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ब्राह्मणीके द्वारा जीवरक्षा  [प्रेरक कथा]
हिन्दी कहानी - प्रेरक कथा (Hindi Story)

भावनगर राज्यके खेडियार माताके मन्दिरमें चण्डी पाठका अनुष्ठान चल रहा था। इसी बीचमें एक दिन चैत्र कृष्ण पञ्चमीको महाराज श्रीभावसिंहजी महाराजका जन्मदिन था। अतएव खेडियार माताकी विशेष पूजाके लिये महाराजके हजूरी खेडियार मन्दिरमें आये। पूजाकी सामग्री, भोग तथा बलिदानके लिये एक बकरा वे साथ लाये थे। उनके साथ प्रबन्धके लिये थानेदार तथा कुछ सिपाही भी थे।

अनुष्ठानके आचार्य भट्ट जयराम पुरुषोत्तमकी धर्मपत्नी श्रीमती कस्तूरीबाई वहाँ थीं। उन्होंने जब सुना कि माताजीके भोगके लिये बकरेकी बलि दी जायगी तबउनको बड़ा क्षोभ हुआ। उन्होंने सोचा- 'क्या माताजी बकरेकी हिंसाके भोगसे प्रसन्न होंगी ? नहीं नहीं, ऐसा नहीं होगा। मैं ब्राह्मणकी बाला यहाँ बैठी हूँ। मेरा मस्तक चाहे उतर जाय, मैं बकरेकी बलि नहीं होने दूँगी।' यह दृढ़ विचार करके कस्तूरीबाई माताजीके द्वारके पास जाकर बैठ गयीं।

हजूरीजी पूजन-सामग्री के साथ पधारे। बकरेको स्नान करवाकर देवीजीके सामने खड़ा किया गया। थानेदार साथ थे। ब्राह्मणीके पूछनेपर हजूरीने बताया कि 'महाराज साहबके जन्मदिनके अवसरपर देवीजीकी पूजाके लिये बकरेकी बलि दी जायगी।' ब्राह्मणीनेकहा—'जबतक मैं यहाँ बैठी हूँ बकरेका बलिदान नहीं हो सकता। किसी जीवके मांससे ही देवीजी प्रसन्न होती हों तो बकरेके बदले इस ब्राह्मणपुत्रीका बलिदान कर दीजिये।' उन्होंने बड़ी दृढ़तासे अपना निश्चय बतलाया ।

हजूरी तथा थानेदारने ब्राह्मणीको बहुत समझाया। महाराज साहबके नाराज होनेका डर भी दिखलाया। हमलोग वहाँ जाकर क्या उत्तर देंगे-यों अपनी मजबूरी भी व्यक्त की; परंतु ब्राह्मणी अपने निश्चयसे जरा भी नहीं हिलीं। वे बोलीं— "आप जाकर महाराज बहादुरसे कह दीजिये कि 'एक ब्राह्मणकी लड़कीने हमें बलिदान नहीं करने दिया।' फिर महाराज बहादुर जो कुछ दण्डदेंगे सो मुझे स्वीकार होगा।" ब्राह्मणीके प्रभावसे हजूरीने अपना आग्रह छोड़ दिया। बकरेके कानके पाससे जरा-सा खून लेकर उससे देवीजीके तिलक कर दिया। बकरा छोड़ दिया गया।

हजूरीने देवीजीका पूजन करके कसार- लपसीका भोग लगाया और उसी भोगको लेकर वे महाराजाके पास गये। बकरेका बलिदान न करनेकी सारी घटना उन्होंने सुनायी। गुणग्राही महाराज सुनकर प्रसन्न हुए और उसी दिनसे जन्म-दिनपर होनेवाला जीवोंका बलिदान बंद कर दिया गया।



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braahmaneeke dvaara jeevarakshaa

bhaavanagar raajyake khediyaar maataake mandiramen chandee paathaka anushthaan chal raha thaa. isee beechamen ek din chaitr krishn panchameeko mahaaraaj shreebhaavasinhajee mahaaraajaka janmadin thaa. ataev khediyaar maataakee vishesh poojaake liye mahaaraajake hajooree khediyaar mandiramen aaye. poojaakee saamagree, bhog tatha balidaanake liye ek bakara ve saath laaye the. unake saath prabandhake liye thaanedaar tatha kuchh sipaahee bhee the.

anushthaanake aachaary bhatt jayaraam purushottamakee dharmapatnee shreematee kastooreebaaee vahaan theen. unhonne jab suna ki maataajeeke bhogake liye bakarekee bali dee jaayagee tabaunako bada़a kshobh huaa. unhonne sochaa- 'kya maataajee bakarekee hinsaake bhogase prasann hongee ? naheen naheen, aisa naheen hogaa. main braahmanakee baala yahaan baithee hoon. mera mastak chaahe utar jaay, main bakarekee bali naheen hone doongee.' yah dridha़ vichaar karake kastooreebaaee maataajeeke dvaarake paas jaakar baith gayeen.

hajooreejee poojana-saamagree ke saath padhaare. bakareko snaan karavaakar deveejeeke saamane khada़a kiya gayaa. thaanedaar saath the. braahmaneeke poochhanepar hajooreene bataaya ki 'mahaaraaj saahabake janmadinake avasarapar deveejeekee poojaake liye bakarekee bali dee jaayagee.' braahmaneenekahaa—'jabatak main yahaan baithee hoon bakareka balidaan naheen ho sakataa. kisee jeevake maansase hee deveejee prasann hotee hon to bakareke badale is braahmanaputreeka balidaan kar deejiye.' unhonne bada़ee dridha़taase apana nishchay batalaaya .

hajooree tatha thaanedaarane braahmaneeko bahut samajhaayaa. mahaaraaj saahabake naaraaj honeka dar bhee dikhalaayaa. hamalog vahaan jaakar kya uttar denge-yon apanee majabooree bhee vyakt kee; parantu braahmanee apane nishchayase jara bhee naheen hileen. ve boleen— "aap jaakar mahaaraaj bahaadurase kah deejiye ki 'ek braahmanakee lada़keene hamen balidaan naheen karane diyaa.' phir mahaaraaj bahaadur jo kuchh dandadenge so mujhe sveekaar hogaa." braahmaneeke prabhaavase hajooreene apana aagrah chhoda़ diyaa. bakareke kaanake paasase jaraa-sa khoon lekar usase deveejeeke tilak kar diyaa. bakara chhoda़ diya gayaa.

hajooreene deveejeeka poojan karake kasaara- lapaseeka bhog lagaaya aur usee bhogako lekar ve mahaaraajaake paas gaye. bakareka balidaan n karanekee saaree ghatana unhonne sunaayee. gunagraahee mahaaraaj sunakar prasann hue aur usee dinase janma-dinapar honevaala jeevonka balidaan band kar diya gayaa.

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