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मेहनतसे बदली किस्मत  [आध्यात्मिक कथा]
प्रेरक कथा - Hindi Story (Spiritual Story)

मेहनतसे बदली किस्मत

बटोरनके पिता अव्वल दर्जेके आलसी थे। इसलिये उनकी माली हालत खराब थी। बटोरनका असली नाम बटोही था, पर माता-पिताकी लापरवाहीने उसे बटोरन बना दिया। बटोरनकी एक छोटी बहन भी थी। वह अक्सर भूखसे दुखी होकर रोने लगती। बटोरन दूसरोंके
घर माँगने चला जाता। कुछ मिलनेपर वहीं खा लेता और अपनी बहनके लिये भी ले आता। माँ भी ऐसी थी कि पतिको कमानेके लिये नहीं समझाती, उलटे बेटेसे कहने लगी, बेटा! तू खाना मत लिया कर। चावल, आटा या कुछ अनाज ले लिया कर। घरमें पकाकर सब
खायेंगे। बेचारा बटोही घूम-घूमकर माँगता फिरता, इसीसे बच्चे कहने लगे, वह दिनभर बटोरता है। इसका नाम बटोरन रख दो। एक दिन बटोरनने अपने घरके पीछे सेमकी फलियाँ उगी हुई देखीं। उसने उन्हें तोड़कर एक थैलेमें डाल दिया। उस दिन वह जिसके यहाँ सबसे पहले गया, उसको वे फलियाँ देकर बोला-'मेरी माँने आपके लिये दी हैं।' वह महिला खुश हुई। आज उसने बटोरनको बिना इंतजार कराये अनाज दे दिया। बटोरनको बड़ा अजीब लगा। वैसे तो वह महिला जली-कटी सुनाती थी, फिर कहीं थोड़ा-सा अनाज देती थी। आज उसने माँगे बिना ही अनाज दे दिया, वह भी अधिक। बटोरनको अच्छा लगा। अगले दिन वह खूब सारी सेमकी फलियाँ तोड़कर दो थैले भर ले गया। अन्य घरोंमें भी उसने फलियाँ दीं। उनका 'रुख बदल गया। आज उसका किसीने न अपमान किया, न इन्तजार कराया। पहली बार बटोरनको अहसास हुआ कि किसीसे कुछ माँगकर लेनेसे अच्छा है, बदलेमें कुछ देना। यह सीख बटोरनके दिमागमें बैठ गयी। अब उसने घरके पिछवाड़ेकी सफाई की। वहाँ उसने छोटे-छोटे पौधे लगाये। टमाटर, खीरा, बैंगन, घीया, मिर्च, तुरई आदि । बटोरनको कड़ी मेहनत करते देख छोटी बहन और माता-पिता भी उसकी मदद करने लगे। अच्छी देख-रेखसे खूब सब्जियाँ लगीं। अब गाँवभरके लोग हरी सब्जियाँ ले जाते। बटोहीके घरकी स्थिति ही बदल गयी। लोग कहने लगे- वाह ! बटोही, तूने तो कमाल ही कर दिया। घरकी किस्मत ही बदल दी। बेटेकी समझदारी और मेहनतको देख, आलसी और गप्पी पिताको भी अकल आ गयी। बटोहीका परिवार खुशहाल हो गया।
केवल लेनेसे अच्छा है, बदलेमें कुछ देकर लेना।



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mehanatase badalee kismata

mehanatase badalee kismata

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ghar maangane chala jaataa. kuchh milanepar vaheen kha leta aur apanee bahanake liye bhee le aataa. maan bhee aisee thee ki patiko kamaaneke liye naheen samajhaatee, ulate betese kahane lagee, betaa! too khaana mat liya kara. chaaval, aata ya kuchh anaaj le liya kara. gharamen pakaakar saba
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keval lenese achchha hai, badalemen kuchh dekar lenaa.

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