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संघर्षमें छिपा रहस्य  [प्रेरक कथा]
आध्यात्मिक कहानी - प्रेरक कथा (प्रेरक कथा)

संघर्षमें छिपा रहस्य

यह कहानी एक ऐसे व्यक्तिको है, जो एक व्यापारी था, लेकिन उसका व्यापार डूब गया था और यह पूरी तरह निराश हो गया था अपनी जिन्दगीसे वह बुरी तरह थक-हार चुका था।
एक दिन परेशान होकर वह जंगलमें गया और बहुत देरतक अकेले बैठा रहा। कुछ सोचकर भगवान्‌को सम्बोधित करते हुए बोला-भगवन्। मैं हार चुका है, मुझे कोई एक वजह बताइये कि मैं क्यों हताश न होऊ मेरा सब कुछ खत्म हो चुका है। कृपया मेरी मदद करें।
भगवान्ने जवाब दिया।
तुम जंगलमें इस घास और बाँसके पेड़को देखो। जब मैंने घास और इस बाँसके बीजको लगाया तो मैंने इन दोनोंकी ही बहुत अच्छेसे देखभाल की। इनको बराबर पानी दिया, बराबर रोशनी दी
घास बहुत जल्दी बड़ी होने लगी और इसने धरतीको हरा-भरा कर दिया, लेकिन बाँसका बीज बड़ा नहीं हुआ । पर मैंने बाँसके लिये अपनी हिम्मत नहीं हारी।
दूसरे साल, घास और घनी हो गयी। उसपर झाड़ियाँ भी आने लगीं, लेकिन बाँसके बीजमें कोई वृद्धि नहीं हुई, मैंने फिर भी बाँसके बीजके लिये हिम्मत नहीं हारी..
तीसरे साल भी बाँसके बीजमें कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन मित्र मैंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी।
चौथे साल भी बाँसके बीजमें कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन मैं फिर भी लगा रहा"
पाँच साल बाद, उस बाँसके बीजसे एक छोटा सा पौधा अंकुरित हुआ घासकी तुलनामें यह बहुत छोटा था और कमजोर था, लेकिन केवल छः महीने बाद यह छोटा-सा पौधा 100 फीट लम्बा हो गया।
मैंने इस बाँसकी जड़को विकसित करनेके लिये पाँच सालका समय लगाया। इन पाँच सालोंमें इसकी जड़ इतनी मजबूत हो गयी कि 100 फिटसे ऊँचे बाँसको सम्भाल सके।
जब भी आपको जीवनमें संघर्ष करना पड़े तो समझिये कि आपकी जड़ मजबूत हो रही है। आपका संघर्ष आपको मजबूत बना रहा है, जिससे कि आप आनेवाले कलको सबसे बेहतरीन बना सको ।
मैंने बाँसके सन्दर्भमें हार नहीं मानी।
मैं तुम्हारे विषयमें भी हार नहीं मानूँगा "।
किसी दूसरेसे अपनी तुलना मत करो।
घास और बाँस दोनोंके बड़े होनेका समय अलग अलग है, दोनोंका उद्देश्य अलग-अलग है।
तुम्हारा भी समय आयेगा। तुम भी एक दिन बाँसके पेड़की तरह आसमान छुओगे। मैंने हिम्मत नहीं हारी, तुम भी मत हारो ।
अपनी जिन्दगीमें संघर्षसे मत घबराओ, यही संघर्ष हमारी सफलताकी जड़ोंको मजबूत करेगा।
हमेशा अपने छोटे-छोटे प्रयासोंको जारी रखें, सफलता एक-न-एक दिन अवश्य मिलेगी !



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sangharshamen chhipa rahasya

sangharshamen chhipa rahasya

yah kahaanee ek aise vyaktiko hai, jo ek vyaapaaree tha, lekin usaka vyaapaar doob gaya tha aur yah pooree tarah niraash ho gaya tha apanee jindageese vah buree tarah thaka-haar chuka thaa.
ek din pareshaan hokar vah jangalamen gaya aur bahut deratak akele baitha rahaa. kuchh sochakar bhagavaan‌ko sambodhit karate hue bolaa-bhagavan. main haar chuka hai, mujhe koee ek vajah bataaiye ki main kyon hataash n hooo mera sab kuchh khatm ho chuka hai. kripaya meree madad karen.
bhagavaanne javaab diyaa.
tum jangalamen is ghaas aur baansake peda़ko dekho. jab mainne ghaas aur is baansake beejako lagaaya to mainne in dononkee hee bahut achchhese dekhabhaal kee. inako baraabar paanee diya, baraabar roshanee dee
ghaas bahut jaldee bada़ee hone lagee aur isane dharateeko haraa-bhara kar diya, lekin baansaka beej bada़a naheen hua . par mainne baansake liye apanee himmat naheen haaree.
doosare saal, ghaas aur ghanee ho gayee. usapar jhaada़iyaan bhee aane lageen, lekin baansake beejamen koee vriddhi naheen huee, mainne phir bhee baansake beejake liye himmat naheen haaree..
teesare saal bhee baansake beejamen koee vriddhi naheen huee, lekin mitr mainne phir bhee himmat naheen haaree.
chauthe saal bhee baansake beejamen koee vriddhi naheen huee, lekin main phir bhee laga rahaa"
paanch saal baad, us baansake beejase ek chhota sa paudha ankurit hua ghaasakee tulanaamen yah bahut chhota tha aur kamajor tha, lekin keval chhah maheene baad yah chhotaa-sa paudha 100 pheet lamba ho gayaa.
mainne is baansakee jada़ko vikasit karaneke liye paanch saalaka samay lagaayaa. in paanch saalonmen isakee jada़ itanee majaboot ho gayee ki 100 phitase oonche baansako sambhaal sake.
jab bhee aapako jeevanamen sangharsh karana pada़e to samajhiye ki aapakee jada़ majaboot ho rahee hai. aapaka sangharsh aapako majaboot bana raha hai, jisase ki aap aanevaale kalako sabase behatareen bana sako .
mainne baansake sandarbhamen haar naheen maanee.
main tumhaare vishayamen bhee haar naheen maanoonga ".
kisee doosarese apanee tulana mat karo.
ghaas aur baans dononke bada़e honeka samay alag alag hai, dononka uddeshy alaga-alag hai.
tumhaara bhee samay aayegaa. tum bhee ek din baansake peda़kee tarah aasamaan chhuoge. mainne himmat naheen haaree, tum bhee mat haaro .
apanee jindageemen sangharshase mat ghabaraao, yahee sangharsh hamaaree saphalataakee jada़onko majaboot karegaa.
hamesha apane chhote-chhote prayaasonko jaaree rakhen, saphalata eka-na-ek din avashy milegee !

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