⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

ईश्वरीय विधान ही कल्याणकारी  [Spiritual Story]
प्रेरक कहानी - Hindi Story (हिन्दी कथा)

ईश्वरीय विधान ही कल्याणकारी

एक छोटेसे गाँवमें एक व्यापारी था। उसके पास रुपयोंकी कुछ बहुतायत हो गयी उनसे उसने माल खरीदनेका तथा शेष रुपये एक साहूकारके यहाँ अमानत रखनेका विचार किया। दूसरे दिन खूब तड़के जाना है. ऐसा निश्चय करके वह रातको सो गया। रातको पेशाब करने उठा और अँधेरेमें सीढ़ीसे सरककर गिर गया। चोट लगी, पर प्राण बच गये। लेकिन इससे दूसरे दिन उसका शहरका जाना रुक गया।
उस गाँवमें एक विश्वासी भक्त रहता था और वह सेठके घर कभी-कभी आया-जाया करता था। जब सेठके गिरनेकी बात सुनी तो वह भक्त दूसरे दिन उसके घर गया। सेठने भक्तसे सारी बातें कहीं तो भक्तने कहा- 'ईश्वर जो करता है, सब भलेके लिये।' यह सुनते ही सेठको बड़ा क्रोध आया, परंतु क्रोधको कुछ दबाकर वह बोला 'भगत। तुम तो एकदम गँवार ही हो, मुझे इतनी चोट लगी कि मेरा दूसरे गाँवका जाना रुक गया और मेरा जरूरी काम बिगड़ गया और तुम कहते हो कि 'जो ईश्वर करता है, सब भलेके लिये।' यह मैं कैसे मानूँ? अबतक तो ईश्वरने मेरा कोई भला किया हो, यह देखनेमें नहीं आया: बुरा किया है, सो तो प्रत्यक्ष है।'
प्रत्युत्तर देते हुए भगतने कहा-'सेठ! तुम्हारी दृष्टि केवल वर्तमान कालको ही देख सकती है. भविष्यके गर्भ में तुम्हारी दृष्टि नहीं पहुँचती। इसीसे तुम ऐसा कह रहे हो, परंतु मैं तो अब भी कहता हूँ कि भगवान् जो करता है, वह हमारे हितके लिये ही होता है, भले ही हम उसे न देख सकें।'
कुछ दिनों बाद भगत सेठके यहाँ गया, तब सेठने उसके पैरोंमें पड़कर कहा-'भगतजी! तुम्हारी सब बातें सच्ची हैं। यदि मैं उस दिन नहीं गिरा होता, तो मैं जरूर शहरकी ओर गया होता और मेरी मृत्यु हो गयी होती. तथा साथ ही बहुत-सा धन भी चला जाता। ठगोंको मेरे जानेकी खबर लग गयी थी और उन्होंने मुझे मारकर मेरा धन लूट लेनेकी पूरी साजिश की थी, परंतु ईश्वरने मेरी यात्रा रोककर मुझे बचा लिया। सूलीके कष्टको काँटा गड़ाकर ईश्वरने दूर कर दिया और मूर्ख काँटा गड़ जानेके कारण अपनी लापरवाहीको दोष देनेके बदले ईश्वरको दोष देने लगा।'
[ ब्रह्मलीन संत स्वामी श्रीचिदानन्दजी सरस्वती, सिहोरवाले]



You may also like these:

हिन्दी कहानी उपासनाका फल
छोटी सी कहानी गायका मूल्य
छोटी सी कहानी विचित्र न्याय
आध्यात्मिक कथा संसारका स्वरूप
हिन्दी कहानी अनूठी विरक्ति
आध्यात्मिक कथा परमात्माकी मृत्यु


eeshvareey vidhaan hee kalyaanakaaree

eeshvareey vidhaan hee kalyaanakaaree

ek chhotese gaanvamen ek vyaapaaree thaa. usake paas rupayonkee kuchh bahutaayat ho gayee unase usane maal khareedaneka tatha shesh rupaye ek saahookaarake yahaan amaanat rakhaneka vichaar kiyaa. doosare din khoob tada़ke jaana hai. aisa nishchay karake vah raatako so gayaa. raatako peshaab karane utha aur andheremen seedha़eese sarakakar gir gayaa. chot lagee, par praan bach gaye. lekin isase doosare din usaka shaharaka jaana ruk gayaa.
us gaanvamen ek vishvaasee bhakt rahata tha aur vah sethake ghar kabhee-kabhee aayaa-jaaya karata thaa. jab sethake giranekee baat sunee to vah bhakt doosare din usake ghar gayaa. sethane bhaktase saaree baaten kaheen to bhaktane kahaa- 'eeshvar jo karata hai, sab bhaleke liye.' yah sunate hee sethako bada़a krodh aaya, parantu krodhako kuchh dabaakar vah bola 'bhagata. tum to ekadam ganvaar hee ho, mujhe itanee chot lagee ki mera doosare gaanvaka jaana ruk gaya aur mera jarooree kaam bigada़ gaya aur tum kahate ho ki 'jo eeshvar karata hai, sab bhaleke liye.' yah main kaise maanoon? abatak to eeshvarane mera koee bhala kiya ho, yah dekhanemen naheen aayaa: bura kiya hai, so to pratyaksh hai.'
pratyuttar dete hue bhagatane kahaa-'setha! tumhaaree drishti keval vartamaan kaalako hee dekh sakatee hai. bhavishyake garbh men tumhaaree drishti naheen pahunchatee. iseese tum aisa kah rahe ho, parantu main to ab bhee kahata hoon ki bhagavaan jo karata hai, vah hamaare hitake liye hee hota hai, bhale hee ham use n dekh saken.'
kuchh dinon baad bhagat sethake yahaan gaya, tab sethane usake paironmen pada़kar kahaa-'bhagatajee! tumhaaree sab baaten sachchee hain. yadi main us din naheen gira hota, to main jaroor shaharakee or gaya hota aur meree mrityu ho gayee hotee. tatha saath hee bahuta-sa dhan bhee chala jaataa. thagonko mere jaanekee khabar lag gayee thee aur unhonne mujhe maarakar mera dhan loot lenekee pooree saajish kee thee, parantu eeshvarane meree yaatra rokakar mujhe bacha liyaa. sooleeke kashtako kaanta gada़aakar eeshvarane door kar diya aur moorkh kaanta gada़ jaaneke kaaran apanee laaparavaaheeko dosh deneke badale eeshvarako dosh dene lagaa.'
[ brahmaleen sant svaamee shreechidaanandajee sarasvatee, sihoravaale]

137 Views





Bhajan Lyrics View All

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,

New Bhajan Lyrics View All

थांसु विनती करा हां बारंबार, सुनो जी
खाटु का राजा मेहर करो॥
आ गए खाटू आ गए, श्याम से मिलने खाटू आ
अम्बे अम्बे रटो चली आएगी भवानी,
आएगी भवानी चली आएगी भवानी,
जब भी मुझको याद करोगे,
जब भी मुझको याद करोगे मैं आऊंगा,
राम की सेना का बन कर के नायक सेना की
हाथों में लेकर बजरंगबली भगवा ध्वज