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प्राज्ञाः पुरुषकारेषु वर्तन्ते दाक्ष्यमाश्रिताः ॥  [बोध कथा]
Story To Read - Wisdom Story (Story To Read)

प्राज्ञाः पुरुषकारेषु वर्तन्ते दाक्ष्यमाश्रिताः ॥

विद्वान् कुशलताका आश्रय लेकर परिश्रममें ही लगे रहते हैं।



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praajnaah purushakaareshu vartante daakshyamaashritaah ..

praajnaah purushakaareshu vartante daakshyamaashritaah ..

vidvaan kushalataaka aashray lekar parishramamen hee lage rahate hain.

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सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
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राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
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कोई ना बताये और शाम हो गयी,
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रसिया को नार बनावो री रसिया को
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