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प्रभु-प्राप्तिका मार्ग  [Spiritual Story]
Moral Story - Hindi Story (Wisdom Story)

प्रभु-प्राप्तिका मार्ग

द्वितीय सिक्खगुरु अंगददेवजीका पूर्वनाम लहिणा था। तीर्थयात्रा करते समय एक बार उनकी मुलाकात आदिगुरु नानकदेवसे हुई और उनके ज्ञानसे प्रभावित हो वे उनके होकर रह गये। एक बार नानकदेवने अपने ज्येष्ठ पुत्र श्रीचन्दसे पूछा - 'तुझे किस वस्तुकी इच्छा है ?' श्रीचन्दने उत्तर दिया- 'मुझे ईश्वर भक्तिके अलावा और कुछ नहीं चाहिये।' तब उन्होंने अपने कनिष्ठ पुत्र लक्ष्मीचन्दसे भी यही प्रश्न किया। वह बोला- 'मेरी अभिलाषा धन सम्पत्ति प्राप्त करनेकी है।' इसपर नानकदेवने लक्ष्मीचन्दको काफी धन दिया तथा श्रीचन्दको आशीर्वाद दिया- 'जा,तुझे वैराग्य प्राप्त हो।' समीप ही लहिणा भी खड़े हुए थे। नानकदेवने उनसे भी अपनी अभिलाषा व्यक्त करनेको कहा। इसपर लहिणा गद्गद कण्ठसे बोले-'दीनबन्धो! मुझे न तो प्रभुके दर्शनकी इच्छा है, न ही धन-वैभवकी, बल्कि मुझे गुरु और गुरु-सेवकोंकी सेवा करनेका अवसर मिले, तो मैं अपने आपको धन्य समझँगा।'
गुरु नानक भाव-विभोर हो लहिणासे बोले 'पुत्र ! जो ईश्वरके बन्दोंकी सेवा करना चाहता है, प्रभु उसीको प्राप्त होते हैं। सेवा-धर्मको समझनेके कारण गुरु-गद्दीका सच्चा अधिकारी तो तू ही है।'



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prabhu-praaptika maarga

prabhu-praaptika maarga

dviteey sikkhaguru angadadevajeeka poorvanaam lahina thaa. teerthayaatra karate samay ek baar unakee mulaakaat aadiguru naanakadevase huee aur unake jnaanase prabhaavit ho ve unake hokar rah gaye. ek baar naanakadevane apane jyeshth putr shreechandase poochha - 'tujhe kis vastukee ichchha hai ?' shreechandane uttar diyaa- 'mujhe eeshvar bhaktike alaava aur kuchh naheen chaahiye.' tab unhonne apane kanishth putr lakshmeechandase bhee yahee prashn kiyaa. vah bolaa- 'meree abhilaasha dhan sampatti praapt karanekee hai.' isapar naanakadevane lakshmeechandako kaaphee dhan diya tatha shreechandako aasheervaad diyaa- 'ja,tujhe vairaagy praapt ho.' sameep hee lahina bhee khada़e hue the. naanakadevane unase bhee apanee abhilaasha vyakt karaneko kahaa. isapar lahina gadgad kanthase bole-'deenabandho! mujhe n to prabhuke darshanakee ichchha hai, n hee dhana-vaibhavakee, balki mujhe guru aur guru-sevakonkee seva karaneka avasar mile, to main apane aapako dhany samajhangaa.'
guru naanak bhaava-vibhor ho lahinaase bole 'putr ! jo eeshvarake bandonkee seva karana chaahata hai, prabhu useeko praapt hote hain. sevaa-dharmako samajhaneke kaaran guru-gaddeeka sachcha adhikaaree to too hee hai.'

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मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
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मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
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राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
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गजानन आ जाना.. गजानन आ जाना..
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