⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

सत्याग्रह  [Moral Story]
Shikshaprad Kahani - हिन्दी कहानी (छोटी सी कहानी)

विक्रमीय दसवीं शताब्दीकी बात है । --- एक दिन काश्मीर-नरेश महाराज यशस्करदेव अपनी राजसभा बैठकर किसी गम्भीर विषयका चिन्तन कर रहे थे कि प्रायोपवेशन-अधिकारीने सूचना दी कि एक व्यक्ति राजद्वारपर प्राणत्याग करनेके लिये प्रस्तुत है। महाराज विस्मित हो उठे; उनके राज्यमें प्रजा सुखी, स्वस्थ और सम्पन्न थी। कहीं चोरीका भय नहीं था, लोग धर्मपर आरूढ़ थे, जीवनके प्रत्येक क्षेत्रमें सत्यपरक आचरण होता था। महाराजने तत्क्षण उस व्यक्तिको सभा भवनमें बुलाया।

'किसी दस्यु या अनार्यने तुम्हारे यज्ञ-कर्ममें विघ्न तो नहीं उपस्थित किया? ऐसा तो नहीं है कि किसी राजकर्मचारीने अनजानमें तुम्हारे प्रति अनागरिकताका बर्ताव किया हो ?' महाराज उत्तरकी प्रतीक्षा कर रहे थे।'भगवती वितस्ता (झेलम) की पवित्र जलधारासे लालित आपके विशाल राज्यमें मुझे किसीसे भय नहीं है। मेरे साथ राज्यके न्यायाधीशोंने अन्यायका व्यवहार किया है; मैंने उनसे सब कुछ सत्य कहा, पर उन्होंने मेरे धनी शत्रुके पक्षमें ही निर्णय दिया।' व्यक्तिने अपने प्राण त्यागका कारण बताया।

'बात क्या है ? स्पष्ट कहो, नागरिक! मैंने कभी न्यायका भाव गिरने नहीं दिया। मुझपर महाराजने आश्वासन दिया। विश्वास रखो।'

'मैं पहले आपकी ही राजधानीमें रहता था। मेरे पास अपार सम्पत्ति थी, पर अलक्ष्मीके प्रकोपसे मैंने दरिद्र होकर उसे बेच दिया। घरतक बेच डाला, पत्नीकी जीविकाके लिये मकानके सोपानके पासका कूप छोड़ दिया था। गर्मीमें उसपर माली बैठकर फूल बेचा करते थे और कुछ पैसे मेरी पत्नीको भी मिल जाते थे। मैं रुपया कमाने विदेश चला गया तो मकान खरीदनेवालेने मेरी पत्नीको बलपूर्वक कूपपरसे हटा दिया। वह मजदूरी करने लगी- लौटनेपर मैंने न्यायालयका दरवाजा खटखटाया तो उसने मेरे सत्यकी उपेक्षा कर दी।' नागरिकने स्पष्ट किया।

'हमलोगोंने सोच-समझकर निर्णय किया है, महाराज!' न्यायाधीशोंने अपना पक्ष दृढ़ किया। सभाभवनमें श्रेष्ठ नागरिक उपस्थित थे। जिसने मकान खरीदा था, वह भी था। महाराज धर्म-सिंहासनपर विराजमान थे। नागरिक कीमती अँगूठी पहने हुए थे। महाराज। कौतूहलसे उनकी अंगूठियाँ हाथमें लेकर परीक्षण कर रहे थे। मकान खरीदनेवाले व्यक्तिकी अंगूठी हाथमें आते ही महाराज लोगोंको बैठे रहनेका आदेश देकर बाहर आ गये। उस मुद्रिकाको सेठके घर | भेजकर महाराजने सेवकसे उसके बदलेमें वह वही मँगायी, जिसमें मकानके विक्रय पत्रका विवरण लिखा था. उन्होंने उसको पढ़ा।

वे बही लेकर धर्म-सिंहासनपर बैठ गये। महाराजने न्यायाधीशोंको समझाया कि विक्रय पत्रके अधिकरण | शुल्क में सेठने राजलेखकको एक हजार दीनार दिये हैं। यह बात समझमें नहीं आती कि एक साधारण कामके लिये इतना धन क्यों व्यय किया गया। मुझे ऐसा लगता है कि लेखकने उत्कोच (घूस) पाकर 'सोपान कूपरहित मकान' के स्थानपर 'सोपान-कूपसहित मकान' लिख दिया है। सभामें सन्नाटा छा गया। महाराज यशस्करदेवके आदेशसे न्यायालयके लेखकको सभाभवनमें उपस्थित होना पड़ा। वह लज्जित था। 'महाराज न्यायका खून मैंने किया है। 'रहित' के बदले सहित मैंने ही लिखा था।' लेखकने प्रमाणित किया।

‘सोपान, कूप, मकान—सब कुछ नागरिकका है।' महाराजने न्यायको धोखा देनेके अपराधमें मकान खरीदनेवालेको आजीवन देश-निर्वासनका दण्ड दिया।

नागरिकके सत्याग्रहने विजय प्राप्त की। न्यायने
सत्यकी पहचान की। —रा0 श्री0 (राजतरङ्गिणी)



You may also like these:

