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शरीरका सदुपयोग  [हिन्दी कहानी]
बोध कथा - Moral Story (Hindi Story)

एक समय स्वामी विवेकानन्दको इस बातका बड़ा दुःख हुआ कि उन्होंने अभीतक ईश्वरका दर्शन नहीं किया, भगवान्‌की अनुभूति नहीं प्राप्त की। उस समय वे परिव्राजक जीवनमें थे। उन्होंने अपने-आपको धिक्कारा कि मैं कितना अभागा हूँ कि मनुष्य शरीर पाकर भी ईश्वरका साक्षात्कार नहीं कर सका। उन्हें बड़ी आत्मग्लानि हुई।

उन्होंने वनमें प्रवेश किया। सूर्य अस्ताचलको जा चुके थे। समस्त वन अन्धकारसे परिपूर्ण था। स्वामीजी भूखसे विह्वल थे। थोड़े ही समयके बाद उन्हें एक शेरदीख पड़ा। स्वामीजी प्रसन्नतासे नाच उठे। 'भगवान्ने ठीक समयपर इस शेरको भेजा है। बेचारा भूखा है। मैं भी भूखा हूँ। पर मैं अपने शरीरको इससे बचाऊँ क्यों ? इस शरीरके द्वारा मैं ईश्वरका साक्षात्कार नहीं कर सका, इसलिये इसको रखनेका कोई उद्देश्य ही नहीं है।'

स्वामीजीने ऐसा सोचकर अपने-आपको सौंप देनेका निश्चय किया। वे सिंहके सामने खड़े हो गये उसके खाद्यरूपमें, पर शेरकी हिंसात्मक वृत्ति उनके दर्शनसे बदल गयी और वह दूसरे रास्तेपर चला गया।



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shareeraka sadupayoga

ek samay svaamee vivekaanandako is baataka baड़a duhkh hua ki unhonne abheetak eeshvaraka darshan naheen kiya, bhagavaan‌kee anubhooti naheen praapt kee. us samay ve parivraajak jeevanamen the. unhonne apane-aapako dhikkaara ki main kitana abhaaga hoon ki manushy shareer paakar bhee eeshvaraka saakshaatkaar naheen kar sakaa. unhen bada़ee aatmaglaani huee.

unhonne vanamen pravesh kiyaa. soory astaachalako ja chuke the. samast van andhakaarase paripoorn thaa. svaameejee bhookhase vihval the. thoda़e hee samayake baad unhen ek sheradeekh pada़aa. svaameejee prasannataase naach uthe. 'bhagavaanne theek samayapar is sherako bheja hai. bechaara bhookha hai. main bhee bhookha hoon. par main apane shareerako isase bachaaoon kyon ? is shareerake dvaara main eeshvaraka saakshaatkaar naheen kar saka, isaliye isako rakhaneka koee uddeshy hee naheen hai.'

svaameejeene aisa sochakar apane-aapako saunp deneka nishchay kiyaa. ve sinhake saamane khada़e ho gaye usake khaadyaroopamen, par sherakee hinsaatmak vritti unake darshanase badal gayee aur vah doosare raastepar chala gayaa.

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