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ज्ञानका मोल  [Story To Read]
Hindi Story - Short Story (Moral Story)

ज्ञानका मोल

चीनी यात्री ह्यू-एन-त्सांगने नालन्दा विश्वविद्यालय में शिक्षा पूर्णकर कुछ दिनोंतक अध्यापन कार्य भी किया। तत्पश्चात् उसने स्वदेश जानेका निश्चय किया। पन्द्रह चीनी विद्यार्थियोंको जब यह खबर लगी कि ह्यू-एन त्सांग चीन जा रहे हैं, तो वे भी उसके साथ हो लिये, ताकि उसके सत्संगका अवसर प्राप्त हो। ह्यू-एन त्सांगने नालन्दामें अध्यापन करते वक्त कुछ ग्रन्थ लिखे थे तथा कुछ खरीदे भी थे, वे उन्हें भी अपने साथ ले जा रहे थे।
एक नौका तय की गयी और वे सब लोग ग्रन्थों सहित वहाँसे रवाना हुए। उनका दुर्भाग्य ही कहिये कि रास्तेमें तूफान आया और नौका हिचकोले खाने लगी। नाविक ह्यू-एन-त्सांगसे बोला- 'महाशयजी ! यह नाव भारी हो गयी है। आगे जाना मुश्किल है। आप कृपया ये मोटी-मोटी पुस्तकें फेंक दें।' ह्यू-एन-त्सांग पसोपेशमें पड़ गये कि इतनेमें एक विद्यार्थी खड़ा हुआ और बोला- 'गुरुदेव ! इन पुस्तकोंको कदापि न फेंकियेगा; क्योंकि ये ज्ञानामृतसे परिपूर्ण हैं, जिनका हमारे देशवासियोंके लिये उपयोग हो सकेगा। हम यदि स्वदेश न भी पहुँचे, तो इससे किसीका नुकसान होनेवाला नहीं है।' यह कहकर उसने अपने साथियोंकी ओर देखा और वे सारे के-सारे विद्यार्थी बिना हिचक सागरमें कूद पड़े।



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jnaanaka mola

jnaanaka mola

cheenee yaatree hyoo-ena-tsaangane naalanda vishvavidyaalay men shiksha poornakar kuchh dinontak adhyaapan kaary bhee kiyaa. tatpashchaat usane svadesh jaaneka nishchay kiyaa. pandrah cheenee vidyaarthiyonko jab yah khabar lagee ki hyoo-en tsaang cheen ja rahe hain, to ve bhee usake saath ho liye, taaki usake satsangaka avasar praapt ho. hyoo-en tsaangane naalandaamen adhyaapan karate vakt kuchh granth likhe the tatha kuchh khareede bhee the, ve unhen bhee apane saath le ja rahe the.
ek nauka tay kee gayee aur ve sab log granthon sahit vahaanse ravaana hue. unaka durbhaagy hee kahiye ki raastemen toophaan aaya aur nauka hichakole khaane lagee. naavik hyoo-ena-tsaangase bolaa- 'mahaashayajee ! yah naav bhaaree ho gayee hai. aage jaana mushkil hai. aap kripaya ye motee-motee pustaken phenk den.' hyoo-ena-tsaang pasopeshamen pada़ gaye ki itanemen ek vidyaarthee khada़a hua aur bolaa- 'gurudev ! in pustakonko kadaapi n phenkiyegaa; kyonki ye jnaanaamritase paripoorn hain, jinaka hamaare deshavaasiyonke liye upayog ho sakegaa. ham yadi svadesh n bhee pahunche, to isase kiseeka nukasaan honevaala naheen hai.' yah kahakar usane apane saathiyonkee or dekha aur ve saare ke-saare vidyaarthee bina hichak saagaramen kood pada़e.

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