⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

पहले पात्रता, तब दीक्षा  [बोध कथा]
Wisdom Story - Hindi Story (Spiritual Story)

पहले पात्रता, तब दीक्षा

एक बार एक धनी वणिक्ने एक महात्मासे दीक्षादेनेका अनुरोध किया। साधुने बात टालनेका प्रयत्न
किया, किंतु वणिक्ने पाँव पकड़ लिये। अन्तमें साधु कुछ समय बाद आकर दीक्षा देनेका वचन देकर चला गया।
पाँच पखवारे बाद महात्मा उसी वणिक्के द्वारपर आये और भिक्षाके लिये आवाज लगायी। वणिक्ने स्वर पहचान लिया और एक-से-एक बढ़कर पकवानोंसे थाली सजाकर ले आया। उसे आशा थी कि सन्त इस बार दीक्षा अवश्य देंगे।
साधुने अपना कमण्डलु आगे करते हुए कहा कि 'भोजन इसीमें डाल दो।' वणिक्ने देखा कमण्डलुमें फूड़ा-करकट आदि बहुत-सी गन्दगी भरी हुई थी। उसने साधुसे कहा- 'महात्मन्। आपका कमण्डलु तो बहुत ही गन्दा है, उसमें भोजन अशुद्ध एवं अभोज्य हो जायगा।'
साधुने तुरंत उत्तर दिया- 'कमण्डलुकी
गन्दगीसे जिस प्रकार भोजन अशुद्ध हो
जायगा, उसी प्रकार विषय-विकारोंसे मलिन अन्तःकरणमें दीक्षा अशुद्ध हो जायगी। उसका कोई फल न निकलेगा।'
वणिक्ने सन्तका आशय समझकर प्रणाम किया और कहा-'महाराज मुझे अभी दीक्षाकी आवश्यकता नहीं है। पहले पात्रता उत्पन्न करूँगा, तब दीक्षाकी इच्छा।'



You may also like these:

हिन्दी कहानी अद्भुत क्षमा
हिन्दी कहानी अम्बादासका कल्याण
हिन्दी कहानी आज्ञापालन
हिन्दी कहानी आदर्श बी0 ए0 बहू
हिन्दी कहानी इन्द्रिय- संयम
हिन्दी कहानी उपासनाका फल
हिन्दी कहानी कथा-प्रेम


pahale paatrata, tab deekshaa

pahale paatrata, tab deekshaa

ek baar ek dhanee vanikne ek mahaatmaase deekshaadeneka anurodh kiyaa. saadhune baat taalaneka prayatna
kiya, kintu vanikne paanv pakada़ liye. antamen saadhu kuchh samay baad aakar deeksha deneka vachan dekar chala gayaa.
paanch pakhavaare baad mahaatma usee vanikke dvaarapar aaye aur bhikshaake liye aavaaj lagaayee. vanikne svar pahachaan liya aur eka-se-ek badha़kar pakavaanonse thaalee sajaakar le aayaa. use aasha thee ki sant is baar deeksha avashy denge.
saadhune apana kamandalu aage karate hue kaha ki 'bhojan iseemen daal do.' vanikne dekha kamandalumen phooda़aa-karakat aadi bahuta-see gandagee bharee huee thee. usane saadhuse kahaa- 'mahaatman. aapaka kamandalu to bahut hee ganda hai, usamen bhojan ashuddh evan abhojy ho jaayagaa.'
saadhune turant uttar diyaa- 'kamandalukee
gandageese jis prakaar bhojan ashuddh ho
jaayaga, usee prakaar vishaya-vikaaronse malin antahkaranamen deeksha ashuddh ho jaayagee. usaka koee phal n nikalegaa.'
vanikne santaka aashay samajhakar pranaam kiya aur kahaa-'mahaaraaj mujhe abhee deekshaakee aavashyakata naheen hai. pahale paatrata utpann karoonga, tab deekshaakee ichchhaa.'

70 Views





Bhajan Lyrics View All

मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...

New Bhajan Lyrics View All

छोटो सो हनुमान सखी मोहे प्यारो लगे
प्यारो लगे बड़ो प्यारो लगे
गणपति मेरे गणपति जग के पालनहार तुम,
विश्व के रचिता तुम्हीं हो गौरा जी के
हमको भी प्यारी तुमको भी प्यारी,
वृषभानु दुलारी श्री राधे,
लंकापति रावण पिया चुराई तूने हरि की
हाय हाय तूने यह क्या किया चुराई तूने
तू ही है बस सहारा मेरा,
तुझसे ही है गुज़ारा मेरा,