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सच्चा साहसी  [Moral Story]
प्रेरक कहानी - आध्यात्मिक कथा (Shikshaprad Kahani)

'तुमलोगोंको किला छोड़नेके पहले सारे नगरको जलाकर नष्ट कर देना चाहिये। तुम्हारी संख्या दो सौ है; तुम्हें किसी बातका भय नहीं होना चाहिये।' बलगेरियाके सेनापतिने शेष सैनिकोंको आगे बढ़नेका आदेश दिया। कवलाके किलेमें केवल दो सौ सैनिक रह गये। कवला एजियन सागरका एक बंदरगाह है।

नागरिकोंने इस बातका समाचार पाते ही अपने घरके दरवाजे बंद कर लिये। वे विवश और निराश्रित थे। पर बंदरगाहपर एक मछली पकड़नेवाला रहता था। उसने शत्रुओंसे नगरको सुरक्षित रखनेका उपाय सोचा।

कवलासे अठारह मीलकी दूरीपर थसोस नामका एक द्वीप था। अठारह मील जलीय मार्गको पार करना कठिन कार्य था। पर अपने सत्कर्तव्य से अनुप्राणित होकर उसने उस पार पहुँचनेका निश्चय कर लिया। थसोसमें यूनानी जहाजी बेड़ा था; उन दिनों यूनान और बलगेरियामें युद्ध चल रहा था; इसलिये तुर्की मछुवाहेने इस स्थितिका सदुपयोग अपनी जन्मभूमिकी रक्षाके लिये किया।

सूर्यकी किरणें महाप्रस्थानके पथपर थीं। चारों ओरअन्धकार-ही-अन्धकार था। पीले-पीले तारे आकाशमें टिमटिमा रहे थे। शत्रुसेनाकी आँख बचाकर वह | अपनी छोटी-सी नौकापर सवार होकर थसोसके लिये चल पड़ा।

सारी रात वह नौका खेता रहा। सबेरा होते-होते वह द्वीपपर आ गया। यूनानी बेड़ेके निकट ही वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा 'दौड़ो, बचाओ परमात्माके नामपर हमारी जन्मभूमिकी रक्षा करो, अन्यथा बलगेरियाकी सेना कवलाको जलाकर नष्ट कर देगी।'

दिन निकलते-निकलते एक सच्चे साहसीके सत् कर्तव्यपालन और साहससे यूनानी सेनाने बलगेरियाकी सेनाको कवलासे निकाल बाहर किया। नागरिकोंने घरके दरवाजे खोल दिये; उन्होंने यूनानी नौ-सेनापतिका स्वागत किया। कवला शत्रुके हाथ नष्ट होनेसे बच गया।

कवलाके नाविकोंने यूनानी सेनापतिके स्वागतमें शोभायात्रा निकाली। शोभायात्राके पीछे-पीछे एक दुबला पतला आदमी चल रहा था, जिसकी आँखोंमें प्रसन्नताकी ज्योति थी; मनमें संतोष था कि उसने अपने नगरको बचा लिया। रा0 श्री0



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sachcha saahasee

'tumalogonko kila chhoda़neke pahale saare nagarako jalaakar nasht kar dena chaahiye. tumhaaree sankhya do sau hai; tumhen kisee baataka bhay naheen hona chaahiye.' balageriyaake senaapatine shesh sainikonko aage baढ़neka aadesh diyaa. kavalaake kilemen keval do sau sainik rah gaye. kavala ejiyan saagaraka ek bandaragaah hai.

naagarikonne is baataka samaachaar paate hee apane gharake daravaaje band kar liye. ve vivash aur niraashrit the. par bandaragaahapar ek machhalee pakada़nevaala rahata thaa. usane shatruonse nagarako surakshit rakhaneka upaay sochaa.

kavalaase athaarah meelakee dooreepar thasos naamaka ek dveep thaa. athaarah meel jaleey maargako paar karana kathin kaary thaa. par apane satkartavy se anupraanit hokar usane us paar pahunchaneka nishchay kar liyaa. thasosamen yoonaanee jahaajee beda़a thaa; un dinon yoonaan aur balageriyaamen yuddh chal raha thaa; isaliye turkee machhuvaahene is sthitika sadupayog apanee janmabhoomikee rakshaake liye kiyaa.

sooryakee kiranen mahaaprasthaanake pathapar theen. chaaron oraandhakaara-hee-andhakaar thaa. peele-peele taare aakaashamen timatima rahe the. shatrusenaakee aankh bachaakar vah | apanee chhotee-see naukaapar savaar hokar thasosake liye chal pada़aa.

saaree raat vah nauka kheta rahaa. sabera hote-hote vah dveepapar a gayaa. yoonaanee beda़eke nikat hee vah jora-jor se chillaane laga 'dauda़o, bachaao paramaatmaake naamapar hamaaree janmabhoomikee raksha karo, anyatha balageriyaakee sena kavalaako jalaakar nasht kar degee.'

din nikalate-nikalate ek sachche saahaseeke sat kartavyapaalan aur saahasase yoonaanee senaane balageriyaakee senaako kavalaase nikaal baahar kiyaa. naagarikonne gharake daravaaje khol diye; unhonne yoonaanee nau-senaapatika svaagat kiyaa. kavala shatruke haath nasht honese bach gayaa.

kavalaake naavikonne yoonaanee senaapatike svaagatamen shobhaayaatra nikaalee. shobhaayaatraake peechhe-peechhe ek dubala patala aadamee chal raha tha, jisakee aankhonmen prasannataakee jyoti thee; manamen santosh tha ki usane apane nagarako bacha liyaa. raa0 shree0

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