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साधुसे छेड़छाड़ न करें  [आध्यात्मिक कहानी]
हिन्दी कथा - Spiritual Story (Shikshaprad Kahani)

नये दारोगाने जगन्मित्रकी जमीन जप्त करनेका | अ निश्चय किया। लोगोंने उसे समझाया- 'इस परम संतको हमलोगोंने यह भूमि इनाममें दी है और इसकी सेवाके निमित्त हमलोग ही जमीनकी देख-भाल करते हैं। हमपर दया करो, संतसे छेड़खानी मत करो।'

दारोगा अपनी ही हठपर अड़ा रहा। उसने एक शर्त रखी। जगन्मित्रके पास आकर कहने लगा -'मेरी कन्याका विवाह है। हमारे कुलदैवत शेर हैं। उनका रहना विवाहके समय जरूरी है। यदि तुम उसे ला दो तो तुम्हारी जमीन छोड़ देंगे। '

दारोगाने संतसे यह दूसरी भयानक छेड़छाड़ की। संतने 'तथास्तु' कहा और वह जंगलमें निकल पड़ा। शेर दिखायी न पड़ा। उसने भगवान्‌को पुकारा। भगवान् स्वयं शेर बनकर उसके सामने आकर खड़े हो गये। जगन्मित्रने शेरको प्रणाम करके कंधेपरसे गमछा उतारा और उसके गलेमें डाल उसे लेकर घरकी ओर लौटे। गौकी तरह शेरको बाँध लाते देख रास्तेके लोगआश्चर्यके साथ दूर भागते जा रहे थे। नगरके पास पहुँचते ही नागरिकोंमें कुहराम मच गया। सभी दारोगा की दुष्टताको कोस रहे थे। शेरने दहाड़ लगायी; पुरद्वार, जिसे लोगोंने भयसे बंद कर रखा था, गड़गड़ाकर गिर पड़ा। जगन्मित्र शेरको ले भीतर घुसा।

लोग किलेपर चढ़कर यह दृश्य देखते और भयसे काँप रहे थे। जगन्मित्र दारोगाके घर पहुँचा। घरके कपाट बंद थे। घरके बाल-बच्चे कोठरीमें बंद थे। जगन्मित्रने दरवाजा खुलवाया। शेरको देख दारोगा थरथर काँपने लगा। उसकी पत्नीने, जो घरपर बैठी पतिकी दुष्टताको कोस रही थी, पतिसे कहा - 'नाथ ! अब भी संतकी शरण जायँ और लोगोंकी रक्षा करें।'

दारोगाने जगन्मित्रके चरण पकड़े- 'संत ! आप सचमुच जगत्के मित्र हैं। भूलसे आपसे छेड़छाड़ की, क्षमा करें और सबको जीवदान दें।' जगन्मित्र शेरको पकड़कर जंगल चला गया।

-गो0 न0 बै0 (भक्तिविजय, अध्याय 19)



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saadhuse chheda़chhaada़ n karen

naye daarogaane jaganmitrakee jameen japt karaneka | nishchay kiyaa. logonne use samajhaayaa- 'is param santako hamalogonne yah bhoomi inaamamen dee hai aur isakee sevaake nimitt hamalog hee jameenakee dekha-bhaal karate hain. hamapar daya karo, santase chheda़khaanee mat karo.'

daaroga apanee hee hathapar ada़a rahaa. usane ek shart rakhee. jaganmitrake paas aakar kahane laga -'meree kanyaaka vivaah hai. hamaare kuladaivat sher hain. unaka rahana vivaahake samay jarooree hai. yadi tum use la do to tumhaaree jameen chhoda़ denge. '

daarogaane santase yah doosaree bhayaanak chheda़chhaada़ kee. santane 'tathaastu' kaha aur vah jangalamen nikal pada़aa. sher dikhaayee n pada़aa. usane bhagavaan‌ko pukaaraa. bhagavaan svayan sher banakar usake saamane aakar khada़e ho gaye. jaganmitrane sherako pranaam karake kandheparase gamachha utaara aur usake galemen daal use lekar gharakee or laute. gaukee tarah sherako baandh laate dekh raasteke logaaashcharyake saath door bhaagate ja rahe the. nagarake paas pahunchate hee naagarikonmen kuharaam mach gayaa. sabhee daaroga kee dushtataako kos rahe the. sherane dahaada़ lagaayee; puradvaar, jise logonne bhayase band kar rakha tha, gada़gada़aakar gir pada़aa. jaganmitr sherako le bheetar ghusaa.

log kilepar chadha़kar yah drishy dekhate aur bhayase kaanp rahe the. jaganmitr daarogaake ghar pahunchaa. gharake kapaat band the. gharake baala-bachche kothareemen band the. jaganmitrane daravaaja khulavaayaa. sherako dekh daaroga tharathar kaanpane lagaa. usakee patneene, jo gharapar baithee patikee dushtataako kos rahee thee, patise kaha - 'naath ! ab bhee santakee sharan jaayan aur logonkee raksha karen.'

daarogaane jaganmitrake charan pakada़e- 'sant ! aap sachamuch jagatke mitr hain. bhoolase aapase chheda़chhaada़ kee, kshama karen aur sabako jeevadaan den.' jaganmitr sherako pakada़kar jangal chala gayaa.

-go0 na0 bai0 (bhaktivijay, adhyaay 19)

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