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भक्तकी रक्षा  [Story To Read]
आध्यात्मिक कहानी - Hindi Story (Hindi Story)

एक भक्त ब्राह्मणदम्पति थे। उनके मनमें सदा यह इच्छा बनी रहती थी कि 'हम कहाँ जायँ जिससे हमें भगवान्‌के दर्शन हो जायँ ।' अन्तमें उन्होंने वृन्दावन जानेका निश्चय किया और वे चल पड़े। गोवर्द्धनके पास रात हो गयी। वे वहाँठहरनेका विचार करके पासकी एक बस्तीमें चले गये। उसी समय स्त्रीको दिखायी पड़ा कि गोवर्द्धन पर्वतपर श्रीकृष्ण और श्रीराधा बैठे हैं और यहाँ ठहरनेको मने कर रहे हैं। स्त्री अपने पतिके साथ वहाँसे चली गयी।वास्तवमें वह डोमोंकी बस्ती थी। डोमोंने यह सोचा था कि 'इनको मारकर इनका धन ले लेंगे।' वहाँसे जानेपर उनको स्वप्र हुआ कि 'वह डोमोंकीबस्ती थी। उनका विचार तुमलोगोंको मारनेका था। इसलिये हमने तुमको मना किया था।'

भगवान् सबकी रक्षा करते ही हैं।



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bhaktakee rakshaa

ek bhakt braahmanadampati the. unake manamen sada yah ichchha banee rahatee thee ki 'ham kahaan jaayan jisase hamen bhagavaan‌ke darshan ho jaayan .' antamen unhonne vrindaavan jaaneka nishchay kiya aur ve chal pada़e. govarddhanake paas raat ho gayee. ve vahaanthaharaneka vichaar karake paasakee ek basteemen chale gaye. usee samay streeko dikhaayee pada़a ki govarddhan parvatapar shreekrishn aur shreeraadha baithe hain aur yahaan thaharaneko mane kar rahe hain. stree apane patike saath vahaanse chalee gayee.vaastavamen vah domonkee bastee thee. domonne yah socha tha ki 'inako maarakar inaka dhan le lenge.' vahaanse jaanepar unako svapr hua ki 'vah domonkeebastee thee. unaka vichaar tumalogonko maaraneka thaa. isaliye hamane tumako mana kiya thaa.'

bhagavaan sabakee raksha karate hee hain.

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