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है और नहीं  [Hindi Story]
Story To Read - Story To Read (शिक्षदायक कहानी)

किसी नरेशने मन्त्रीसे चार वस्तुएँ माँगीं-1- है | और है, 2- है और नहीं है, 3- नहीं है पर है, 4- नहीं है, नहीं है।
मन्त्री बुद्धिमान् थे । उन्होंने दूसरे दिन राजाके सामने
चार व्यक्ति उपस्थित किये - 1 - धर्मात्मा सेठ, 2 वेश्या, 3 - साधु और 4- बहेलिया ।

राजाने पूछा कि 'ये लोग क्यों लाये गये हैं?'

मन्त्री - ' आपने चार वस्तुएँ मँगायी थीं, वे सामने हैं। उनमें पहिली वस्तु ‘है और है' ये सेठजी। इनके पास यहाँ सम्पत्ति है, सुख है और ये धर्मात्मा हैं, पुण्य कर्म करते हैं इससे परलोकमें भी इन्हें अपने पुण्यके फलसे सुख मिलेगा। दूसरी वस्तु 'है औरनहीं है' यह वेश्या। इसके पास भी धन है, सुख है; किंतु वह सब पापसे उपार्जित होनेके कारण परलोकमें इसे कष्ट-ही-कष्ट भोगना है। तीसरी वस्तु 'नहीं है पर है' ये साधु महाराज यहाँ तो इनके पास कुछ है नहीं, यहाँ इनका जीवन व्रत-उपवासादिमें ही बीतता है; किंतु इनके पास पुण्यकी अपार सम्पत्ति है जो परलोकमें इन्हें असीम सुख देगी। चौथी वस्तु 'नहीं है, नहीं है' यह व्याध यहाँ यह कंगाल है और प्राणियोंको मारकर पेट भरता है तथा इस पापसे परलोकमें इसकी और अधोगति होनी है। '

राजा तथा सभी सभासद् मन्त्रीकी इस व्याख्यासे संतुष्ट हो गये । – सु0 सिं0



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hai aur naheen

kisee nareshane mantreese chaar vastuen maangeen-1- hai | aur hai, 2- hai aur naheen hai, 3- naheen hai par hai, 4- naheen hai, naheen hai.
mantree buddhimaan the . unhonne doosare din raajaake saamane
chaar vyakti upasthit kiye - 1 - dharmaatma seth, 2 veshya, 3 - saadhu aur 4- baheliya .

raajaane poochha ki 'ye log kyon laaye gaye hain?'

mantree - ' aapane chaar vastuen mangaayee theen, ve saamane hain. unamen pahilee vastu ‘hai aur hai' ye sethajee. inake paas yahaan sampatti hai, sukh hai aur ye dharmaatma hain, puny karm karate hain isase paralokamen bhee inhen apane punyake phalase sukh milegaa. doosaree vastu 'hai auranaheen hai' yah veshyaa. isake paas bhee dhan hai, sukh hai; kintu vah sab paapase upaarjit honeke kaaran paralokamen ise kashta-hee-kasht bhogana hai. teesaree vastu 'naheen hai par hai' ye saadhu mahaaraaj yahaan to inake paas kuchh hai naheen, yahaan inaka jeevan vrata-upavaasaadimen hee beetata hai; kintu inake paas punyakee apaar sampatti hai jo paralokamen inhen aseem sukh degee. chauthee vastu 'naheen hai, naheen hai' yah vyaadh yahaan yah kangaal hai aur praaniyonko maarakar pet bharata hai tatha is paapase paralokamen isakee aur adhogati honee hai. '

raaja tatha sabhee sabhaasad mantreekee is vyaakhyaase santusht ho gaye . – su0 sin0

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