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लक्ष्य और साधना  [Hindi Story]
Story To Read - Hindi Story (Spiritual Story)

एक मुमुक्षुने अपने गुरुदेवसे पूछा- 'प्रभो! मैं कौन-सी साधना करूँ ?'

'तुम बड़े जोरसे दौड़ो। दौड़नेके पहले यह निश्चित कर लो कि मैं भगवान्के लिये दौड़ रहा हूँ। बस, यही तुम्हारे लिये साधना है।' गुरुने बतलाया।

'तो क्या बैठकर करनेकी कोई साधना नहीं है।'

शिष्यने पुनः पूछा।'है क्यों नहीं। बैठो और निश्चय रखो कि तुम भगवान् के लिये बैठे हो।' गुरुने उत्तर दिया। 'भगवन्! कुछ जप नहीं करें ?' शिष्यने पुनः प्रश्न किया।

'किसी भी नामका जप करो, सोचो मैं भगवान्के लिये कर रहा हूँ।' गुरुने समझाया। 'तब क्या क्रियाका कोई महत्त्व नहीं? केवल भावही साधना है।' शिष्यने फिर पूछा। गुरुने कहा- 'भैया ! क्रियाकी भी महत्ता है। क्रियासे भाव और भावसे ही क्रिया होती है। इसलिये दृष्टि लक्ष्यपर रहनी चाहिये। फिर तुम जो कुछ करोगे,वही साधना होगी। भगवान्पर यदि लक्ष्य रहे तो वे सबको सर्वत्र सर्वदा मिल सकते हैं। ऐसा है ही कौन जिसे भगवान् नहीं मिले हुए हैं। लक्ष्य यदि ठीक रखा जाय तो साधना स्वयमेव ठीक हो जायगी।'



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lakshy aur saadhanaa

ek mumukshune apane gurudevase poochhaa- 'prabho! main kauna-see saadhana karoon ?'

'tum bada़e jorase dauda़o. dauda़neke pahale yah nishchit kar lo ki main bhagavaanke liye dauda़ raha hoon. bas, yahee tumhaare liye saadhana hai.' gurune batalaayaa.

'to kya baithakar karanekee koee saadhana naheen hai.'

shishyane punah poochhaa.'hai kyon naheen. baitho aur nishchay rakho ki tum bhagavaan ke liye baithe ho.' gurune uttar diyaa. 'bhagavan! kuchh jap naheen karen ?' shishyane punah prashn kiyaa.

'kisee bhee naamaka jap karo, socho main bhagavaanke liye kar raha hoon.' gurune samajhaayaa. 'tab kya kriyaaka koee mahattv naheen? keval bhaavahee saadhana hai.' shishyane phir poochhaa. gurune kahaa- 'bhaiya ! kriyaakee bhee mahatta hai. kriyaase bhaav aur bhaavase hee kriya hotee hai. isaliye drishti lakshyapar rahanee chaahiye. phir tum jo kuchh karoge,vahee saadhana hogee. bhagavaanpar yadi lakshy rahe to ve sabako sarvatr sarvada mil sakate hain. aisa hai hee kaun jise bhagavaan naheen mile hue hain. lakshy yadi theek rakha jaay to saadhana svayamev theek ho jaayagee.'

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