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तुकारामका विश्वास  [Spiritual Story]
हिन्दी कथा - हिन्दी कथा (छोटी सी कहानी)

तुकाराम मराठा - इतिहासमें एक स्मरणीय तथा अलौकिक पुरुष हो गये हैं। वे अत्यन्त चतुर तथा विनोदी थे प्रपद्धोंसे वे सदा दूर रहते थे। व्यक्तिपूजा उनकी प्रकृतिके विरुद्ध बात थी। वे परम त्यागी तथा उच्चकोटिके भगवद्भक्त थे। 1629-30 के भीषण अकालमें उनके स्त्री-पुत्र रोटी-रोटी करते कालकवलित हो गये, पर उनके अडिग भगवद्विश्वासमें तनिक भी अन्तर न आया। इनका पशु-पक्षियोंपर भी अपार अनुराग था। एकबार एक किसानने उन्हें अपने खेतकी रखवालीपर नियुक्त किया। कुछ लुटेरे आये और खेतको पशुओं तथा अपने हाथोंसे उजाड़ दिया। ध्यानमग्न संत तुकाराम कुछ न बोले। किसान आया और उन्हें खेत उजाड़नेका अपराधी ठहराया। पर आश्चर्य ! जब तुकरामने उस खेतपर दृष्टि डाली तो वह खेत पूर्ववत् लहलहा उठा। इससे प्रसन्न होकर किसान उन्हें कुछ अनाज देने लगा, पर तुकारामने अस्वीकार कर दिया।



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tukaaraamaka vishvaasa

tukaaraam maraatha - itihaasamen ek smaraneey tatha alaukik purush ho gaye hain. ve atyant chatur tatha vinodee the prapaddhonse ve sada door rahate the. vyaktipooja unakee prakritike viruddh baat thee. ve param tyaagee tatha uchchakotike bhagavadbhakt the. 1629-30 ke bheeshan akaalamen unake stree-putr rotee-rotee karate kaalakavalit ho gaye, par unake adig bhagavadvishvaasamen tanik bhee antar n aayaa. inaka pashu-pakshiyonpar bhee apaar anuraag thaa. ekabaar ek kisaanane unhen apane khetakee rakhavaaleepar niyukt kiyaa. kuchh lutere aaye aur khetako pashuon tatha apane haathonse ujaada़ diyaa. dhyaanamagn sant tukaaraam kuchh n bole. kisaan aaya aur unhen khet ujaada़neka aparaadhee thaharaayaa. par aashchary ! jab tukaraamane us khetapar drishti daalee to vah khet poorvavat lahalaha uthaa. isase prasann hokar kisaan unhen kuchh anaaj dene laga, par tukaaraamane asveekaar kar diyaa.

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