हिन्दी कथा अपनी खोज
हिन्दी कथा आतिथ्यधर्म (1)
हिन्दी कथा आनन्दघनकी खीझ
हिन्दी कथा ईश्वर रक्षक है
हिन्दी कथा कृतज्ञताका मूल्य
हिन्दी कथा क्षमाशीलता
हिन्दी कथा गुरुप्राप्ति


satyaagraha

vikrameey dasaveen shataabdeekee baat hai . --- ek din kaashmeera-naresh mahaaraaj yashaskaradev apanee raajasabha baithakar kisee gambheer vishayaka chintan kar rahe the ki praayopaveshana-adhikaareene soochana dee ki ek vyakti raajadvaarapar praanatyaag karaneke liye prastut hai. mahaaraaj vismit ho uthe; unake raajyamen praja sukhee, svasth aur sampann thee. kaheen choreeka bhay naheen tha, log dharmapar aaroodha़ the, jeevanake pratyek kshetramen satyaparak aacharan hota thaa. mahaaraajane tatkshan us vyaktiko sabha bhavanamen bulaayaa.

'kisee dasyu ya anaaryane tumhaare yajna-karmamen vighn to naheen upasthit kiyaa? aisa to naheen hai ki kisee raajakarmachaareene anajaanamen tumhaare prati anaagarikataaka bartaav kiya ho ?' mahaaraaj uttarakee prateeksha kar rahe the.'bhagavatee vitasta (jhelama) kee pavitr jaladhaaraase laalit aapake vishaal raajyamen mujhe kiseese bhay naheen hai. mere saath raajyake nyaayaadheeshonne anyaayaka vyavahaar kiya hai; mainne unase sab kuchh saty kaha, par unhonne mere dhanee shatruke pakshamen hee nirnay diyaa.' vyaktine apane praan tyaagaka kaaran bataayaa.

'baat kya hai ? spasht kaho, naagarika! mainne kabhee nyaayaka bhaav girane naheen diyaa. mujhapar mahaaraajane aashvaasan diyaa. vishvaas rakho.'

'main pahale aapakee hee raajadhaaneemen rahata thaa. mere paas apaar sampatti thee, par alakshmeeke prakopase mainne daridr hokar use bech diyaa. gharatak bech daala, patneekee jeevikaake liye makaanake sopaanake paasaka koop chhoda़ diya thaa. garmeemen usapar maalee baithakar phool becha karate the aur kuchh paise meree patneeko bhee mil jaate the. main rupaya kamaane videsh chala gaya to makaan khareedanevaalene meree patneeko balapoorvak koopaparase hata diyaa. vah majadooree karane lagee- lautanepar mainne nyaayaalayaka daravaaja khatakhataaya to usane mere satyakee upeksha kar dee.' naagarikane spasht kiyaa.

'hamalogonne socha-samajhakar nirnay kiya hai, mahaaraaja!' nyaayaadheeshonne apana paksh dridha़ kiyaa. sabhaabhavanamen shreshth naagarik upasthit the. jisane makaan khareeda tha, vah bhee thaa. mahaaraaj dharma-sinhaasanapar viraajamaan the. naagarik keematee angoothee pahane hue the. mahaaraaja. kautoohalase unakee angoothiyaan haathamen lekar pareekshan kar rahe the. makaan khareedanevaale vyaktikee angoothee haathamen aate hee mahaaraaj logonko baithe rahaneka aadesh dekar baahar a gaye. us mudrikaako sethake ghar | bhejakar mahaaraajane sevakase usake badalemen vah vahee mangaayee, jisamen makaanake vikray patraka vivaran likha thaa. unhonne usako padha़aa.

ve bahee lekar dharma-sinhaasanapar baith gaye. mahaaraajane nyaayaadheeshonko samajhaaya ki vikray patrake adhikaran | shulk men sethane raajalekhakako ek hajaar deenaar diye hain. yah baat samajhamen naheen aatee ki ek saadhaaran kaamake liye itana dhan kyon vyay kiya gayaa. mujhe aisa lagata hai ki lekhakane utkoch (ghoosa) paakar 'sopaan kooparahit makaana' ke sthaanapar 'sopaana-koopasahit makaana' likh diya hai. sabhaamen sannaata chha gayaa. mahaaraaj yashaskaradevake aadeshase nyaayaalayake lekhakako sabhaabhavanamen upasthit hona pada़aa. vah lajjit thaa. 'mahaaraaj nyaayaka khoon mainne kiya hai. 'rahita' ke badale sahit mainne hee likha thaa.' lekhakane pramaanit kiyaa.

‘sopaan, koop, makaana—sab kuchh naagarikaka hai.' mahaaraajane nyaayako dhokha deneke aparaadhamen makaan khareedanevaaleko aajeevan desha-nirvaasanaka dand diyaa.

naagarikake satyaagrahane vijay praapt kee. nyaayane
satyakee pahachaan kee. —raa0 shree0 (raajataranginee)

115 Views





Bhajan Lyrics View All

ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,

New Bhajan Lyrics View All

मैं नाम कमाऊं जग में,
बड़ा बन जाऊं धनवान,
लग जायेगी लगन धीरे धीरे,
लग जायेगी लगन धीरे धीरे,
तेरे जैसा राम भगत कोई हुआ ना होगा
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा
लाल लंगोटा हाथ में सोटा,
चले पवन की चाल,
रंग रंगीला मेला, आया मेरे श्याम का,
जिसको देखो, उस पे चढ़ा है,