प्रस्तुत की जा रही हैं- सम्पादक ]
(1)
ईश्वर हृदयमें रहते हैं
सन्त राबिया एक दिन सुबह-सुबह अपने घरके बाहर कुछ ढूँढ़ रही थीं। जब उन्हें ऐसा करते बहुत देर हो गयी, तब लोगोंने पूछा- क्या ढूँढ़ रही हो राबिया ? उन्होंने कहा, 'मेरी सूई खो गयी है, उसे ही खोज रही हूँ।' लोग बोले 'सूई सड़कपर कैसे गिरी ?' राबियाने उत्तर दिया- 'यह तो पता नहीं। मैं कल भीतर बैठी कपड़ा सिल रही थी, तभी वहाँ गिर गयी। मेरे पास एक ही सूई थी, इसलिये परेशान हूँ।' लोग चौंके और पूछा- 'जब सूई घरके अन्दर गिरी है, तब उसे बाहर क्यों खोज रही हो ?' राविया तत्काल बोर्ली——चूँकि यहाँ रोशनी है, घरके भीतर तो अँधेरा है।' लोग झल्लाये-'चीज जहाँ खोयी होती है, उसे वहाँ ही खोजा जा सकता है, दूसरी जगह नहीं। तुम्हें इतनी-सी बात नहीं मालूम।'
राबिया हँसी और बोलीं- ऐसा तो मैंने तुमसे ही सीखा है। तुम भी तो अल्लाहको बाहर ही तलाशते रहते हो, जबकि उसका ठिकाना दिलमें है।



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kuchh soophee bodha-kathaaen

kuchh soophee bodha-kathaaen

soophee phakeeronkee jeevana-shailee aur aaraadhanaaka dhang niraala raha hai aur vaisa hee kuchh niraalaapan unake dvaara apane shishyonko samajhaaneke taura-tareekonmen dikhaayee deta hai. yahaan namooneke taurapar soophee saahityase kuchh saadhakopayogee laghu-kathaaen prastut kee ja rahee hain- sampaadak ]
(1)
eeshvar hridayamen rahate hain
sant raabiya ek din subaha-subah apane gharake baahar kuchh dhoondha़ rahee theen. jab unhen aisa karate bahut der ho gayee, tab logonne poochhaa- kya dhoondha़ rahee ho raabiya ? unhonne kaha, 'meree sooee kho gayee hai, use hee khoj rahee hoon.' log bole 'sooee sada़kapar kaise giree ?' raabiyaane uttar diyaa- 'yah to pata naheen. main kal bheetar baithee kapada़a sil rahee thee, tabhee vahaan gir gayee. mere paas ek hee sooee thee, isaliye pareshaan hoon.' log chaunke aur poochhaa- 'jab sooee gharake andar giree hai, tab use baahar kyon khoj rahee ho ?' raaviya tatkaal borlee——choonki yahaan roshanee hai, gharake bheetar to andhera hai.' log jhallaaye-'cheej jahaan khoyee hotee hai, use vahaan hee khoja ja sakata hai, doosaree jagah naheen. tumhen itanee-see baat naheen maalooma.'
raabiya hansee aur boleen- aisa to mainne tumase hee seekha hai. tum bhee to allaahako baahar hee talaashate rahate ho, jabaki usaka thikaana dilamen hai.

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