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हस्त-लेखका मूल्य  [प्रेरक कहानी]
प्रेरक कथा - प्रेरक कहानी (हिन्दी कहानी)

1925 के जूनमें, जब गांधीजीका खादी-प्रचार तथा चरखा उद्योगका प्रयत्न चल रहा था, देशबन्धु चितरञ्जन दासने उनसे दार्जिलिंगमें अपने यहाँ ठहरकर कुछ दिन विश्राम करनेका नम्र प्रस्ताव रखा। गांधीजीने वहाँ पाँच दिन ठहरना स्वीकार कर लिया। अब देशबन्धुजीका घर एक आकर्षणका केन्द्र बन गया और दार्जिलिंगका पर्वतीय स्थान चरखोंसे गूँज उठा।

उन दिनों गांधीजीके पास फोटोग्राफरों तथा स्वहस्त लेख- याचकों (autograph hunters) की खासी भीड़ सी रहती। पर गांधीजी उन लोगोंसे अपना मूल्य कुछ ले लेते। वे कहते कि हमारा मूल्य आधुनिक है और वह है * आधा घंटा प्रतिदिन चरखा कातना और खादी धारण करना।'एक दिन एक लड़की अपनी स्वहस्त-लेख-संग्रह पुस्तिका (autograph book ) - के साथ महात्मा गांधीके पास आयी। जब गांधीजीने परिस्थिति बतलायी, तब उसने वैसा करने (चर्खा कातने तथा खादी पहनने) -की प्रतिज्ञा की। गांधीजीने – 'तो धन्यवाद ! लो, मैं यह अपना स्वहस्त-लेख (autograph) दिये देता हूँ,' कहते हुए यों उसकी पुस्तिकापर लिख दिया- 'Never make a promise in haste. Having once made a promise, fulfil it even at the cost of your life. (जल्दीमें कभी कोई प्रतिज्ञा न करो। पर एक बार प्रतिज्ञा कर लेनेपर उसे प्राणपणसे निभा दो ।) '

-जा0 श0



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hasta-lekhaka moolya

1925 ke joonamen, jab gaandheejeeka khaadee-prachaar tatha charakha udyogaka prayatn chal raha tha, deshabandhu chitaranjan daasane unase daarjilingamen apane yahaan thaharakar kuchh din vishraam karaneka namr prastaav rakhaa. gaandheejeene vahaan paanch din thaharana sveekaar kar liyaa. ab deshabandhujeeka ghar ek aakarshanaka kendr ban gaya aur daarjilingaka parvateey sthaan charakhonse goonj uthaa.

un dinon gaandheejeeke paas photograapharon tatha svahast lekha- yaachakon (autograph hunters) kee khaasee bheeda़ see rahatee. par gaandheejee un logonse apana mooly kuchh le lete. ve kahate ki hamaara mooly aadhunik hai aur vah hai * aadha ghanta pratidin charakha kaatana aur khaadee dhaaran karanaa.'ek din ek lada़kee apanee svahasta-lekha-sangrah pustika (autograph book ) - ke saath mahaatma gaandheeke paas aayee. jab gaandheejeene paristhiti batalaayee, tab usane vaisa karane (charkha kaatane tatha khaadee pahanane) -kee pratijna kee. gaandheejeene – 'to dhanyavaad ! lo, main yah apana svahasta-lekh (autograph) diye deta hoon,' kahate hue yon usakee pustikaapar likh diyaa- 'Never make promise in haste. Having once made promise, fulfil it even at the cost of your life. (jaldeemen kabhee koee pratijna n karo. par ek baar pratijna kar lenepar use praanapanase nibha do .) '

-jaa0 sha0

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